बड़बोले नेताओं पर लगाम लगाने की तैयारी! सोफिया कुरैशी विवाद के एमपी बीजेपी ने उठाया बड़ा कदम
MP News: एमपी में बीजेपी, पार्टी नेताओं के लिए संचार कौशल प्रशिक्षण शिविर आयोजित कर रही है. इसके माध्यम से नेताओं को सार्वजनिक मंचों पर सही और प्रभावी बोलने की कला सिखाई जाएगी.

MP Politics: मंच पर नेताओं के बिगड़ते बोल पर अब लगाम लगने वाली है! मध्य प्रदेश में बीजेपी अपने नेताओं के लिए जून माह में भोपाल में एक संचार कौशल प्रशिक्षण (Communication Skills) शिविर आयोजित करने जा रही है, जिससे वे सार्वजनिक मंचों पर बोलते समय चूक से बच सकें. पार्टी ने इसे हालिया विवादों से अलग बताया है.
एमपी बीजेपी प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कहा कि यह प्रशिक्षण पूर्व निर्धारित था और पार्टी की नियमित गतिविधियों का हिस्सा है. उन्होंने कहा, “इसका हालिया बयानों से कोई लेना-देना नहीं है. इस तरह के आयोजन समय-समय पर होते रहते हैं, इसलिए इसे किसी और एंगल से नहीं देखा जाना चाहिए.”
विजय शाह और जगदीश देवड़ा ने दिया था विवादित बयान
हालांकि, यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है, जब राज्य के 2 मंत्रियों के विवादित बयानों से बीजेपी विपक्ष के निशाने पर है. जनजातीय मामलों के मंत्री विजय शाह ने एक जनसभा में ऑपरेशन सिंदूर की मीडिया ब्रीफिंग में शामिल कर्नल सोफिया कुरैशी को 'आतंकवादियों की बहन' कहकर संबोधित किया था. इस टिप्पणी को लेकर न सिर्फ राजनीतिक हलकों में भारी नाराजगी देखी गई, बल्कि हाईकोर्ट के आदेश पर उनके खिलाफ FIR भी दर्ज की गई.
इसके बाद डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा ने सेना और सैनिकों को पीएम मोदी के चरणों में 'नतमस्तक' बताया, जिससे विवाद और बढ़ गया. हालांकि उन्होंने बाद में कहा कि उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया.
नरेंद्र प्रजापति ने भी दे दिया था विवादित बयान
बीजेपी की मुश्किलें यहीं नहीं रुकीं. पहली बार विधायक बने नरेंद्र प्रजापति ने दावा किया कि भारत को पाकिस्तान के साथ संघर्ष विराम का आदेश संयुक्त राष्ट्र ने दिया था, जिससे पार्टी को और शर्मिंदगी उठानी पड़ी. इसी बीच चतुर्वेदी ने कहा कि 'प्रशिक्षण और प्रतिष्ठान' बीजेपी की कार्यसंस्कृति का हिस्सा है और इससे पहले भी 2023 के विधानसभा चुनावों से पहले सीहोर में ऐसा ही प्रशिक्षण शिविर लगाया गया था, जिसमें केंद्रीय मंत्री, सांसद, विधायक और पदाधिकारी शामिल हुए थे. इस शिविर का उद्देश्य नए नेताओं को पार्टी की नीति और विचारधारा से परिचित कराना और सार्वजनिक मंचों पर प्रभावी संचार के लिए प्रशिक्षित करना था.
गौरतलब है कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने 7 मई को पुलवामा हमले की प्रतिक्रिया में आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमले किए थे. इसके बाद 8, 9 और 10 मई को पाकिस्तान ने भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने की कोशिश की, लेकिन भारत ने उन्हें करारा जवाब दिया. भारतीय कार्रवाई में पाकिस्तान की कई महत्वपूर्ण सैन्य ठिकानों, एयरबेस, कमांड और कंट्रोल सेंटर्स और रडार साइट्स को भारी नुकसान पहुंचा. 10 मई को विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने घोषणा की कि भारत और पाकिस्तान ने आपसी सहमति से भूमि, समुद्र और वायु में सभी प्रकार की सैन्य कार्रवाई को तत्काल प्रभाव से रोकने का निर्णय लिया.
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