Jharkhand: निलंबित चीफ इंजीनियर के काली कमाई का ED ने किया पर्दाफाश, 3 महीने में लिए 4.50 करोड़ का कमीशन
Ranchi News: ईडी के सामने आरोपी वीरेंद्र राम ने कहा कि, प्रत्येक टेंडर वैल्यू पर ठेकेदारों से 3.2 प्रतिशत कमीशन लिया जाता था. जिसमें से मुख्य अभियंता का शेयर 0.3 से 1 प्रतिशत तक होता था.

Jharkhand News: झारखंड में भ्रष्टाचार का एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. दरअसल, झारखंड सरकार के ग्रामीण कार्य विकास विभाग के निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम की अवैध कमायी और करतूतों का ईडी (ED) ने पर्दापाश किया है. ईडी ने जांच में पाया है कि वीरेंद्र राम ने टेंडर में कमीशन के तौर पर मेसर्स लार्ड्स इंफ्राकॉन प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक महेंद्र गोप से नवंबर 2022 से जनवरी 2023 के बीच 4.50 करोड़ का कमीशन लिया. महेंद्र गोप ने पूछताछ में यह बात कबूल की है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि वीरेंद्र राम के कहने पर उनके व्यक्ति को पैसे की डिलीवरी की गई थी. बता दें कि, ईडी के 76 पन्नों की शुरुआती जांच रिपोर्ट में वीरेंद्र राम की कमीशनखोरी, अचल संपत्ति में निवेश के लिए आपराधिक साजिश, परिवार के बेहिसाब खर्चों, रिहायशी लाइफ स्टाइल तक का जिक्र है.
दरअसल, वीरेंद्र राम घर में एकमात्र कमाने वाला सदस्य है. वीरेंद्र राम ने खुद ईडी के सामने यह बात कबूल की है कि उसने आईटीआर में सारी जानकारी गलत दी थी. उसके खाते में साल 2014-15 व 2018-19 के दौरान 9.30 करोड़ व दिसंबर 22 से जनवरी 2023 के बीच 4.50 करोड़ रुपये उसके जीवन भर की कमाई से कहीं अधिक है. ईडी ने जांच में पाया है कि साल 2019 के बाद वीरेंद्र राम व उसके चचेरे भाई आलोक रंजन एक साथ कई बार दिल्ली गए. साथ ही हर बार मोटी रकम वे साथ ले जाते थे और ये रकम सीए मुकेश मित्तल को हैंडओवर किया जाता था. इसके बाद यह पैसे मुकेश मित्तल अपने रिश्तेदारों, स्टाफ व करीबियों के बैंक खातों से वीरेंद्र राम, राजकुमारी व गेंदा राम के खाते में जमा कराता था.
एसीबी छापे में मिले थे 2.67 करोड़
वहीं पूछताछ के दौरान ईडी के सामने वीरेंद्र राम ने कहा कि, प्रत्येक टेंडर वैल्यू पर ठेकेदारों से 3.2 प्रतिशत कमीशन लिया जाता था. जिसमें से मुख्य अभियंता का शेयर 0.3 से 1 प्रतिशत तक होता था. 21 फरवरी को छापेमारी के दौरान अशोकनगर से मिले 7.82 लाख रुपये भी कमीशन के थे. ईडी ने जांच में पाया है कि ठेकेदार राजेश कुमार जिसकी गाड़ी से वीरेंद्र राम चलते थे, उसे साल 2015 के बाद 62 करोड़ के 22 टेंडर दिए गए थे, जिसके कमीशन के तौर पर वीरेंद्र राम ने 1.88 करोड़ लिए थे. वहीं ईडी को दिए बयान में जूनियर इंजीनियर सुरेश कुमार वर्मा ने बताया कि उनकी पत्नी पुष्पा वर्मा के फ्लैट का रेंट एग्रीमेंट आलोक रंजन के नाम पर हुआ था. यहां वीरेंद्र राम व राजकुमार देवी आया करते थे. फ्लैट का किराया भी वीरेंद्र राम देते थे. उनके फ्लैट पर एसीबी छापे के बाद मिले 2.67 करोड़ वीरेंद्र राम के थे. प्रत्येक टेंडर के आवंटन पर वीरेंद्र राम 5 प्रतिशत कमीशन लेते थे, उसी से यह पैसा जमा किया गया था.
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