'मैं तो अब तक सदमे में हूं', बिहार के नतीजों पर विश्वास नहीं कर पा रहे इरफान अंसारी, बोले- असंभव है
Irfan Ansari News: कांग्रेस नेता इरफान अंसारी बिहार चुनाव में NDA की जीत से सदमे में हैं. उन्होंने NDA की 202 सीटों की जीत को असंभव बताया और विपक्ष को एकजुट होने की सलाह दी.

बिहार विधानसभा चुनाव में NDA को प्रचंड जीत मिली और नीतीश कुमार ने 10वीं बार सीएम पद की शपथ ली. इसी बीच बिहार में महागठबंधन की हार पर कांग्रेस नेता और झारखंड सरकार में मंत्री इरफान अंसारी का बड़ा बयान आया. उन्होंने कहा कि वे बिहार के नतीजों के बाद से अब तक सदमे में हैं.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करने दिल्ली पहुंचे इरफान अंसारी ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि एनडीए को मात देने के लिए हमें ईमानदारी से एक होना होगा. बीजेपी में एक से बढ़कर एक तिकड़मबाज हैं. ये हमें बिहार के चुनाव में देखने को मिला.
'इतनी बड़ी जीत असंभव है'- इरफान अंसारी
इरफान अंसारी ने कहा कि बिहार चुनाव में एनडीए ने 202 सीटों पर जीत दर्ज की, ये कैसे हो सकता है? हम तो अभी तक इसी सदमे में हैं कि यह कैसे हो सकता है. यह असंभव है.
'असदुद्दीन ओवैसी के झांसे में न आए अंसारी समाज'- इरफान अंसारी
झारखंड सरकार में मंत्री इरफान अंसारी ने आगे कहा कि न कोई लहर है और न ही जनता आपको चाहती है, इसके बावजूद इतनी सीटें ला रहे हैं. हमें (विपक्ष दलों को) आपस में मिलकर चुनाव लड़ना होगा. मैंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात की है और उन्होंने मुझे काम दिया है कि झारखंड में असदुद्दीन ओवैसी के झांसे में हमारे (अंसारी समाज से जुड़े) युवा न आएं. उन्हें ठीक करने की जिम्मेदारी मुझे दी गई है. इनका विकास करने के लिए कहा गया है. हम लोग सबको लेकर चलने वाले लोग हैं.
इमरान मसूद को नहीं जानते इरफान अंसारी
वहीं, जब इरफान अंसारी से इमरान मसूद के बयान पर सवाल पूछा गया तो कांग्रेस के मंत्री ने कहा, "मैं झारखंड से आता हूं, इमरान मसूद को मैं नहीं जानता."
बिहार चुनाव में फिर घपले का आरोप
झारखंड के मंत्री ने कहा कि उन्हें बिहार चुनाव को लेकर रिपोर्ट देनी है. ईवीएम से छेड़खानी हुई है, इसीलिए हम बिहार चुनाव हारे हैं. एक ही समान वोट 6 मंत्रियों को कैसे मिल सकता है? हमने मुख्यमंत्री के चेहरे की घोषणा की तो मल्लाह समाज से जुड़े चेहरे को उपमुख्यमंत्री के लिए आगे किया. अगर अल्पसंख्यक समाज से जुड़े चेहरे को भी घोषित कर दिया होता तो परिणाम और बेहतर होता. इसका जनता में आक्रोश था, लोगों ने मुझसे सवाल पूछा था. इसका पूरा फायदा ओवैसी ने उठाया है.
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