Haryana: गुरुग्राम-जयपुर हाईवे पर 282 करोड़ की परियोजनाओं की मिली सौगात, बनेंगे 9 फुट ओवर ब्रिज
Development Project Inauguration: गुरुग्राम-कोटपुतली-जयपुर NH-48 पर 4 नए फ्लाईओवर और 9 फुट ओवर ब्रिज का शिलान्यास हुआ है. पैदल सुरक्षा और यातायात आसान बनाने के लिए 282 करोड़ रुपये की परियोजनाएं मिली.

केंद्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग तथा कॉर्पोरेट कार्य राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने गुरुवार को गुरुग्राम-कोटपुतली-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर कई बड़े विकास कार्यों की शुरुआत की. इस मौके पर उन्होंने हीरो कंपनी के पास पंचगांव चौक, राठीवास और साहलावास में 4 नए फ्लाईओवर और एनएच-48 के 9 जगहों पर फुट ओवर ब्रिज का शिलान्यास किया. इन परियोजनाओं पर लगभग 282 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
पैदल यात्रियों के लिए आधुनिक फुट ओवर ब्रिज
नए फुट ओवर ब्रिज शिकोहपुर, मानेसर, बिनौला, राठीवास, मालपुरा, जयसिंहपुरखेड़ा, सिधरावली, खरखरा और खिजुरी में बनाए जाएंगे. इन ब्रिज पर रैंप, सीढ़ियां और विशेष प्रकाश व्यवस्था होगी. इसका मतलब है कि अब पैदल यात्री सुरक्षित तरीके से सड़क पार कर सकेंगे. साथ ही, रात में भी दृश्यता बेहतर होने से सड़क दुर्घटनाओं और हादसों में काफी कमी आएगी.
फ्लाईओवर से खत्म होगा ट्रैफिक जाम
मल्होत्रा ने बताया कि नए फ्लाईओवर खासकर पंचगांव चौक और राठीवास जैसे भीड़भाड़ वाले इलाकों में यातायात के दबाव को कम करेंगे. इससे खेड़की धौला से लेकर हरियाणा-राजस्थान सीमा तक का सफर ज्यादा आसान और सुरक्षित होगा. साथ ही, ब्लैकस्पॉट पर टकराव की संभावना खत्म होगी और लंबी दूरी तक वाहनों की गति भी बनी रहेगी.
इस मौके पर हर्ष मल्होत्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के नेतृत्व में पिछले 11 सालों में सड़क निर्माण में भारत ने कई ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल की हैं.
2014 में जहां राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क 91,000 किलोमीटर था, वहीं अब यह बढ़कर 1.46 लाख किलोमीटर से अधिक हो गया है. हाई-स्पीड कॉरिडोर की लंबाई भी 93 किलोमीटर से बढ़कर 2,474 किलोमीटर तक पहुंच गई है.
34 किलोमीटर प्रतिदिन सड़क निर्माण का रिकॉर्ड
मंत्री ने कहा कि भारत अब हर दिन औसतन 34 किलोमीटर सड़क बना रहा है. 2014 में चार लेन और उससे अधिक वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 18,371 किलोमीटर थे, जो अब बढ़कर 48,422 किलोमीटर हो गए हैं.
इसके पीछे बजट और मंत्रालय के खर्च में कई गुना वृद्धि का बड़ा योगदान है. मल्होत्रा ने बताया कि द्वारका एक्सप्रेसवे, यूईआर-II, गुरुग्राम-सोहना एलिवेटेड कॉरिडोर और दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे जैसी परियोजनाओं से गुरुग्राम में नए शहरी स्वरूप को आकार मिला है.
80,000 करोड़ से अधिक की परियोजनाएं पूरी
मल्होत्रा ने बताया कि दिल्ली-एनसीआर में 80,545 करोड़ रुपये की लागत वाली 1,679 किलोमीटर लंबी परियोजनाएं पहले ही पूरी हो चुकी हैं. इसके अलावा 7,084 करोड़ रुपये की योजनाएं निर्माणाधीन हैं.
23,850 करोड़ रुपये की योजनाएं योजना चरण में हैं. इनमें दिल्ली-अमृतसर-कटरा और दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का विस्तार, यूईआर-II का पूर्वी विस्तार और कालिंदी कुंज इंटरचेंज जैसी परियोजनाएं शामिल हैं.
विकास की रीढ़ है सार्वजनिक बुनियादी ढांचा
मंत्री ने जोर देकर कहा कि बुनियादी ढांचा भारत के आर्थिक विकास की रीढ़ है. यह सिर्फ सड़कों तक सीमित नहीं है, बल्कि व्यापार, कनेक्टिविटी और जीवन की गुणवत्ता में सुधार में मदद करता है.
बुनियादी ढांचे पर खर्च किया हर रुपया देश की जीडीपी पर 3.2 गुना असर डालता है. प्रधानमंत्री गति शक्ति मास्टर प्लान के तहत सड़क, रेलवे, बंदरगाह और लॉजिस्टिक नेटवर्क को जोड़कर आर्थिक गतिविधियों को नई ऊंचाई पर ले जाया जा रहा है.
कार्यक्रम के अंत में हर्ष मल्होत्रा ने कहा कि सड़क निर्माण केवल ढांचागत सुधार नहीं है, बल्कि यह भारत को एक आर्थिक महाशक्ति में बदलने की मजबूत नींव है. नई परियोजनाएं न केवल लोगों की जीवनशैली आसान बनाएंगी, बल्कि रोजगार, व्यापार और क्षेत्रीय विकास को भी बढ़ावा देंगी.
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Source: IOCL




















