मुंबई CSMT पर CRMS का विरोध प्रदर्शन: 2 पदाधिकारियों और सदस्यों के खिलाफ जीआरपी ने दर्ज की FIR
मुंबई छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस पर 6 नवंबर 2025 को CRMS का विरोध प्रदर्शन हुआ. प्रदर्शनकारियों की गतिविधियों के चलते रेल यातायात बाधित, जीआरपी ने 2 पदाधिकारी और सदस्यों के खिलाफ FIR दर्ज की.

मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस रेलवे स्टेशन पर 6 नवंबर 2025 को हुए सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ (CRMS) के विरोध प्रदर्शन के मामले में जीआरपी ने कार्रवाई करते हुए 2 पदाधिकारियों और सदस्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. यह एफआईआर सरकारी कर्तव्य में बाधा डालने, प्रतिबंधात्मक आदेश का उल्लंघन करने और रेल यातायात बाधित करने के आरोपों के तहत दर्ज की गई है. यह प्रदर्शन ठाणे रेलवे पुलिस द्वारा रेलवे इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारियों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले के विरोध में किया गया था.
विरोध मार्च और नारेबाजी
जांच के अनुसार, 6 नवंबर की दोपहर करीब 4 बजे से सीआरएमएस संगठन के 100 से 200 सदस्य मिलन हॉल में जमा हुए और संगठन के प्रमुख प्रविण वाजपेयी के नेतृत्व में डीआरएम कार्यालय, मध्य रेलवे, मुंबई तक विरोध मार्च निकाला गया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने “DGP GRP की तानाशाही नहीं चलेगी”, “FIR वापस लो”, “GRP मुर्दाबाद”, “GRP हाय-हाय” जैसे नारे लगाए. आंदोलन समाप्त होने की घोषणा के बाद भी कुछ आंदोलनकारी, जिनमें एस. के. दुबे और विवेक शिसोदिया सहित 30 से 40 सदस्य शामिल थे, अचानक डीआरएम कार्यालय से निकलकर सीएसएमटी लोकल लाइन स्थित मोटरमैन लॉबी के बाहर पहुंच गए.
रेल संचालन बाधित और स्थिति नियंत्रण
यहां आंदोलनकारियों ने गैरकानूनी रूप से भीड़ इकट्ठी कर मोटरमैन लॉबी और स्टेशन प्रबंधक कार्यालय के प्रवेश द्वारों पर लोहे की बेंचें रखकर रास्ते पूरी तरह बंद कर दिए. इससे मोटरमैन, गार्ड, उप स्टेशन प्रबंधक और स्टेशन प्रबंधक अपने कार्यालयों में फंस गए और शाम 5:41 बजे से उपनगरीय लोकल ट्रेन सेवाएं बाधित हो गईं. स्थिति बिगड़ने से स्टेशन पर यात्रियों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी.
हालात को नियंत्रण में लाने के लिए आरपीएफ और जीआरपी के वरिष्ठ अधिकारी सिनियर डीएससी ऋषि शुक्ला, डीएससी प्रतीक्षा सिंह और जीआरपी अधिकारी प्रज्ञा जेडगे मौके पर पहुंचे और आंदोलनकारियों से बातचीत की, परंतु आंदोलनकारी और अधिक आक्रामक हो गए. बाद में डीआरएम हिरेश मीना के हस्तक्षेप और आश्वासन के बाद लगभग 6:38 बजे आंदोलन समाप्त हुआ और रेल संचालन दोबारा शुरू हुआ.
एफआईआर और कानूनी धाराएं
सरकार की ओर से शिकायत दर्ज कराने वाले पुलिस उपनिरीक्षक महेश कृष्णा पाटिल ने अपने बयान में बताया कि यह घटना उस समय हुई जब मुंबई लोहमार्ग पुलिस आयुक्तालय क्षेत्र में 19 अक्टूबर से 17 नवंबर 2025 तक पांच या अधिक लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध लागू था. इसके बावजूद सीआरएमएस के पदाधिकारी और सदस्य प्रतिबंध आदेश का उल्लंघन करते हुए सार्वजनिक कर्तव्य में बाधा डालने वाली गतिविधियों में शामिल हुए.
जीआरपी ने इस मामले में भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की धाराओं 189(2), 190, 127(2), 221, 223 तथा महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम 1951 (संशोधन 2015) की धारा 37(1) और 135 के तहत एफआईआर दर्ज की है.
Source: IOCL





















