सुनीता विलियम्स के धरती पर लौटने के बाद भाई ने PM मोदी का जताया आभार, 'हम चाहते हैं वो जल्द...'
Sunita Williams Return: सुनीता विलियम्स के धरती पर सुरक्षित वापसी को लेकर उनके चचेरे भाई दिनेश रावल ने कहा कि अब हम चाहते हैं कि जल्द से जल्द वो स्वस्थ हो जाए और जल्द से जल्द भारत की यात्रा करे.

Sunita Williams Returns: नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स के धरती पर सुरक्षित वापसी को लेकर उनके चचेरे भाई दिनेश रावल की प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा कि सुबह में जब वो स्पेस से धरती पर आ गई तो हम खुशी से कूद पड़े थे. घर के अंदर हमने पहले से ही दिया जलाया था. जैसे ही हमने सुना कि वो आ गई है, हमने घर के बाहर फूलों की बरसात की.
दिनेश रावल ने कहा, "अब हम चाहते हैं कि जल्द से जल्द वो स्वस्थ हो जाए और जल्द से जल्द भारत की यात्रा करे. हम प्रधानमंत्री का आभार जताते हैं कि उनका इतना प्यार मिला. सुनीता को उन्होंने चिट्ठी लिखकर आश्वासन दिया है. ये बड़ी बात है."
VIDEO | Ahmedabad: Dinesh Rawal, cousin of NASA astronaut Sunita Williams, expresses happiness over her return to Earth from space.
— Press Trust of India (@PTI_News) March 19, 2025
"As soon as Sunita came out of the capsule, we started celebrating. We had lighted diyas and were praying to God for her safe return to Earth. We… pic.twitter.com/7sBiAlXuII
सुनीता विलियम्स के साथ ये अंतरिक्ष यात्री भी धरती पर लौटे
गौरतलब है कि अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर, साथ ही नासा के निक हैग और रूसी अंतरिक्ष यात्री अलेक्जेंडर गोर्बुनोव, नौ महीने के लंबे मिशन के बाद धरती पर वापस लौटे हैं. एस्ट्रोनॉट्स को स्पेसएक्स के ड्रैगन अंतरिक्ष यान द्वारा सुरक्षित रूप से फ्लोरिडा के तट पर उतारा गया था. धरती पर लौटे अंतरिक्ष यात्रियों को एक सुंदर और अप्रत्याशित अनुभव हुआ.

डॉल्फिन्स ने किया सुनीता विलियम्स का स्वागत
उनका स्वागत डॉल्फिन्स ने किया. ड्रैगन कैप्सूल के समुद्र में उतरते ही डॉल्फिन कैप्सूल के आसपास तैरते हुए देखे गए. यह एक लगभग जादुई क्षण था जब डॉल्फिन ने ड्रैगन कैप्सूल के चारों ओर चक्कर लगाया, इससे पहले कि इसे रिकवरी पोत पर रखा जाता. रिकवरी टीम ने कैप्सूल के साइड हैच को सावधानी से खोला, जो सितंबर के बाद से पहली बार खुला था.अंतरिक्ष यात्रियों को कैप्सूल से बाहर निकाला गया और 45 दिनों के पुनर्वास कार्यक्रम के लिए ह्यूस्टन ले जाया गया.
हेग सबसे पहले बाहर निकले, उसके बाद विलियम्स तीसरे स्थान पर रहीं. तीनों अंतरिक्ष यात्रियों ने मुस्कुराते हुए हाथ हिलाया और अंतरिक्ष यान से बाहर आने में मदद की, जिससे अंतरिक्ष में उनके लंबे प्रवास का अंत हो गया. विलियम्स और विल्मोर ने 6 जून, 2024 को बोइंग के स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान में सवार होकर आईएसएस के लिए शुरुआत की. हालांकि, अंतरिक्ष यान में खराबी के बाद, वे फंस गए थे.

क्रू-9 की पृथ्वी पर वापसी में अपनी चुनौतियां थीं. यह मिशन (जो बोइंग के स्टारलाइनर की पहली चालक दल वाली उड़ान होने वाला था) केवल आठ दिनों तक चलने वाला था. स्टारलाइनर कैप्सूल के साथ तकनीकी समस्याओं के कारण, विलियम्स और विलमोर अंतरिक्ष में फंस गए थे. स्टारलाइनर के प्रणोदन समस्याओं के चलते सितंबर में इसकी वापसी बिना चालक दल के हुई.

वापसी की अनिश्चितता के कारण, नासा ने अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेसएक्स के क्रू-9 मिशन में फिर से सौंप दिया. सितंबर में, स्पेसएक्स ने उन्हें वापस लाने के लिए एक ड्रैगन अंतरिक्ष यान भेजा, जिसमें चार के बजाय केवल दो चालक दल के सदस्य थे, ताकि फंसे हुए अंतरिक्ष यात्रियों को समायोजित किया जा सके. फाल्कन 9 रॉकेट पर ड्रैगन कैप्सूल को मिशन के लिए लॉन्च किया गया था. क्रू-10 ने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर क्रू-9 की जगह ले ली है.

राजनाथ सिंह ने क्या कहा?
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी चालक दल के सदस्यों की अंतरिक्ष में असाधारण उपलब्धियों के लिए प्रशंसा की. रक्षा मंत्री ने बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी खुशी व्यक्त करते हुए लिखा, "नासा के क्रू-9 की पृथ्वी पर सुरक्षित वापसी से प्रसन्न हूं! भारत की बेटी सुनीता विलियम्स और अन्य अंतरिक्ष यात्रियों वाले चालक दल ने अंतरिक्ष में मानव धीरज और दृढ़ता के इतिहास को फिर से लिखा है."
उन्होंने कहा, "सुनीता विलियम्स की अविश्वसनीय यात्रा, अटूट समर्पण, दृढ़ता और संघर्ष की भावना दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रेरित करेगी. उनकी सुरक्षित वापसी अंतरिक्ष प्रेमियों और पूरी दुनिया के लिए जश्न का क्षण है. उनकी हिम्मत और उपलब्धियां हम सभी को गौरवान्वित करती हैं. उन्हें सुरक्षित रूप से धरती पर वापस लाने के लिए सभी हितधारकों को बधाई और बहुत-बहुत धन्यवाद."
पीएम मोदी ने सुनीता विलियम्स के नाम लिखा था पत्र
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुनीता विलियम्स के नाम एक भावपूर्ण पत्र लिखकर उनकी सुरक्षित वापसी की कामना की थी. प्रधानमंत्री द्वारा 1 मार्च को लिखा गया यह पत्र प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर साझा किया था. उन्होंने लिखा था, "पूरी दुनिया सुनीता विलियम्स की सुरक्षित वापसी का बेसब्री से इंतजार कर रही है. इस महत्वपूर्ण क्षण में पीएम मोदी ने भारत की इस गौरवशाली बेटी के लिए अपनी चिंता और शुभकामनाएं व्यक्त की हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने पत्र में लिखा, भले ही आप हजारों मील दूर हैं, लेकिन आप हमारे दिलों के बेहद करीब हैं. भारत के लोग आपकी अच्छी सेहत और आपके मिशन की सफलता के लिए प्रार्थना कर रहे हैं.उन्होंने उल्लेख किया कि अमेरिका की अपनी पिछली यात्राओं और विभिन्न राष्ट्रपतियों से मुलाकात के दौरान उन्होंने हमेशा सुनीता विलियम्स के बारे में जानकारी ली.
पीएम मोदी ने पत्र में अपने 2016 के अमेरिकी दौरे के दौरान सुनीता विलियम्स से हुई मुलाकात को भी याद किया और उन्हें भारत आने का न्योता दिया.पीएम मोदी ने लिखा, "आपकी वापसी के बाद हम आपको भारत में देखने के लिए उत्सुक हैं. यह हमारे लिए गर्व की बात होगी कि हम अपनी इस महान बेटी की मेजबानी करें."
उन्होंने कहा, "1.4 अरब भारतीय हमेशा आपकी उपलब्धियों पर गर्व करते हैं. हाल की घटनाओं ने एक बार फिर आपकी अद्भुत दृढ़ता और साहस को साबित किया है. जितेंद्र सिंह ने बताया कि कुछ दिन पहले पीएम मोदी ने पूर्व नासा अंतरिक्ष यात्री माइक मैसिमिनो से मुलाकात की थी और उनके माध्यम से यह पत्र सुनीता विलियम्स तक पहुंचाने का अनुरोध किया था. उन्होंने बताया कि सुनीता विलियम्स इस भावनात्मक संदेश से बेहद प्रभावित हुईं और उन्होंने पीएम मोदी और भारत के प्रति अपना आभार प्रकट किया.
भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री हैं सुनीता विलियम्स
बता दें कि भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स गुजरात के मेहसाणा स्थित झुलासन गांव की रहने वाली हैं और उनकी वापसी को लेकर यहां ग्रामीण काफी खुश हैं. ग्रामीणों को उम्मीद है कि सुनीता गांव में जरूर आएंगी. ग्रामीणों के अनुसार, वह सुनीता का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. वह तीन बार गांव आ चुकी हैं, पहली बार साल 2006 और इसके बाद साल 2012 में आई थी. अन्य ग्रामीणों ने बताया है कि वह सुनीता विलियम्स का भव्य स्वागत करेंगे.
सुनीता विलियम्स का जन्म 1965 में हुआ था. उनके पिता दीपक पांड्या गुजरात से हैं, जबकि उनकी मां उर्सुलाइन बोनी पांड्या (जालोकर) स्लोवेनिया से हैं. सुनीता ने पहली बार 2006 में डिस्कवरी स्पेस शटल के जरिए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा की थी.
कल्पना चावला थी पहली अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री
सुनीता विलियम्स अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध भारतीय मूल की दूसरी अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री हैं. उनसे पहले कल्पना चावला यह उपलब्धि हासिल कर चुकी थीं, लेकिन 2003 में कोलंबिया स्पेस शटल दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई थी.
Source: IOCL





















