हिमाचल विधानसभा का मॉनसून सत्र आज से शुरू, आपदा और बेरोजगारी पर गरमाएगा सदन
Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश विधानसभा का 12 दिवसीय मॉनसून सत्र आज शुरू हुआ. अध्यक्ष कुलदीप पठानिया की सर्वदलीय बैठक हुई, जिसमें आपदा, बेरोजगारी और भर्ती जैसी समस्याओं पर चर्चा हुई.

हिमाचल प्रदेश विधानसभा का 12 दिवसीय मॉनसून सत्र आज से शुरू हो गया है. सत्र से पहले, विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक हुई, जिसमें संसदीय कार्य मंत्री हर्ष वर्धन चौहान, और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर सहित दोनों दलों के वरिष्ठ नेता मौजूद रहे.
विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने कहा कि अब तक विधानसभा सचिवालय को 1018 प्रश्न प्राप्त हुए हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि सत्र सौहार्दपूर्ण माहौल में चलेगा और आपदा जैसे साझा मुद्दों पर सभी दल एकजुट होकर विचार करेंगे.
रोजगार देने में सरकार पूरी तरह विफल रही - जयराम ठाकुर
बैठक के बाद नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश हर साल प्राकृतिक आपदा से जूझ रहा है और सरकार इसकी तैयारियों में नाकाम रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि रोजगार देने में सरकार पूरी तरह विफल रही है.
तीन साल से भर्ती प्रक्रियाएं ठप हैं, और कांग्रेस ने पांच लाख नौकरियों का जो वादा किया था, उस पर अब तक कोई प्रगति नहीं हुई. विपक्ष सत्र में आपदा प्रबंधन, बेरोजगारी, आर्थिक संकट और सरकारी संस्थानों के स्थानांतरण जैसे मुद्दे मजबूती से उठाएगा.
पहली बार मॉनसून सत्र को 12 दिन तक बढ़ाया गया - हर्ष वर्धन
वहीं, संसदीय कार्य मंत्री हर्ष वर्धन ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखु के नेतृत्व में पहली बार मॉनसून सत्र को 12 दिन तक बढ़ाया गया है, ताकि विधायक अपने क्षेत्रों की समस्याएं रख सकें. उन्होंने कहा कि 2023 की आपदा में प्रदेश को 10 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था, लेकिन केंद्र सरकार से केवल 1,500 करोड़ मिले.
इस साल भी अब तक ढाई हजार करोड़ का नुकसान हो चुका है. हर्ष वर्धन ने स्पष्ट किया कि नियम 130 के तहत आज आपदा पर चर्चा होगी और विपक्ष यदि नियम 67 के तहत भी चर्चा चाहता है, तो सरकार को कोई आपत्ति नहीं है.
हिमाचल मानसून सत्र 2025 कानून व्यवस्था पर ध्यान
बता दें, हिमाचल प्रदेश विधानसभा मानसून सत्र-2025 के दौरान जिला प्रशासन और पुलिस विभाग के अधिकारी कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए हर दृष्टि से पैनी नजर रखे ताकि इस दौरान किसी भी प्रकार की अव्यवस्था उत्पन्न न हो.
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Source: IOCL





















