Maharashtra Rain: 'महाराष्ट्र में भारी बारिश से हाहाकार, कहां गायब है सरकार?', संजय राउत का सवाल
Maharashtra Politics: शिवसेना UBT ने कहा कि मराठवाड़ा व सोलापुर में बारिश से 27 लाख हेक्टेयर फसलें बर्बाद हो चुकी है. उन्होंने सामना में लेख के जरिए सरकार पर ऐसे समय में गायब होने का आरोप लगाया है.

महाराष्ट्र में इन दिनों कई जिलों में भारी बारिश का दौर जारी है. कई जगहों पर स्थिति इतनी खराब है कि स्कूल और कॉलेज भी बंद करने पड़े हैं. मराठवाड़ा और सोलापुर समेत महाराष्ट्र के कई जिलों में बादल फटने से फसलें बर्बाद हो गई है. इसी बात पर विपक्ष सरकार से सवाल पूछ रही है कि 'ऐसे वक्त में सरकार कहां गायब है?'
शिवसेना यूबीटी के मुखपत्र सामना के संपादकीय “गीले अकाल का हाहाकार… कहां है सरकार?” में सरकार पर आरोप लगाया गया कि इस संकट के बीच प्रशासन और राहत दोनों नदारद हैं. किसानों के लिए यह दशकों में सबसे बड़ा संकट माना जा रहा है.
मराठवाड़ा और पड़ोसी जिलों में भारी नुकसान
शिवसेना यूबीटी का कहना है कि अगस्त से लगातार हो रही बारिश ने मराठवाड़ा, बीड, धाराशिव, लातूर, नांदेड़ और सोलापुर के खेतों को झीलों में बदल दिया है. धाराशिव के 24 मंडलों और बीड के 29 मंडलों में पिछले कुछ दिनों रातभर भारी बारिश हुई. नदी-नाले उफान पर हैं और कई गांवों में बाढ़ का पानी घरों तक पहुंच गया है.
इतना ही नहीं, धुले–सोलापुर राष्ट्रीय राजमार्ग दो किलोमीटर तक पानी में डूबकर नदी जैसा हो गया, जिससे महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश को जोड़ने वाला यातायात ठप हो गया.
लाखों हेक्टेयर फसलें बर्बाद, मिट्टी तक बह गई
विपक्ष ने ये भी आरोप लगाया है कि बारिश ने सोयाबीन, कपास, उड़द, मूंग, तुअर, मक्का, गन्ना और केले जैसी फसलें पूरी तरह नष्ट कर दी है. मराठवाड़ा और सोलापुर में कुल 27 लाख हेक्टेयर क्षेत्र की फसलें तबाह हो गई है. केवल सोलापुर जिले में ही 1.35 लाख हेक्टेयर में 1.55 लाख किसानों की फसलें नष्ट हो हुई है. जायकवाडी समेत 21 बांध उफनकर बह रहे हैं और नाथसागर के गेट पांचवीं बार खोलने पड़े. सामना संपादकीय के अनुसार अतिवृष्टि ने मिट्टी की मृदा संरचना को भी गहरा नुकसान पहुंचाया है, जिसकी भरपाई नामुमकिन है.
शिवसेना यूबीटी ने की ये मांग
शिवसेना यूबीटी ने कहा कि सरकार को तुरंत गीला अकाल (वेट फेमिन) घोषित कर किसानों को राहत देनी चाहिए. संपादकीय में मांग की गई है कि किसानों को मुआवजा और कर्जमाफी तत्काल दी जाए ताकि लाखों परिवारों को दोबारा खड़ा होने का मौका मिले. पार्टी ने सवाल उठाया कि जब वापसी की बारिश ने राज्य के कई हिस्सों में हाहाकार मचा रखा है तो सरकार और प्रशासन कहां गायब हैं. इस संकट को लेकर ग्रामीण जनता में रोष और निराशा दोनों बढ़ रहे हैं.
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