Jharkhand Online Fraud: बड़ी ई कॉमर्स कंपनियों के कस्टमर केयर के नाम पर लोगों को लगाया लाखों का चूना, जानें कैसे हुआ मामले का खुलासा?
Jharkhand: झारखंड में कस्टमर केयर सहायता के जरिये सेवा देने का झांसा देकर धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है. पुलिस ने मामले दो लोगों को गिरफ्तार किया है.
Jharkhand Online Fraud Case: झारखंड के दो लोगों को कस्टमर केयर सहायता के जरिये सेवा देने का झांसा देकर कई लोगों से धोखाधड़ी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने गुरुवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि अभिषेक कुमार (22) और राजू अंसारी (22) को झारखंड के दुमका से गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने इस बारे में पूरी जानकारी दी है.
पुलिस ने कहा कि मुख्य साजिशकर्ता कुमार, विभिन्न कस्टमर केयर वेबसाइट के नाम से इंटरनेट पर अपना फोन नंबर डालता था. वह पिछले छह महीने से इस गिरोह का संचालन कर रहा था और उसका साथी अंसारी पश्चिम बंगाल स्थित अपने गांव आसनसोल से बैंक खातों की व्यवस्था करता था. पुलिस ने बताया कि आठ बैंकों खातों को फ्रीज किया गया है जिनमें 82 लाख रुपये जमा थे. कई लोगों को ठगकर यह पैसा जमा किया गया था. पुलिस के अनुसार, एक मामला तब सामने आया जब एक पीड़ित को 4.78 लाख रुपये का चूना लगा और उसने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.
शिकायत में कहा गया था कि पीड़ित पैसा वापस पाने के लिए सात जनवरी को ‘मेक माई ट्रिप’ वेबसाइट का कस्टमर केयर खोज रहा था तभी उसे आरोपी का नंबर मिला. पुलिस ने बताया कि आरोपी ने फोन पर पीड़ित से बात करते हुए खुद को ‘मेक माई ट्रिप’ कंपनी का कर्मचारी बताया.
इसके बाद पीड़ित ने आरोपी द्वारा फोन पर भेजे गए एक फॉर्म को भरा और ‘एनीडेस्क ऐप’ को इंस्टाल किया. पुलिस ने कहा कि इसके बाद पीड़ित के एचडीएफसी बैंक खाते से 4,78,278 रुपये निकल गए. पुलिस उपायुक्त (शाहदरा) आर. सत्यसुन्दरम ने बताया कि पूछताछ के दौरान आरोपी अभिषेक ने स्वीकार किया कि उसने फ्लिपकार्ट, मेक माई ट्रिप, एयरलाइन्स इत्यादि के कस्टमर केयर सहायता के नाम से गूगल एड्स पर अपना फोन नंबर डाला था.
पीड़ितों के कॉल आने के बाद वह उनसे एक फॉर्म भरने को कहता था और एनी डेस्क ऐप इंस्टाल करने को कहता था. अधिकारी ने कहा कि ऐप इंस्टाल करने के बाद वह ऐप के माध्यम से पीड़ित के फोन की स्क्रीन की निगरानी करता था और एक अन्य ऐप के जरिये बैंक के एसएमएस पढ़ लेता था. डीसीपी ने कहा कि बैंक का विवरण जानने के बाद वह पीड़ित के खाते से पैसे निकाल लेता था.
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