'हिमाचल में व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर व्यवस्था पतन', नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर का CM सुक्खू पर निशाना
Shimla News: हिमाचल प्रदेश की सियासत में पक्ष और विपक्ष के नेताओं के बीच वार-पलटवार का सिलसिला जारी है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने शिक्षा के गिरे स्तर के लिए पूर्व बीजेपी सरकार को जिम्मेदार ठहराया.

Himachal Pradesh Politics: हिमाचल प्रदेश की सियासत में पक्ष और विपक्ष के नेताओं के बीच वार-पलटवार का सिलसिला लगातार जारी है. रविवार को अपने गृह क्षेत्र नादौन पहुंचे मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने हिमाचल प्रदेश में शिक्षा के गिरे हुए स्तर के लिए पूर्व बीजेपी सरकार को जिम्मेदार ठहराया.
पूर्व बीजेपी सरकार पर बिना स्टाफ का प्रावधान के स्कूल खोलने के आरोप लगाए. अब नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर पलटवार किया है. जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर व्यवस्था पतन हो रहा है. सुख की सरकार जनता को दु:ख देने का काम कर रही है. जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री कांग्रेस सरकार को 'दु:ख की सरकार' करार दिया.
जयराम ठाकुर का CM सुक्खू पर निशाना
शिमला में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य में स्थिति बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. राज्य सरकार की नाकामियों की वजह से प्रदेश में अराजकता का माहौल पैदा हो गया है. हिमाचल प्रदेश में आज से पहले ऐसा दुर्भाग्य नहीं देखा गया, जब दो महीने से राज्य की ट्रेजरी को अघोषित रूप से बंद किया गया हो. उन्होंने कहा कि राज्य की ट्रेजरी को बंद किया गया है और लोगों के लंबित भुगतान नहीं किया जा रहे हैं.
यही नहीं, प्रदेश में जरूरी दवाओं की सप्लाई भी बंद हो गई है, क्योंकि सप्लायरों को पैसा नहीं चुकाया गया है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की नाकामी की वजह से जनता परेशान हो रही है.
कांग्रेस सरकार ने किया व्यवस्था का बेड़ागर्क- जयराम ठाकुर
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा- "इस समय पूरा प्रदेश सरकार की वजह से परेशानी उठा रहा है. विकास के काम ठप पड़े हैं. स्कूल जैसे अहम संस्थान बंद किए जा रहे हैं. सार्वजनिक वितरण प्रणाली को सरकार बर्बाद करने पर आमादा है.''
आगे उन्होंने कहा, ''सुख की सरकार में स्वास्थ्य व्यवस्था का जिस प्रकार बेड़ागर्क हुआ है, वह पूरे प्रदेश से छिपा नहीं है. दवाइयों के पैसे मांगते-मांगते दवा सप्लायरों ने दवाओं की सप्लाई भी अस्पताल में बंद कर दी है. हिमकेयर के भुगतान रोके जाने की वजह से प्रदेशवासियों को मिलने वाले नि:शुल्क इलाज का रास्ता सरकार बंद कर चुकी है. प्रदेश में जहां भी जाओ, वहां लोग सरकार की नाकामी का हवाला दे रहे हैं. सरकार के पास पड़े लोगों के अपने पैसे भी सरकार नहीं दे पा रही है. अस्पतालों में दवाई नहीं है और न ही कर्मचारियों के इलाज के बिल पास हो रहे हैं".
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Source: IOCL





















