हेमंत सोरेन सरकार के मंत्री इरफान अंसारी का बड़ा बयान, बोले- 'झारखंड में SIR नहीं होने देंगे लागू'
Irfan Ansari News: झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने स्पष्ट रूप से कहा कि एसआईआर को झारखंड में लागू नहीं होने दिया जाएगा. उन्होंने कहा ये राज्य के हितों के खिलाफ है.

झारखंड विधानसभा में सआईआर को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखा विवाद देखने को मिल रहा है. सत्तारूढ़ गठबंधन जेएमएम और कांग्रेस ने इसका कड़ा विरोध किया है.
सआईआर को लेकर स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने स्पष्ट रूप से कहा कि एसआईआर को झारखंड में लागू नहीं होने दिया जाएगा. इसे राज्य के हितों के खिलाफ बताते हुए उनका तर्क है कि यह प्रक्रिया राज्य की स्वायत्तता और स्थानीय मुद्दों को नजरअंदाज कर सकती है. उन्होंने कहा कि इस मामले में हम सदन में और सदन के बाहर आवाज उठाने का काम करेंगे.
इरफान अंसारी ने आगे कहा, "बीजेपी ने सारी हदें पार कर दी हैं. एसआईआर के जरिए वे लोगों का मनोबल तोड़ना चाहते हैं और एक साजिश के तहत उनके मताधिकार को छीनना चाहते हैं. इसीलिए झारखंड में इसके खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं.
'इसके खिलाफ जाएंगे बिहार'
उन्होंने ये भी कहा, "हमारे विधानसभा अध्यक्ष इस विषय पर विधानसभा में व्यापक चर्चा की मांग करेंगे और हमें झारखंड में इसके खिलाफ प्रस्ताव पारित करना चाहिए. हम इसके खिलाफ बिहार भी जाएंगे."
कांग्रेस ने बताया साजिश
वहीं कांग्रेस विधायक सुरेश बैठा ने भी एसआईआर पर कहा, "चुनाव आयोग के द्वारा समय समय पर वोटरों की जांच की जाती है, वैसे वोटर जो निधन कर गए है या जो परमानेंट बाहर जा चुके हैं, उनके नाम को काटा जाता है. लेकिन जानबूझ कर वोटरों की संख्या कम कर देना गलत है साजिश है.
उन्होंने आगे कहा, "मान लिया जाए कि यादव समाज के लोग बाहर काम की वजह से गए हैं, जिससे बीजेपी घबरा गई है वे लोग का नाम हटाने की साजिश हो रही है. अगर ऐसा है तो मोदी सरनेम वाले लोगों का भी नाम हटना चाहिए."
ये एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया- बीजेपी
उधर, इस पर बीजेपी ने कहा, "एसआईआर एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है, जो चुनाव आयोग की आवश्यकताओं के अनुसार लागू होती है." पार्टी का दावा है कि यह प्रक्रिया निष्पक्षता सुनिश्चित करने और चुनावी अनियमितताओं की जांच के लिए जरूरी है, और इसे राजनीतिक रंग देना उचित नहीं है.
Source: IOCL





















