Orchha: सीएम शिवराज ने किया ओरछा के श्री रामराजा सरकार लोक का शिलान्यास, 450 साल बाद बदलेगी मंदिर की तस्वीर
Orchha News: ओरछा में स्थित प्रसिद्ध श्री रामराजा सरकार मंदिर लोक का निर्माण 12 एकड़ पर किया जाएगा. इसे ओरछा की वास्तुकला के अनुसार बनाया जाएगा. और यह ओऱछा की विरासत को दर्शाएगा.

MP News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में एक और लोक की आधारशिला सोमवार को रखी गई. निवाड़ी जिले के ओरछा में श्री रामराजा सरकार लोक बनने जा रहा है. जिसका भूमि पूजन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने किया. भगवान श्री रामराजा के ओरछा आगमन के 450 साल बाद मंदिर की तस्वीर बदलने जा रही है.
भूमि पूजन के बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट किया. उन्होंने लिखा, ''बंदउँ नाम राम रघुबर को. राम नाम ही जीवन है, जीवन का सच्चा सुख है. भगवान श्री रामराजा की कृपा से आज ओरछा में 'श्रीराम राजा लोक' के शिलान्यास का सौभाग्य प्राप्त हुआ. मेरा मन आनंद से भरा हुआ है कि 12 एकड़ में श्रीराम राजा लोक बनेगा, जिसमें भव्य प्रवेश द्वार होगा. इस अनुपम लोक में भगवान श्रीराम के बालकाण्ड और उत्तरकाण्ड का भी चित्रण किया जायेगा. प्रभु की कृपा से यह अद्भुत लोक शीघ्र बनकर तैयार होगा.''
ओरछा की वास्तुकला के अनुरूप बनेगा श्रीरामराज लोक
मंदिर परिसर के 12 एकड़ में भव्य श्रीरामराजा लोक का निर्माण किया जाएगा. यह लोक 450 साल पूर्व समृद्ध ओरछा की वास्तुकला के अनुरूप बनाया जाएगा. श्रीरामराजा लोक का कमलनुमा प्रवेश द्वार श्रद्धालुओं को भगवान के कमल समान मुख और नेत्रों की याद दिलाएगा. मुख्य मंदिर और इसके पास स्थित चतुर्भुज मंदिर, सावन-भादी, जुझार सिंह महल, टकसाल सहित अन्य पुरातत्व महत्व के स्मारकों में किसी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं की जाएगी. राज्य का पर्यटन विभाग इनका संरक्षण करते हुए पूरे श्रीरामराजा लोक परिसर का विकास करेगा.
ओरछा की समृद्ध विरासत का होगा प्रदर्शन
श्रीरामराजा मंदिर तक जाने के लिए प्रवेश मंडप में हाथी द्वार मंडप बनाया जाएगा. दो हाथियों के स्तंभ लगाए जाएंगे. प्रवेश द्वारा ओरछा की समृद्ध विरासत और भव्यता को प्रदर्शित करेगा. साथ ही मुख्य द्वारा के शिखर को 'नवकंज लोचन, कच मुख कर, कंज पद कन्जारुणम' स्तुति में वर्णित भगवान के मनोहरी छवि की तर्ज पर कमल नयन के आकार से सुसज्जित किया जाएगा.
बालकांड और उत्तरकांड का होगा वर्णन
श्रीरामराज लोक को दो हिस्सों में बांटा जाएगा. इस लोक में एक बालकांड प्रांगण होगा. इसमें बालकांड से जुड़ी कथाओं के साथ ही रामायण से जुड़ी महत्वपूर्ण कथाओं को प्रदर्शित करते हुए वस्तुओं का उपयोग किया जाएगा. वहीं,दूसरे भाग में उत्तरकांड को चित्रों के माध्यम से प्रस्तुत किया जाएगा. इसमें चित्रमय छतरियां बनाई जाएंगी,जिसमें श्रीराम के मुख्य कथानकों का वर्णन किया जाएगा.
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