MP Elections: 'ना रहेगा बांस, न बजेगी बांसुरी', आखिर CM शिवराज के लिए कमलनाथ ने क्यों कही ये बात?
MP Assembly Elections 2023: कमलनाथ ने आरोप लगाया है कि जब सावन के दोनों महीने निकल गए तब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सावन के महीने में 450 रुपये में गैस सिलेंडर देने की घोषणा की.

Kamal Nath Targets CM Ladli Bahna Yojana: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में शिवराज सरकार 450 रुपये में गैस सिलेंडर देने के लिए लाडली बहनों की खोजबीन शुरू करने जा रही है. इस मामले में पीसीसी चीफ कमलनाथ (Kamal Nath) लगातार मध्य प्रदेश की बीजेपी (BJP) सरकार को निशाने पर ले रहे हैं. सावन माह में लाडली बहनों को 450 रुपये में गैस सिलेंडर देने की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) की घोषणा सरकार के लिए चुनौती बन गया है. हालांकि, उज्ज्वला योजना की बहनों को इसी माह के अंत तक राशि मिल जाएगी.
मध्य प्रदेश की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रक्षा बंधन पर लाडली बहनों को सावन माह में एक गैस सिलेंडर देने की घोषणा की थी. अधिकांश लाडली बहनों के नाम पर गैस कनेक्शन न होने के कारण सरकार उलझन में फंस गई. आनन-फानन में तय किया गया कि सबसे पहले उज्ज्वला कनेक्शन वाली बहनों के खाते में राशि अंतरित की जाए. उज्ज्वला के बाद अब लाडली बहना योजना से जुड़ी महिलाओं को भी 450 रुपए में गैस सिलेंडर देना राज्य सरकार के सामने चुनौती बन गया है. बड़ी वजह यह है कि महिलाओं का कोई ऐसा डाटा सरकार के पास नहीं है, जिससे आधार लिंक खाते में गैस सिलेंडर की सब्सिडी डाली जा सके.
घोषणा को पूरा करने के लिए हो रही तैयारी
प्रशासनिक सूत्रों ने बताया कि विधानसभा चुनाव के मद्देनजर की गई इस घोषणा को पूरा करने के लिए आनन-फानन में लाडली बहना योजना का डाटा, पता, फोन नंबर, बैंक खाता और आधार के साथ ऑयल कंपनियों को सौंपा गया है. अब ऑयल कंपनियां घर के पते से गैस कनेक्शन धारक महिला का पता मिलाएंगी. इस काम में एक से डेढ़ महीने का वक्त लग सकता है. हाल ही में एक उच्च स्तरीय में मीटिंग तय किया गया कि लाडली बहना के पोर्टल को ओपन करके उसी में महिलाओं से गैस कनेक्शन की जानकारी मांगी जाए. इसके लिए कोई मियाद तय की जा सकती है, लेकिन इसमें भी समय लगेगा.
20 लाख महिलाओं की होनी है पड़ताल
कोशिश की जा रही है कि पांच-दस दिन के भीतर इसका प्रोसेस शुरू कर दी जाए. चूंकि मध्य प्रदेश में 1.87 करोड़ गैस कनेक्शन हैं. इसमें से 82 लाख कनेक्शन उज्ज्वला योजना के हैं. बाकी 1.5 करोड़ में लाडली बहनों को तलाशना है. सरकार की उच्च स्तरीय बैठक में यह बताया गया कि 1.5 करोड़ बचे हुए गैस कनेक्शन में करीब 20 लाख कनेक्शन महिलाओं के नाम पर हैं. इन 20 लाख में से 10 लाख महिलाएं लाडली बहना स्कीम से जुड़ी हो सकती हैं. इसलिए पड़ताल सिर्फ इन 20 लाख महिलाओं की होनी है. मुख्यमंत्री चौहान की मंशा हैं कि अक्टूबर में लाडली बहना योजना की महिलाओं को सब्सिडी का पैसा खाते में चला जाए. सितंबर के आखिर तक उज्जवला स्कीम की महिलाओं को सब्सिडी का पैसा जाना है.
कमलनाथ ने लगया ये आरोप
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने आरोप लगाया है कि जब सावन के दोनों महीने निकल गए तब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सावन के महीने में 450 रुपये में गैस सिलेंडर देने की घोषणा की. चुनावी मामा से कुछ नहीं होगा. कमलनाथ ने अपने ट्वीट में कहा, 'सीएम शिवराज की एक ही कोशिश है कि आचार संहिता लगने तक घोषणाओं की भूल-भुलैया में मध्य प्रदेश की जनता को भटकाया जाए और उसके बाद यह कहना शुरू कर दें कि अगली सरकार में देखेंगे. ना सरकार बनेगी, ना घोषणा पूरी होगी. ना रहेगा बांस, न बजेगी बांसुरी.'
कमलनाथ बोले- 'सिलेंडर कब से मिलेगा'
उन्होंने आगे कहा कि जब सावन के दोनों महीने निकल गए तब सीएम शिवराज ने सावन के महीने में 450 रुपये में गैस सिलेंडर देने की घोषणा की. अब जब भाद्रपद का महीना लग गया है, तब कह रहे हैं कि गरीब बहनों को हमेशा 450 रुपये में सिलेंडर मिलेगा, लेकिन यह नहीं बता रहे हैं कि सिलेंडर कब से मिलेगा. अभी उसके लिए रजिस्ट्रेशन शुरू करा रहे हैं. गैस सिलेंडर का कनेक्शन तो पहले से ही रजिस्टर्ड है, उसके लिए अलग से रजिस्ट्रेशन करना आंख में धूल झोंकने के सिवा कुछ नहीं है. सीएम शिवराज रजिस्ट्रेशन कराने की आपकी चालबाजी बहुत पुरानी हो गई है. प्रदेश में करीब 40 लाख रजिस्टर्ड बेरोजगार हैं. उन्हें आपने आज तक रोजगार नहीं दिया.
कमलनाथ ने कहा "सीएम शिवराज अब अदाकारी और कलाकारी की राजनीति छोड़िए और वफादारी की राजनीति करते हुए मध्य प्रदेश की 8.50 करोड़ जनता से अपनी 22500 झूठी घोषणाओं के लिए माफी मांगिये. मध्य प्रदेश की बहनों, इन चुनावी मामा से कुछ नहीं होगा, कांग्रेस की सरकार आएगी और सीधे 500 रुपये में गैस सिलेंडर देगी. कांग्रेस सौदेबाजी की नहीं, सेवा की राजनीति करती है."
Source: IOCL






















