महाराष्ट्र ओलिंपिक संघ के महासचिव नमदेव शिरगांवकर को राहत, पुणे कोर्ट से मिली जमानत
Namdev Shirgaonkar Gets Bail: पुणे सेशन कोर्ट ने एडवोकेट प्रशांत पाटिल की ओर से पेश किए गए तर्कों को स्वीकार किया. उन्होंने अदालत को बताया कि शिरगांवकर की हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता नहीं है.

महाराष्ट्र ओलिंपिक संघ (Maharashtra Olympic Association) के चुनाव से जुड़े मामले में पुणे पुलिस ने संघ के महासचिव नमदेव शिरगांवकर के खिलाफ एक मामला दर्ज किया है. यह मामला 28 अक्टूबर को दर्ज किया गया था. अब पुणे सेशन कोर्ट ने शिरगांवकर को अग्रिम जमानत संरक्षण (Anticipatory Bail Protection) दी, जिससे वे आगामी 2 नवंबर को होने वाले संघ के चुनाव में भाग ले सकेंगे.
सत्र न्यायाधीश ने एडवोकेट प्रशांत पाटिल की ओर से पेश किए गए तर्कों को स्वीकार किया. उन्होंने अदालत को बताया कि शिरगांवकर की हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि उन्होंने जांच एजेंसी को सभी जरूरी दस्तावेज पहले ही सौंप दिए हैं.
कोर्ट ने एडवोकेट की दलील पर जताया भरोसा
अदालत ने एडवोकेट प्रशांत पाटिल की इस दलील पर भरोसा जताया कि महासचिव के रूप में शिरगांवकर ने गुजरात में आयोजित 36वें राष्ट्रीय खेलों की ऑडिट रिपोर्ट और गोवा में हुए 37वें राष्ट्रीय खेलों की विस्तृत ऑडिट रिपोर्ट पहले ही जमा की है.
शिरगांवकर की पुलिस हिरासत की जरूरत नहीं-वकील
वहीं, उत्तराखंड में होने वाले 38वें राष्ट्रीय खेलों के लिए महाराष्ट्र सरकार ने ओलिंपिक संघ को दो माह का समय दिया है. एडवोकेट प्रशांत पाटिल ने दलील दी कि यह पूरा मामला दस्तावेजी सबूतों पर आधारित है, और संबंधित दस्तावेज पहले से ही पुलिस विभाग की सुरक्षित अभिरक्षा में हैं. ऐसे में शिरगांवकर की पुलिस हिरासत की कोई आवश्यकता नहीं है.
नमदेव शिरगांवकर को कुछ शर्तों के साथ जमानत
अदालत ने नमदेव शिरगांवकर को कुछ शर्तों के साथ जमानत दी है. अदालत ने निर्देश दिया है कि शिरगांवकर को पुलिस स्टेशन में उपस्थित होना होगा, जब पुलिस उन्हें बुलाएगी. साथ ही, अदालत ने यह भी आदेश दिया है कि पुलिस विभाग शिरगांवकर को पुलिस स्टेशन बुलाने से कम से कम 48 घंटे पहले इसकी सूचना दे.
नमदेव शिरगांवकर पर क्या है आरोप?
आपको बता दें कि महाराष्ट्र ओलिंपिक संघ (MOA) के महासचिव नमदेव शिरगांवकर के खिलाफ पुणे पुलिस ने सरकारी धन के दुरुपयोग और वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में मामला दर्ज किया है. आरोप है कि उन्होंने विभिन्न राष्ट्रीय खेलों के लिए दिए गए सरकारी फंड का हिसाब नहीं दिया.
संदीप उत्तमराव भोंदवे ने की थी शिकायत
यह शिकायत संदीप उत्तमराव भोंदवे, कार्याध्यक्ष महाराष्ट्र राज्य कुस्ती संघ द्वारा दर्ज कराई गई. आरोप लगाया की खेल व युवक सेवा संचालनालय की बार-बार की गई याद दिलाने के बावजूद शिरगांवकर ने वित्तीय रिपोर्ट जमा नहीं की थी. पुलिस के अनुसार, महाराष्ट्र सरकार ने ओलिंपिक संघ को विभिन्न राष्ट्रीय खेलों में भागीदारी के लिए कुल 12.45 करोड़ रुपये की राशि दी थी, जिसमें से 3.5 करोड़ रुपये गोवा नेशनल गेम्स (अक्टूबर 2023) और 4.95 करोड़ रुपये उत्तराखंड नेशनल गेम्स (जनवरी 2025) के लिए थे.
भोंदवे का आरोप है कि यह धनराशि शिरगांवकर के करीबी सहयोगियों और रिश्तेदारों से जुड़ी संस्थाओं के माध्यम से गलत तरीके से खर्च की गई. 26 सितंबर को डायरेक्टरेट ने उन्हें 3 अक्टूबर तक खाते प्रस्तुत करने का नोटिस भेजा था, लेकिन वे निर्धारित समय में ऐसा नहीं कर पाए. इसके विरोध में कुस्ती संघ के सदस्यों ने 27 अक्टूबर को पुणे पुलिस कमिश्नरेट के बाहर प्रदर्शन किया.
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Source: IOCL






















