कैलाश विजयवर्गीय का राहुल गांधी पर हमला, बोले- 'प्रजातंत्र का उड़ाना चाहते हैं मजाक'
Kailash Vijayvargiya On Rahul Gandhi: कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि राहुल गांधी जिस प्रकार संवैधानिक संस्थाओं पर आरोप लगा रहे हैं, वह डेमोक्रेसी को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं.

अपने बयानो से हमेशा सुर्खियां बटोरने वाले बीजेपी नेता और कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने राहुल गांधी पर एक बार फिर विवादित बयान दे दिया है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है और उन्हें जांच करवानी चाहिए. विजयवर्गीय ने ये भी कहा कि राहुल गांधी संवैधानिक संस्थाओं पर आरोप लगाकर उन्हें बदनाम करना चाहते हैं.
दरअसल, रक्षाबंधन के अवसर पर कैलाश विजयवर्गीय हर साल की तरह परदेशीपुरा स्थित वृद्धाश्रम पर राखी का त्यौहार वृद्धाश्रम में रह रहे बुजुर्गों के साथ मनाने गए थे. वहीं मीडिया से बात करते हुए उन्होंने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा है.
'मानसिक संतुलन ठीक नहीं'
राहुल गांधी द्वारा लगातार इलेक्शन कमीशन पर उठाए जा रहे सवालों ओर चुनाव में धांधली के आरोप पर सवाल पर कैलाश विजयवर्गीय ने पलटवार करते हुए कहा, "राहुल गांधी के मानसिक संतुलन की जांच कराना चाहिए, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप सच्चे भारतीय है कि नहीं यह बहुत बड़ी बात है बड़ा कमेंट है."
प्रजातंत्र का माखौल उड़ाना चाहते हैं राहुल गांधी- विजयवर्गीय
विजयवर्गीय ने आगे कहा, "जिस प्रकार संवैधानिक संस्थाओं पर राहुल गांधी आरोप लगा रहे हैं, वह डेमोक्रेसी को कमजोर करने की कोशिश कर रहे है, इलेक्शन कमीशन का यह रूटीन प्रोग्राम है कि काउंटिंग वोटिंग कि लिस्ट का परीक्षण करे. उनका आरोप लगाना में समझता हूं के प्रजातंत्र का माखौल उड़ाना है. यह प्रजातंत्र की जड़े हिलाना चाहते हैं. यह नहीं चाहते कि देश में प्रजातंत्र हो संवैधानिक संस्थाओं पर आरोप लगाकर उन्हें बदनाम करना चाहते हैं."
डोनाल्ड ट्रंप पर कही ये बात
इसके अलावा अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का हिंदुस्तान के खिलाफ जो रवैया अपनाया जा रहा है उस सवाल का जवाब देते हुए कैलाश विजयवर्गीय ने कि प्रधानमंत्री ने साफ कर दिया है कि न झुकेंगे न रुकेंगे.
उन्होंने कहा, हमें हमारी अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाना है, उसके लिए देश का हित जो होगा उसके अनुसार हम निर्णय लेंगे. विदेश मंत्री ने भी कह दिया ओर प्रधानमंत्री ने भी कह दिया और इसलिए इसमें अब किंतु परन्तु वाली बात बची नहीं है."
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Source: IOCL
























