CM उमर अब्दुला ने PM मोदी को आदिल अहमद शाह के बारे में बताया, जानें क्या कहा?
Omar Abdullah Meets PM Modi: उमर अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात कर उनसे पहलगाम आतंकी हमले समेत कई मुद्दों पर चर्चा की. उन्होंने जम्मू-कश्मीर के लोगों की पीड़ा और आक्रोश को भी दोहराया.

Omar Abdullah Meets PM Narendra Modi: जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शनिवार (3 मई) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और पहलगाम आतंकी हमले समेत कई मुद्दों पर चर्चा की. प्रधानमंत्री के आवास पर दोनों नेताओं के बीच बैठक करीब आधे घंटे तक चली. 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए हमले, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, उसके बाद से ये सीएम अब्दुल्ला औरी पीएम मोदी की पहली मुलाकात है.
सीएम उमर अब्दुल्ला ने बातचीत के दौरान बैसरन घाटी में हुए जघन्य आतंकवादी हमले के मद्देनजर मौजूदा स्थिति से पीएम मोदी को अवगत कराया. इस दौरान सीएम अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर के लोगों की गहरी पीड़ा और आक्रोश को दोहराया. जम्मू-कश्मीर विधानसभा ने 28 अप्रैल को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर इस हमले की कड़े शब्दों में निंदा की थी, जो आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने और क्षेत्र की शांति और सद्भाव की रक्षा करने की जनप्रतिनिधियों की सामूहिक इच्छा को दर्शाता है.
हमले को लेकर जम्मू-कश्मीर के लोगों में गुस्सा
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बताया कि जम्मू-कश्मीर के लोगों में हिंसा को अस्वीकार करते हुए गहरी एकजुटता की भावना है. सीएम उमर अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री को जमीनी हालात के बारे में भी जानकारी दी, खासकर घातक हमले को लेकर लोगों में व्याप्त आक्रोश और हिंसा के प्रति अपनी अस्वीकृति व्यक्त करने के लिए हर गली-मोहल्ले में हो रहे स्वतःस्फूर्त विरोध प्रदर्शनों के बारे में.
आदिल हुसैन की बहादुरी पर भी हुई चर्चा
साल 1989 में आतंकवाद के उभरने के बाद पहली बार ऐसा हो रहा है. मुख्यमंत्री ने टट्टू चलाने वाले सैयद आदिल हुसैन शाह के बलिदान का भी जिक्र किया, जिसने पर्यटकों की रक्षा के लिए साहसी प्रयास करते हुए एक आतंकवादी से हथियार छीनने की कोशिश की थी.
अमरनाथ यात्रा और पर्यटन के बारे में भी जानकारी दी
बैठक में इस हमले से तेजी से बढ़ते पर्यटन उद्योग और आगामी अमरनाथ यात्रा पर पड़ने वाले प्रभाव पर भी चर्चा हुई. अमरनाथ यात्रा तीन जुलाई को दो मार्गों से शुरू होने वाली है- 48 किलोमीटर लंबा पारंपरिक पहलगाम मार्ग अनंतनाग जिले में है, जबकि 14 किलोमीटर का छोटा लेकिन अधिक खड़ी चढ़ाई वाला बालटाल मार्ग गांदरबल जिले में है. यह यात्रा 38 दिनों तक चलेगी.
Source: IOCL






















