Udayan Das: एमपी का सीरियल किलर उदयन दास, जिसने अपने माता-पिता की हत्या के बाद किया लिव-इन पार्टनर का मर्डर
Udayan Das Case: उदयन दास ने यह बात कबूल की थी कि उसने अपनी पार्टनर का मर्डर इसलिए किया, क्योंकि आकांक्षा को पता लग गया था कि वह अपने माता-पिता की भी हत्या कर चुका है और पुलिस से झूठ बोल रहा है.

MP Serial Killer Udayan Das: दिल्ली में हुई श्रद्धा वाकर की नृशंस हत्या ने 6 साल पहले मध्य प्रदेश में हुए ऐसी ही खौफनाक वारदात की याद दिला दी. 16 जुलाई, 2016 को सीरियल किलर उदयन दास (Udayan Das)(अब रायपुर जेल में) ने अपनी 28 वर्षीय लिव-इन पार्टनर आकांक्षा उर्फ श्वेता शर्मा (Shweta Sharma) की भोपाल में हत्या कर दी और उसके शव को धातु के डिब्बे में बंद कर, उसमें कंक्रीट डालकर बेडरूम के अंदर एक मकबरा बना दिया और उसे संगमरमर से ढक दिया.
मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ पुलिस की संयुक्त जांच के बाद पता चला कि आरोपी सीरियल किलर है. दास ने 2010 में अपने माता-पिता की हत्या कर दी थी और उनके शवों को अपने रायपुर (छत्तीसगढ़) के घर के बगीचे में गाड़ दिया था.
उदयन ने भी मृतकों को सोशल मीडिया पर रखा जिंदा
श्रद्धा के हत्यारे आफताब अमीन पूनावाला की तरह उदयन दास ने भी पुलिस के दावे के मुताबिक कई जिंदगियां एक साथ खत्म कर दीं. मगर उसने अपने माता-पिता और गर्लफ्रेंड आकांक्षा को सोशल मीडिया पर जिंदा रखा. वह खुद उनके फेसबुक अकाउंट से पोस्ट किया करता था. इस पूरी जघन्य घटना का खुलासा तब हुआ, जब पीड़ित परिवार के अन्य सदस्यों ने कोलकाता के बांकुड़ा पुलिस थाने में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई.
आईएएनएस ने भोपाल में एसीपी हबीबगंज इलाके के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी वीरेंद्र मिश्रा से बात की, जिनकी जांच से न केवल आकांक्षा की हत्या की गुत्थी सुलझी, बल्कि यह भी पता चला कि आरोपी ने अपने माता-पिता की हत्या की थी.
घटना को याद करते हुए मिश्रा ने कहा, "आरोपी ने पूरा खेल चालाकी से खेला और पश्चिम बंगाल पुलिस को समझाने में कामयाब रहा कि वह निर्दोष है. बंगाल पुलिस दो बार यहां आई, लेकिन खाली हाथ लौट गई, क्योंकि आरोपी काफी स्मार्ट था. बाद में उन्होंने भोपाल पुलिस से मदद मांगी और मैंने और मेरी टीम ने मामले की जांच शुरू की."
सोशल मीडिया पर ही हुई थी दोनों में दोस्ती
मिश्रा के अनुसार, आरोपी छत्तीसगढ़ का मूल निवासी था और पीड़िता आकांक्षा, पश्चिम बंगाल से थी. दोनों की नई दिल्ली में सोशल मीडिया पर दोस्ती हुई और बाद में वे जून 2016 में भोपाल आ गए.
पीड़िता ने परिवार को बताया कि उसे यूएस में नौकरी मिल गई है. जुलाई 2016 के बाद आकांक्षा का परिजनों से संपर्क बंद हो गया और जब उसके भाई ने नंबर ट्रेस किया तो उसकी लोकेशन भोपाल की निकली. घरवालों को शक था कि आकांक्षा उदयन के साथ रह रही है. दिसंबर 2016 में आकांक्षा के लापता होने की सूचना मिली थी.
श्वेता को पता चल गया था, उदयन ने की थी माता-पिता की हत्या
मिश्रा ने कहा, "जांच के दौरान दास ने अपराध कबूल किया और खुलासा किया कि उसने आकांक्षा की हत्या इसलिए कर दी, क्योंकि उसे पता चल गया था कि उदयन रायपुर में अपने माता-पिता की भी हत्या कर चुका है. उसके बाद वह पश्चिम बंगाल वापस जाना चाहती थी. आगे, जैसा कि हमने रायपुर में उसके माता-पिता के बारे में जांच की, तो आरोपी ने यह भी स्वीकार कर लिया कि उसने अपने माता-पिता की हत्या कर दी थी और उनके शवों को रायपुर में उनके घर के आंगन में दफना दिया था. इसकी सूचना मिलने पर रायपुर पुलिस ने दो शव बरामद किए थे."
दास के मामले को क्लिनिकल मनोवैज्ञानिक ने बिल्कुल चार्ल्स शोभराज के मामले के रूप में वर्णित किया था. उन्होंने आरोपी को व्यक्तित्व विकार से पीड़ित मनोरोगी बताया था. चार्ल्स शोभराज को एशिया का सबसे बड़ा सीरियल किलर माना जाता है.
उदयन दास भी साइकोपैथी पर्सनालिटी डिसऑर्डर का शिकार था और उसने न केवल एक-एक करके तीन हत्याएं की थीं, बल्कि चालाकी से पुलिस को भी चकमा देकर उनके नाम पर आने वाले पैसे हड़प लिए थे.
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Source: IOCL





















