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Maharashtra News: मुंबई में अपहरण और रेप के मामले में छात्र को मिली जमानत, नाबालिग लड़की को भगाने के आरोप में पहुंचा था जेल, जानें- पूरा मामला
Mumbai News: पॉक्सो एक्ट कोर्ट में अभियोजन पक्ष ने इस आधार पर जमानत याचिका का विरोध किया था कि भले ही लड़की घर छोड़कर उससे शादी करना चाहती थी, लेकिन उसकी सहमति नहीं है, क्योंकि वह नाबालिग थी.
Mumbai News: मुंबई (Mumbai) में एक नाबालिग लड़की के अपहरण और रेप के आरोप में 30 दिनों से जेल में बंद 20 साल के छात्र को स्पेशल कोर्ट (Special Cort) ने जमानत दे दी है. कोर्ट ने जमानत देते हुए कहा कि पॉक्सो के इस मामले में लड़का 20 साल का है और एक नाबालिग लड़की के साथ प्रेम संबंध में है. ऐसे में वह अपने भविष्य को स्थिर और सुरक्षित करने का हकदार है. गौरतलब है कि लड़की अपना घर छोड़कर लड़के के साथ रहने के लिए चली गई थी.
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार अदालत ने अपने फैसले में बॉम्बे हाईकोर्ट के उस आदेश को ध्यान में रखा, जिसमें लड़कों में यौन परिपक्वता और ऐसे मामलों में विचार किए जाने वाले पहलुओं पर टिप्पणी की गई थी. कोर्ट ने कहा कि इस मामले में यह पूरी तरह लागू होता है. लड़के को सिर्फ इसलिए जेल में रखना कि उसके प्रेम संबंध में घरवालों की सहमति नहीं है, यह उचित नहीं है. आरोपी का पूरा भविष्य उसके सामने है. ऐसे में उसे अपराधियों के साथ जेल में रखने की आवश्यकता नहीं है. साथ ही उसके खिलाफ कोई आपराधिक बैकग्राउंड भी नहीं है.
यौन संबंधों के बारे में जानने के लिए आज बहुत सारी सामग्री उपलब्ध: कोर्ट
इसी तरह के एक मामले में हाईकोर्ट ने पहले कहा था कि एक व्यक्ति का दूसरे व्यक्ति से यौन इच्छा अलग होता है. लड़कों के यौन व्यवहार पैटर्न में कोई मैथमेटिकल फॉर्मूला नहीं हो सकता है. बच्चे जब जवानी की ओर बढ़ते हैं, तो वे अपनी यौन जरूरतों को समझने लगते हैं. कोर्ट ने कहा कि यह देखा गया है कि आज के बच्चे सेक्स से संबंधित मुद्दों के ज्यादा संपर्क में हैं और यौन संबंधों के बारे में जानने के लिए उनके पास बहुत सारी सामग्री भी उपलब्ध है.
हाईकोर्ट ने कहा, "जल्दी प्रभावित होने वाली उम्र की वजह से लड़कियां और लड़के दोनों उत्तेजित हो सकते हैं. जब एक लड़का और एक नाबालिग लड़की प्यार में होते हैं और अपने माता-पिता की सहमति के बिना एक साथ रहने का रास्ता चुनते हैं, तो ऐसे मामलों पर फैसला लेते समय कई पहलुओं पर विचार किया जाना चाहिए, जिसमें नाबालिग की उम्र आदि शामिल है. कोर्ट ने पूछा कि अगर लड़के को रिहा कर दिया जाता है, तो क्या गवाहों के बयानों से छेड़छाड़ की कोई संभावना है?
लड़की की मां की शिकायत पर युवक हुआ था गिरफ्तार
हालांकि पॉक्सो एक्ट कोर्ट में अभियोजन पक्ष ने इस आधार पर जमानत याचिका का विरोध किया. अभियोजन पक्ष ने कहा कि भले ही लड़की घर छोड़कर उससे शादी करना चाहती थी, लेकिन उसकी सहमति नहीं है, क्योंकि वह नाबालिग थी. अभियोजन पक्ष का कहना था कि 14 फरवरी को लड़की ने अपनी मां को फोन कर कहा कि वह हमेशा के लिए जा रही है. अगले दिन उसकी मां ने थाने में शिकायत की थी, जिसके बाद दोनों को थाने बुलाया गया और फिर युवक को गिरफ्तार कर लिया गया था.
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