MP Election 2023: क्या बीजेपी एमपी में 'गुजरात मॉडल' लागू कर पाई? टिकट वितरण में हुआ खुलासा
MP Election 2023: अधिक उम्र के नेताओं को टिकट न देने के अपने पुराने क्राइटेरिया को भी बीजेपी ने इस बार बदल दिया है. पार्टी ने 80 साल के दो उम्मीदवार भी मैदान में उतार दिया है.

MP Election 2023: मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से बहुत पहले हल्ला मचाया गया था कि बीजेपी इस बार 'गुजरात मॉडल' पर चुनाव लड़ेगी. कहा जा रहा था कि गुजरात की दर्ज पर बड़ी संख्या में मंत्रियों और विधायकों की टिकट काट कर नए लोगों को मौका दिया जाएगा. इससे विधायकों और मंत्रियों के खिलाफ एन्टी इनकंबेंसी से पार पाया जा सकेगा. अब चूंकि अधिकांश उम्मीदवारों के नाम घोषित हो चुके है तो जानने की कोशिश करते हैं कि बीजेपी की टिकट किस फार्मूले पर बांटी गई हैं.
यहां बताते चलें कि बीजेपी ने अभी तक अपने 228 उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है. पार्टी ने 127 वर्तमान विधायकों में से 94 विधायकों को फिर से टिकट दी है. इस हिसाब से देखा जाए तो पार्टी ने तकरीबन 25 फीसदी विधायकों की ही टिकट काटी है. ओवर आल 228 सीटों को देखें तो बीजेपी ने पिछले बार के मुकाबले 47 नए चेहरों को मौका दिया है. बीजेपी ने पुराने और पिछला चुनाव हारे 87 चेहरों पर फिर भरोसा जताता है. इसमें वे नाम भी है, जिन्होंने चुनाव लड़ने से ही मना किया था. इसी तरह शिवराज कैबिनेट में शामिल 33 मंत्री थे, इसमें से 30 को फिर मैदान में उतारा गया है.
इसी तरह अधिक उम्र के नेताओं को टिकट न देने के अपने पुराने क्राइटेरिया को भी बीजेपी ने इस बार शिथिल कर दिया है. पार्टी ने 80 साल के दो उम्मीदवार भी मैदान में उतार दिया है. 70 साल से अधिक के 20 से अधिक नेताओं के नाम इस सूची में शामिल हैं. 60 साल वाले उम्मीदवार भी काफी हैं. इसमें वो नाम भी है, जिन्होंने चुनाव लड़ने से ही मना किया था. नागेंद्र सिंह नागोद चुनाव लड़ने से पूर्व में ही अनिच्छा जाहिर कर चुके थे लेकिन उन्हें टिकट दी गई है. इसी तरह साल 2018 में ग्वालियर से माया सिंह का टिकट काटा गया था, किंतु इस बार उन्हें मैदान में उतार दिया गया है.
बीजेपी की सूची में भाई भतीजा वाद की झलक भी देखने को मिल रही है. दो भाई संजय शाह और विजयशाह मैदान में हैं. चाचा-भतीजा ध्रुव नारायण और विक्रम सिंह प्रत्याशी हैं. गौरीशंकर बिसेन की जगह बेटी मौसम,बेटे आकाश की जगह कैलाश विजयवर्गीय, भाई जालम की जगह भाई प्रहलाद पटेल,भाई रामप्यारे कुलस्ते की जगह फग्गन सिंह कुलस्ते, सुलोचना रावत की जगह बेटे विशाल रावत, पूर्व मंत्री ज्ञान सिंह के बेटे शिवनारायण और अमर सिंह की बहु राधा सिंह को टिकट दी गई है.
यहां बताते चले कि गुजरात में बीजेपी की बंपर जीत के बाद पिछले साल से ही 'गुजरात मॉडल' पर मध्यप्रदेश का विधानसभा चुनाव लड़ने की बात चल पड़ी थी.गुजरात मॉडल क्या है? इस सवाल पर जबलपुर के वरिष्ठ पत्रकार रवींद्र दुबे कहते है कि फिल्मों के घिसे-पिटे पुराने एक्टर की जगह नए चेहरे को नेतृत्व देना ही गुजरात मॉडल है. बीजेपी ने पहले उत्तरांचल और फिर गुजरात में यह प्रयोग करके सफलता प्राप्त की थी. इसी फार्मूले को एमपी में लागू करने की बात तो बहुत की गई लेकिन केंद्रीय नेतृत्व अंत में 'गुजरात मॉडल' से पीछे हटते हुए 'एमपी मॉडल' पर ही कायम रहा.पार्टी अलाकमान ने शिवराज सिंह चौहान को सीएम की कुर्सी से नहीं हटाया लेकिन उन्हें अपना सीएम फेस बनाने से भी गुरेज किया.
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Source: IOCL























