मनरेगा में बदलाव को लेकर CM सुक्खू का केंद्र सरकार पर हमला, आंदोलन की तैयारी में कांग्रेस
Himachal Politics: CM सुक्खू ने मनरेगा बजट कटौती को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कांग्रेस द्वारा जल्द ही जन-आंदोलन शुरू करने की घोषणा की, जिसमें मंत्री अनशन पर बैठ सकते हैं.

हिमाचल प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर केंद्र और राज्य सरकार के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो गई है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा (MGNREGA) में किए गए बदलावों और बजट कटौती को लेकर सीधा हमला बोला है.
सीएम ने ऐलान किया है कि कांग्रेस पार्टी जल्द ही इसके खिलाफ एक बड़ा जन-आंदोलन शुरू करेगी, जिसमें मंत्रिमंडल के सदस्य अनशन पर भी बैठ सकते हैं. इसी के साथ, मुख्यमंत्री ने प्रदेश के बच्चों के सुरक्षित भविष्य के लिए पल्स पोलियो अभियान का भी शुभारंभ किया.
'योजना के बजट में हो रही है कटौती'
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला में मीडिया से बात करते हुए कहा कि मनरेगा कांग्रेस की एक ऐतिहासिक और जनहितकारी योजना है, जिसकी नींव पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी ने रखी थी. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार इस योजना के बजट में कटौती कर इसे धीरे-धीरे बंद करने की साजिश रच रही है.
'केंद्र की नियत नहीं लग रही ठीक'
सीएम सुक्खू ने कहा, "कोरोना काल में जब रोजगार के सारे रास्ते बंद थे, तब मनरेगा ने ही करोड़ों गरीब परिवारों को सहारा दिया था. आज केंद्र की नीतियों के कारण हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्य को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. हमने अपने स्तर पर मजदूरों की दिहाड़ी बढ़ाई है, लेकिन केंद्र की नियत ठीक नहीं लग रही." मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस इस मुद्दे पर चुप नहीं बैठेगी और जल्द ही दिल्ली से लेकर हिमाचल की सड़कों तक आंदोलन का बिगुल फूंका जाएगा.
पल्स पोलियो अभियान: 'दो बूंद जिंदगी की'
सियासी हमले के बीच मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए कमला नेहरू अस्पताल, शिमला से राज्यव्यापी पल्स पोलियो अभियान की शुरुआत की.
अभियान का विवरण
प्रदेश के 5 वर्ष से कम आयु के लगभग 6.24 लाख बच्चों को पोलियो की दवा पिलाने का लक्ष्य रखा गया है. राज्य सरकार ने दुर्गम क्षेत्रों को ध्यान में रखते हुए 5,793 पोलियो बूथ स्थापित किए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल की भौगोलिक परिस्थितियां कठिन हैं, फिर भी स्वास्थ्य विभाग ने हर बच्चे तक पहुंच सुनिश्चित की है. उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि वे अपने बच्चों को इस सुरक्षा चक्र का हिस्सा जरूर बनाएं.
मुख्यमंत्री के तेवरों से साफ है कि वे आने वाले समय में रोजगार और विकास के मुद्दों पर केंद्र को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ेंगे, जबकि प्रदेश के बुनियादी स्वास्थ्य लक्ष्यों को भी साथ लेकर चलेंगे.
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Source: IOCL























