कश्मीर में नाकेबंदी से फल उत्पादक और ट्रक मालिक परेशान, श्रीनगर में किया प्रदर्शन
Jammu Kashmir News: जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर पिछले तीन हफ्तों से भी ज्यादा समय से लगातार नाकेबंदी के कारण फल उद्योग को भारी नुकसान हो रहा है. इसको लेकर सोमवार को प्रदर्शन किया गया.

कश्मीर घाटी में फल उत्पादकों, किसानों और ट्रक एवं परिवहन संघों द्वारा विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं, वहीं सोमवार (15 सितंबर) को श्रीनगर के परिमपोरा स्थित फल मंडी में भी शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया गया. यह विरोध प्रदर्शन कश्मीर घाटी फल उत्पादक सह विक्रेता संघ द्वारा श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच-44 पर पिछले 20 दिनों से जारी नाकेबंदी के विरोध में दिए गए आह्वान पर किया गया.
वहीं जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर पिछले तीन हफ्तों से भी ज़्यादा समय से लगातार नाकेबंदी के कारण फल उद्योग को भारी नुकसान हो रहा है. इस राजमार्ग संकट के केंद्र में उधमपुर जिले में थराद और बल्ली नाला के बीच स्थित 300 मीटर लंबा, संकरा और बेहद ऊबड़-खाबड़ कीचड़ भरा रास्ता है.
अधिकारियों ने बताया है कि इस रास्ते का निर्माण भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने इसी महीने की शुरुआत में किया था, जब मौजूदा सड़क एक पहाड़ के मलबे में दब गई थी जो राजमार्ग पर गिर गया था और उसका एक हिस्सा बारिश में बह गया था.
जमीनी स्तर पर बिगड़े हालात
श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर व्यवधान के कारण घाटी भर में फल मंडियों के बंद होने से जमीनी स्तर पर स्थिति और बिगड़ गई है. कृषि उत्पादन विभाग और बागवानी मंत्री जावीद अहमद डार राजमार्ग की स्थिति का जायजा लेने और फलों से लदे ट्रकों की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित करने के उपाय तलाशने के लिए तुरंत पहुंचे.
उधर, फल उत्पादक संघ के अध्यक्ष बशीर अहमद बशीर के अनुसार, फलों से लदे ट्रकों के लिए राजमार्ग पर लगातार नाकेबंदी के कारण सेब और नाशपाती के फलों और अन्य शुरुआती किस्मों के ताजे फलों से लदे ट्रकों को पूरी तरह से नुकसान पहुंचा है.
पीक सीजन में फलों की सिर्फ 700 गाड़ियां ही जा पा रहीं
अधिकारियों के मुताबिक फलों के पीक सीजन के दौरान, सामान्य दिनों में, लगभग 10,000 वाहन, जिनमें 1000 सेब के ट्रक शामिल हैं, राजमार्ग पर चलते हैं. लेकिन सड़क की मौजूदा स्थिति के कारण, केवल 700 से 1000 वाहन ही गुजर पा रहे हैं.
राष्ट्रीय राजमार्ग NH-44 के विभिन्न स्थानों पर फंसे इन वाहनों और अन्य ट्रकों की संख्या हजारों में है. केवीएफजी संघ, श्रीनगर के अध्यक्ष के निर्देशों पर कार्य करते हुए, अगले 48 घंटों में घाटी की अन्य सभी फल मंडियों में भी और अधिक शांतिपूर्ण और ज़ोरदार विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे.
मंडियों को दो दिन के लिए बंद करने का ऐलान
केवीएफजी ने सरकार और एनएचएआई के विरोध में कश्मीर घाटी की सभी फल मंडियों को दो दिन के लिए बंद रखने की घोषणा की है, क्योंकि एनएच-44 राजमार्ग को भारी ट्रकों के लिए पूरी तरह से चालू करने में सरकार विफल रही है.
उधमपुर के थराद इलाके में राजमार्ग बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है, जहां 28 अगस्त को हुए भारी भूस्खलन में एक किलोमीटर से ज़्यादा लंबी सड़क नष्ट हो गई थी. हालांकि, हल्के वाहन श्रेणी के यात्री और छोटे वाहनों के लिए सड़क खोल दी गई है, लेकिन अस्थायी सड़क के धंस जाने के कारण, सेब और अन्य फलों से लदे ट्रकों सहित भारी वाहनों के आवागमन पर रोक लगा दी गई है.
Source: IOCL






















