Mumbai Jain Temple: मुंबई जैन समाज की चेतावनी, 'BMC ने मंदिर का नहीं किया पुनर्निर्माण तो...'
Mumbai Jain Mandir: मुंबई के दिगंबर जैन मंदिर के ट्रस्टी अनिल शाह ने कहा कि मंदिर 1962 से वहां है. बीएमसी द्वारा ध्वस्तीकरण की कार्रवाई गलत है. जैन समाज इस मसले को अल्पसंख्यक आयोग के सामने उठाएगा.

Mumbai Jain Mandir News: मुंबई के विले पार्ले में 90 साल पुराने दिगंबर जैन मंदिर को बीएमसी द्वारा तोड़े जाने के तीन दिन बाद भी जैन समुदाय के लोगों की नाराजगी थमने का नाम नहीं ले रहा है. बीएमसी की कार्रवाई के खिलाफ जैन समुदाय के लोगों का विरोध प्रदर्शन मंगलवार को भी जारी है. इस बीच विले पार्ले जैन मंदिर के कुछ हिस्सों को 16 अप्रैल को तोड़े जाने के को लेकर जैन समाज के लोगों ने बृहन्मुंबई नगर निगम के अधिकारियों से मुलाकात की.
बीएमसी के अफसरों से बातचीत के दौरान जैन समुदाय के लोगों ने निगम से तोड़े गए हिस्से का नए सिरे से बनवाने की मांग की है. दूसरी तरफ मुंबई म्युनिसिपल इंजीनियर्स यूनियन (एमएमईयू) ने म्युनिसिपल कमिश्नर भूषण गगरानी को लिखे पत्र में प्रशासन के उस फैसले पर सवाल उठाया है जिसके तहत सहायक म्युनिसिपल कमिश्नर नवनाथ घाडगे को के/ईस्ट वार्ड से स्थानांतरित कर दिया गया. बता दें कि सहायक म्युनिसिपल कमिश्नर नवनाथ घाडगे की देखरेख में ही जैन मंदिर को तोड़ा गया.
ध्वस्तीकरण की कार्रवाई MRTP एक्ट के खिलाफ- अनिल शाह
इंडियन एक्सप्रेस ने दिगंबर जैन मंदिर के ट्रस्टी अनिल शाह के हवाले से कहा है कि बीएमसी के विधि विभाग ने अगस्त 2013 के प्रस्ताव में मंदिर के तोड़े गए ढांचे को वैध करार दिया था। विधि विभाग के प्रस्ताव में कहा गया है कि महाराष्ट्र क्षेत्रीय नगर नियोजन (एमआरटीपी) अधिनियम के अनुसार 1962 से पहले के अस्तित्व वाले ढांचे के खिलाफ किसी भी कार्रवाई पर रोक है. ऐसे में जैन मंदिर को ध्वस्त नहीं किया जा सकता.
अनिल शाह ने कहा, "मंदिर 1962 से ही वहां है और शहर के सर्वेक्षण प्लान में भी इसकी मौजूदगी को स्वीकार किया गया है। इसलिए हमने नगर निगम अधिकारियों के सामने मांग रखी है कि ध्वस्त किए गए हिस्से का पुनर्निर्माण कराया जाए। इस मसले को जैन समाज अल्पसंख्यक आयोग के सामने भी उठाएगा."
क्या है जैन मंदिर से विवाद?
मुंबई के विले पार्ले इलाके में एक जैन सोसाइटी है. सोसाइटी के भीतर 3 दशक पहले जैन मंदिर का निर्माण कराया गया था. सोसाइटी के बाहर ही राधा-कृष्ण नाम का एक होटल है. सोसाइटी के लोगों का आरोप है कि कुछ साल पहले होटल मालिक ने उनके मंदिर के खिलाफ बीएमसी में शिकायत कर कहा था कि जैन मंदिर का निर्माण अवैध है.
होटल मालिक की शिकायत के आधार पर बीएमसी ने तोड़फोड़ की कार्रवाई का आदेश दिया था, लेकिन जैन सोसाइटी ने मुंबई हाईकोर्ट में इसके खिलाफ याचिका दायर किया. बॉम्बे हाईकोर्ट ने कार्रवाई पर 15 अप्रैल तक रोक लगा दी थी, लेकिन स्टे आर्डर की मियाद पूरी होते ही बीएमसी के अधिकारी बुलडोजर के साथ मंदिर में पहुंचे और मंदिर को तोड़ दिया.
बीएमसी अफसर को निलंबित करने की मांग
बीएमसी की कार्रवाई से नाराज जैन समाज के लोगों ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को इसकी जानकारी दी है. जैन समुदाय के लोगों ने तोड़फोड़ की कार्रवाई का आदेश देने वाले बीएमसी अधिकारी को निलंबित करने की मांग की है.
Source: IOCL





















