श्रीमद्भागवत गीता का संस्कृति, धर्म एवं दर्शन पर गहरा प्रभाव : विपुल गोयल
Haryana News: हरियाणा के मंत्री विपुल गोयल ने रेवाड़ी में गीता महोत्सव में भाग लिया. उन्होंने गीता को जीवन का सार बताते हुए कहा कि यह भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है.

हरियाणा के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन, स्थानीय निकाय और नागरिक उड्डयन मंत्री विपुल गोयल ने रेवाड़ी बाल भवन में आयोजित जिला स्तरीय गीता महोत्सव का अवलोकन किया. राजस्व मंत्री ने कहा कि गीता केवल एक ग्रंथ नहीं, बल्कि उत्तम जीवन जीने का सिद्धांत है, जिसमें जीवन के सभी प्रश्नों का समाधान मिलता है. श्रीमद्भागवत गीता ने भारतीय संस्कृति, धर्म और दर्शन को गहराई से प्रभावित किया है. इसलिए हर व्यक्ति को गीता के संदेशों को अपने जीवन में अपनाकर बेहतर समाज निर्माण में योगदान देना चाहिए.
उन्होंने कहा कि गीता हमें कर्म की शिक्षा देती है और इसका सार हर आयु और वर्ग के लोगों के लिए समान रूप से प्रासंगिक है. उन्होंने विशेषकर बच्चों से आग्रह किया कि वे गीता का अवश्य अध्ययन करें. योगेश्वर भगवान श्री कृष्ण द्वारा कुरुक्षेत्र में अर्जुन को दिया गया उपदेश केवल अर्जुन के लिए ही नहीं, बल्कि संपूर्ण मानवता के लिए मार्गदर्शक है.
मंत्री विपुल गोयल ने श्रीमद्भागवत गीता को संसार का महान ग्रंथ बताते हुए कहा कि यदि हम गीता के किसी एक श्लोक को भी सच्चे मन से जीवन में उतार लें, तो हमारा जीवन सफल हो सकता है. युवा पीढ़ी को गीता का नियमित अध्ययन करने के लिए प्रेरित करते हुए उन्होंने कहा कि सफलता वही पाता है जो सभी की भलाई के लिए कार्य करता है.
उन्होंने कहा कि भगवान श्री कृष्ण ने गीता में संदेश दिया है कि स्वार्थी नहीं, सारथी बनो. जीवन में जो भी कार्य करो, वह उत्कृष्टता और मानवता की भावना के साथ करो. उन्होंने उपस्थित श्रोताओं से आह्वान किया कि वे गीता के श्लोकों को अपने जीवन में धारण करें.
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