मुंबई बंधक केस: QRT थी फिर भी स्थानीय पुलिस ने अपहरणकर्ता को गोली क्यों मारी? अब होगी जांच
Mumbai Hostage Case: मुंबई के पवई बंधक प्रकरण में किडनैपर रोहित आर्य के एनकाउंटर की जांच अब क्राइम ब्रांच करेगी. जांच में यह भी देखा जाएगा कि QRT मौजूद होने के बावजूद स्थानीय पुलिस ने गोली क्यों चलाई.

मुंबई के पवई इलाके में बच्चों को बंधक बनाने का मामला और अपहरणकर्ता रोहित आर्य के एनकाउंटर की जांच अब मुंबई क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई है. इस जांच के दौरान क्राइम ब्रांच न केवल आर्य की तीन महीने पुरानी अपहरण साजिश की तहकीकात करेगी, बल्कि यह भी जांचेगी कि जब मौके पर क्विक रिस्पॉन्स टीम (QRT) मौजूद थी, तब भी स्थानीय पुलिस टीम ने इमारत में घुसकर गोली चलाने का फैसला क्यों किया.
सूत्रों के अनुसार, जांच में यह देखा जाएगा कि एपीआई अमोल वाघमारे ने प्रोटोकॉल का पालन किया या नहीं, उन्होंने किन परिस्थितियों में फायरिंग की, और जब आर्य के साथ बातचीत चल रही थी, तब स्थानीय पुलिस ने अंदर घुसने का निर्णय क्यों लिया. एक अधिकारी ने बताया, “पूरी जांच निर्णय-श्रृंखला, मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) और एनकाउंटर के दौरान लिए गए निर्णयों पर केंद्रित होगी.”
क्या है मुंबई पुलिस का कहना?
मुंबई पुलिस संरचना के अनुसार, QRT का मुख्यालय कलिना में स्थित है और यह जॉइंट कमिश्नर (इंटेलिजेंस) के अंतर्गत आता है. घटना की जानकारी मिलते ही QRT टीम को सक्रिय किया गया, जो लगभग 40 मिनट में पवई घटनास्थल पर पहुंची. आमतौर पर QRT की एक टीम आपातकालीन कॉल मिलने के 20 मिनट के भीतर तैयार रहती है, हालांकि दूरी के अनुसार यात्रा का समय बदलता है.
मौके पर पहुंचने के बाद QRT टीम ने एडिशनल कमिश्नर वेस्ट रीजन को रिपोर्ट दी, जो उस समय स्थल पर मौजूद वरिष्ठतम अधिकारी थे. क्षेत्रीय QRT टीमों को भी तैनात किया गया था, पर उन्हें स्टैंडबाय पर रखा गया, क्योंकि DCP (ज़ोन 10) दत्ता नलवाडे और उनकी स्थानीय टीम को भरोसा था कि वे बिना गोलीबारी के बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाल सकते हैं.
QRT अधिकारी ने दी ये जानकारी
एक QRT अधिकारी ने बताया, “अगर हमारी टीम अंदर जाती, तो कई हताहत हो सकते थे, क्योंकि QRT असॉल्ट हथियारों जैसे AK-47, MP5, शॉटगन और Glock पिस्तौल का इस्तेमाल करती है. हमारी हर टैक्टिकल एंट्री ‘1+5’ हिट रेशियो में होती है.”
वेस्ट रीजन के एडिशनल कमिश्नर ने भी स्थानीय टीम को बातचीत जारी रखने की अनुमति दी. इस दौरान API अमोल वाघमारे और उनकी टीम सिविल ड्रेस में इमारत के अंदर स्थिति का आकलन करने पहुंचे. एक अधिकारी फोन पर आर्य से बातचीत कर रहा था, जबकि वाघमारे की टीम बाथरूम की खिड़की से अंदर घुसी और फिर हॉल तक पहुंची जहां आमना-सामना हुआ.
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि वाघमारे ने आत्मरक्षा में एक गोली चलाई, जो आर्य के सीने में लगी और मौके पर ही उसकी मौत हो गई. अब क्राइम ब्रांच यह जांचेगी कि गोली पैर में चलाने के बजाय सीने पर क्यों चलाई गई, जबकि SOP के अनुसार घातक निशाना अंतिम विकल्प होता है. वाघमारे का औपचारिक बयान अभी दर्ज किया जाना बाकी है.
अधिकारियों के अनुसार, प्रोटोकॉल यह कहता है कि QRT जैसी विशेष टीमें तभी प्रवेश करती हैं जब स्थानीय पुलिस की बातचीत और प्रयास असफल हो जाते हैं और वरिष्ठ अधिकारी अनुमति देते हैं. “जब तक स्थानीय पुलिस को भरोसा होता है कि वह बंधकों को सुरक्षित निकाल सकती है, तब तक QRT स्टैंडबाय पर रहती है. यदि स्थिति नियंत्रण से बाहर जाती है, तो Force One और आवश्यकता पड़ने पर NSG को बुलाया जाता है.”
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Source: IOCL





















