सीधी: एक करोड़ 45 लाख का विकास कार्य जमीदोंज, तिनके की तरह बिखर गया पुल
Madhya Pradesh: सीधी जिले में मोहनिया ग्राम पंचायत की सड़क और पुल निर्माण भ्रष्टाचार और घटिया निर्माण के कारण पहली बारिश में ढह गए. ग्रामीणों ने शिकायतें की है कि पुल के निर्माण कार्यों की जांच हो.

सीधी जिले में भ्रष्टाचार और लापरवाही का ताजा मामला सामने आया है. यहां आरईएस विभाग और पंचायती राज की मिलीभगत से करोड़ों रुपये के विकास कार्य पानी में बह गए. बरसात शुरू होते ही पुल और सड़कें तिनके की तरह टूटकर बह गईं, जिससे ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
जानकारी के अनुसार, मोहनिया ग्राम पंचायत को जोड़ने वाली सड़क के लिए पूर्व विधायक द्वारा लगभग एक करोड़ 45 लाख रुपये की मंजूरी दिलाई गई थी. लेकिन निर्माण कार्य में भारी धांधली की गई. 8 किलोमीटर लंबी इस सड़क पर सिर्फ क्रेशर से निकली किरची और डस्ट डालकर खानापूर्ति कर दी गई. वहीं, जिन पुलों का निर्माण होना था, उनमें से कुछ का काम तो शुरू ही नहीं हुआ और जिनका निर्माण हुआ भी, वे पहली ही बारिश में ढह गए.
स्थानीय लोग भुगत रहे लापरवाही का खामियाजा
जानकारी के अनुसार, इस लापरवाही का खामियाजा अब स्थानीय लोग भुगत रहे हैं. बरसात के दिनों में ग्रामीण, स्कूली छात्र और बीमार मरीज सड़क और पुलों के टूटने से सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं. जहां स्कूल जाने वाले बच्चों को लंबे रास्ते तय करने पड़ रहे हैं, वहीं मरीजों को अस्पताल पहुंचने में भारी मुश्किलें उठानी पड़ रही हैं.
घटिया निर्माण और भ्रष्टाचार की पोल खोल रही तस्वीरें
ग्रामीणों का आरोप है कि वे इस मामले में कई बार शिकायत कर चुके हैं. सीएम हेल्पलाइन से लेकर जिले के प्रशासनिक अधिकारियों तक शिकायतें दर्ज कराई गईं, लेकिन आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई. मीडिया में सामने आई तस्वीरें और वीडियो साफ तौर पर घटिया निर्माण और भ्रष्टाचार की पोल खोल रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि विभाग और ठेकेदारों की मिलीभगत से सरकारी धन की खुली लूट हुई है.
भ्रष्टाचार में शामिल अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ होगी कार्रवाई- अंशुमन राज
बता दें कि इस मामले पर जिला पंचायत के सीईओ अंशुमन राज ने बयान दिया है. उन्होंने कहा कि ग्रामीणों की शिकायतों की जांच के लिए एक टीम गठित की गई है. दोषी पाए जाने पर भ्रष्टाचार में शामिल अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी.
फिलहाल, यह मामला सीधी जिले में विकास कार्यों की असलियत और विभागों की लापरवाही को उजागर करता है. जहां एक ओर सरकार करोड़ों रुपये विकास कार्यों पर खर्च करने का दावा करती है, वहीं दूसरी ओर भ्रष्टाचार और घटिया निर्माण के कारण जनता की गाढ़ी कमाई पानी में बहती नजर आ रही है.
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL























