Jharkhand: दुबई में फंसे गिरिडीह के गुरुचरण महतो की हुई वतन वापसी, लौटकर क्या बताया?
Giridih News: गिरिडीह बगोदर के दुबई में फंसे प्रवासी मजदूर गुरुचरण महतो की वतन वापसी हो गई. वह दुबई में ट्रांसमिशन कंपनी के तीन माह से मजदूरी नहीं मिलने के कारण खाने-पीने, वेतन ना मिलने से परेशान थे.

झारखंड के गिरिडीह जिले के बगोदर थाना क्षेत्र के अंतर्गत घाघरा के दुबई में फंसे प्रवासी मजदूर गुरुचरण महतो की बुधवार को वतन वापसी हो गई. साथ ही साथ कंपनी के द्वारा तीन महीने की मजदूरी का भुगतान कर दिया गया है. वतन लौटने के बाद गुरुचरण महतो ने मीडिया से बातचीत में बताया कि उनको दुबई में ट्रांसमिशन कंपनी द्वारा तीन माह से मजदूरी नहीं मिलने के कारण खाने-पीने में परेशानी हो रही थी.
उन्होंने बताया कि वेतन मांगने पर लगातार उनकाे धमकियां दी जा रही थीं, जिसके कारण मानसिक रूप से टूट चुके थे. उनको एक कमरे में बंद करके रखा गया था और महज एक समय खाना दिया जा रहा था.
दुबई में मजदूरी नहीं मिलने पर खाने-पीने में परेशानी झेली
उन्होंने प्रवासी मजदूरों के हित में काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता सिकंदर अली के माध्यम से वीडियो संदेश जारी किया था. इसके बाद उनकी वीडियाे सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद झारखंड व भारत सरकार हरकत में आई. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए भारतीय दूतावास और प्रवासी भारतीय मामलों के मंत्रालय ने कंपनी प्रबंधन से संपर्क किया.
गुरुचरण ने बताया कि दुबई से उड़ान भरने के बाद सबसे पहले ईश्वर का नाम लेते हुए अपने वतन की मिट्टी को चुमा और फिर गांव आकर अपने कुल देवी-देवताओं की पूजा की, उन्होंने बताया कि गांव में आकर और अपने लोगों से मिलकर वह बहुत सुकून महसूस कर रहे हैं.
केंद्र और राज्य सरकार का आभार प्रकट किया
इसके बाद घर वापसी होने पर गुरुचरण महतो ने केंद्र और राज्य सरकार, श्रम विभाग की टीम लीड शिखा लकड़ा, समाजसेवी सिकंदर अली, उनकी आवाज को बुलंद करने वाले मीडियाकर्मियों का आभार प्रकट किया है.
वही सिकंदर अली ने बताया कि रोजी-रोटी के लिए लाखों लोग विदेश और परदेश की ओर रूख अख्तियार करते हैं. इस दौरान कई घटनाएं घटित होती हैं, जो काफी दर्दनाक होता है. न चाहते हुए भी इंसान को जीविकोपार्जन के लिए घर से बाहर जाना पड़ता है. ऐसे में सरकार को इस दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है.
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