Vaishno Devi Landslide: खराब मौसम की चेतावनी के बाद भी क्यों नहीं रोकी गई वैष्णो देवी यात्रा? CM उमर अब्दुल्ला ने उठाया सवाल
Katra Landslide: वैष्णो देवी यात्रा में भारी बारिश और बादल फटने से 41 श्रद्धालु की मौत हुई है. मौसम अलर्ट के बावजूद यात्रा नहीं रोकी गई. उमर अब्दुल्ला ने सुरक्षा और जिम्मेदारी पर सवाल उठाए.

जम्मू-कश्मीर में वैष्णो देवी यात्रा के दौरान भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं ने हाहाकार मचा दिया. रियासी और डोडा जिलों में मंगलवार (26 अगस्त) और बुधवार को हुई प्राकृतिक आपदा में कम से कम 41 लोगों की मौत हो गई. इनमें से अधिकांश श्रद्धालु वैष्णो देवी मंदिर की यात्रा कर रहे थे. जम्मू क्षेत्र में पिछले 24 घंटों में दर्ज की गई भीषण बारिश ने इलाके में तबाही मचा दी. तीर्थयात्रियों की मौत पर उमर अब्दुल्ला का सवाल उठाते हुए कहा कि मौसम विभाग की चेतावनी के बावजूद वैष्णो देवी यात्रा क्यों नहीं रोकी गई?
मंगलवार को अर्धकुंवारी के पास अचानक आए बादल फटने की घटना में 34 श्रद्धालुओं की जान चली गई. वहीं, सुबह हुई तेज बारिश और अचानक आई बाढ़ में डोडा जिले में चार लोगों की मौत हुई. अन्य लोग विभिन्न स्थानों पर घायल हुए हैं और राहत एवं बचाव कार्यों में पुलिस और आपदा प्रबंधन टीम लगी हुई है.
चेतावनी के बाद अलर्ट क्यों नहीं हुआ बोर्ड - उमर अब्दुल्ला
इस घटना के बाद जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने तीर्थयात्रियों की मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया और अधिकारियों से सवाल किया कि जब मौसम विभाग ने पहले से चेतावनी जारी की थी, तो यात्रा क्यों नहीं रोकी गई. उमर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि "जब हमें मौसम विभाग से चेतावनी मिली थी, तो क्या हम उन लोगों की जान बचाने के लिए कोई कदम नहीं उठा सकते थे? ये लोग ट्रैक पर क्यों थे और उन्हें सुरक्षित जगह क्यों नहीं पहुंचाया गया?" उन्होंने स्पष्ट किया कि इस मामले पर बाद में गंभीर चर्चा की जाएगी.
सीएम ने जिम्मेदारों से मांगा जवाब
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि आपदा से पहले जानकारी होने के बावजूद श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए गए, जो चिंता का विषय है. उनका कहना था कि अनमोल जानें जाने का दुख है और इसके लिए जिम्मेदारों से जवाब मांगा जाएगा.
बोर्ड की ओर से अब तक कोई जवाब नहीं
वैष्णो देवी यात्रा का संचालन श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड करता है, जिसके अध्यक्ष जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा हैं. यह बोर्ड त्रिकुटा पहाड़ियों में तीर्थयात्रियों की निगरानी करता है. हालांकि उमर अब्दुल्ला के सवालों के बावजूद इस बोर्ड की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया कि मौसम अलर्ट के बावजूद यात्रा क्यों नहीं रोकी गई.
इस हादसे ने प्रशासन की आपदा प्रबंधन नीतियों और तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. राहत कार्यों के बीच अधिकारियों ने श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त कदम उठाने की बात कही है.
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL






















