(Source: ECI | ABP NEWS)
हरियाणा की DCR यूनिवर्सिटी में छात्राओं ने लगाया छेड़छाड़ का आरोप, हॉस्टल की टाइमिंग पर भी उठे सवाल
Haryana News: सोनीपत के दीन बंधु छोटूराम विश्वविद्यालय की छात्राओं ने हॉस्टल समय-सारणी को लेकर राज्यपाल को पत्र लिखा और वीडियो जारी कर दिन में छेड़छाड़ के आरोप लगाए. सरकार से मदद की गुहार लगाई.

सोनीपत के मुरथल स्थित दीन बंधु छोटूराम विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय एक बार फिर चर्चा में है. इस बार वजह है विश्वविद्यालय की छात्रावास व्यवस्था. छात्रावास में रहने वाली छात्राओं ने राज्यपाल को एक पत्र लिखकर अपने हॉस्टल की समय-सारणी को लेकर गंभीर शिकायतें दर्ज कराई हैं. इतना ही नहीं, छात्राओं ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर विश्वविद्यालय प्रशासन पर दिन के समय छेड़छाड़ जैसे गंभीर आरोप भी लगाए हैं.
छात्राओं ने लगाया छेड़छाड़ का आरोप
जारी किए गए वीडियो में छात्राओं ने बताया कि दिन के समय विश्वविद्यालय परिसर में बाहर से आने वाले लोग और गाड़ियां घूमती रहती हैं, जिनमें आने वाले युवक छात्राओं के साथ छेड़छाड़ और अभद्र व्यवहार करते हैं.
उन्होंने कहा कि कई बार शिकायत करने के बावजूद प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया. छात्राओं ने कहा कि वे अब डरी और असुरक्षित महसूस कर रही हैं.
हमें कैद में रहना पड़ता है- छात्राएं
राज्यपाल को भेजे गए पत्र में छात्राओं ने लिखा है कि हॉस्टल का गेट शाम साढ़े छह बजे बंद और सुबह छह बजे खुलता है, जिससे उनकी पढ़ाई और जरूरी कामकाज पर असर पड़ता है.
पत्र में लिखा गया है कि हमारी कक्षाएं शाम तक चलती हैं. जब तक हॉस्टल पहुंचते हैं, तब तक गेट बंद हो जाता है. हमें अपने जरूरी काम, प्रोजेक्ट या प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए बाहर जाने की अनुमति नहीं मिलती. ऐसा लगता है जैसे हमें जेल में बंद कर दिया गया हो.
छात्राओं का कहना है कि यह नियम उनके मानवाधिकारों का हनन है और उन्हें “सुरक्षा” के नाम पर “कैद” में रखा जा रहा है.
सरकार से लगाई मदद की गुहार
छात्राओं ने राज्यपाल और सरकार से अपील की है कि विश्वविद्यालय प्रशासन के इन नियमों की समीक्षा कराई जाए और कैंपस में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जाए. उनका कहना है कि वे सुरक्षा चाहती हैं, लेकिन यह सुरक्षा उनकी आज़ादी छीने बिना होनी चाहिए.
इस पूरे मामले पर अब तक विश्वविद्यालय प्रशासन की कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन छात्राओं के वीडियो और पत्र सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं.
Source: IOCL
























