ग्रेटर नोएडा: बारिश के बाद सड़कों के गड्ढों में भरा पानी, सामाजिक संगठन ने धान का पौधा लगाकर किया अनूठा विरोध
करप्शन फ्री इंडिया नाम के सामाजिक संगठन के कार्यकर्ताओं ने कहा कि कई बार शिकायत के बाद भी गड्ढों को भरा नहीं गया है.

ग्रेटर नोएडा: हाईटेक सिटी कहे जाने वाले ग्रेटर नोएडा शहर के सड़कों का आलम यह है कि यहां गहरे गहरे गड्ढे हो गए हैं और बारिश के कारण जलभराव की स्थिति पैदा हो गई है. एक सामजिक संगठन के कार्यकर्ताओं ने सड़कों की हालत को लेकर विरोध करते हुए यहां मौजूद गड्ढों में धान के पौधे लगाए.
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण यमुना प्राधिकरण पीडब्ल्यूडी और यूपीएस आईडी प्राधिकरण आदि के अधीन आने वाली सड़कें अधिकतर गड्ढा युक्त हैं. इन गड्ढों की वजह से आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं. गड्ढों में करीब 3 फीट पानी भर चुका है. इसके विरोध में आज करप्शन फ्री इंडिया संगठन ने सड़कों पर भर रहे कीचड़ और जलभराव में धान लगाकर अनोखा विरोध प्रदर्शन किया.
करप्शन फ्री इंडिया संगठन के संस्थापक चौधरी प्रवीण भारतीय ने बताया कि ग्रेटर नोएडा शहर एवं गांवों की अधिकतर सड़कें गड्ढा युक्त हैं. जिन सड़कों को सही कराने के लिए कई बार संगठन एवं अन्य ग्रामीणों ने प्राधिकरण को पत्र भेजकर कार्रवाई की मांग की लेकिन इससे काफी समय से सड़कें ठीक नहीं होने के उपरांत में आज संगठन के कार्यकर्ताओं ने दनकौर के स्पोर्ट्स सिटी से आने वाले बाईपास पर धान के पौधे रोपित कर विरोध प्रदर्शन किया.
कार्यकर्ताओं ने ये मांग की कि प्राधिकरण तत्काल इन सभी सड़कों को गड्ढा मुक्त करे. खेरली नहर से कासना मार्ग, सलेमपुर से घंघौला चौकी मार्ग, बाघपुर दादूपुर मार्ग और कासना के साइड पांच औद्योगिक मार्ग और अन्य मार्ग गड्ढायुक्त हैं. उन्होंने बताया कि इन मार्गों से लोगों का निकलना मुश्किल हो चुका है. गहरे गहरे गड्ढे होने के कारण आए दिन यात्रियों के वाहनों में भारी नुकसान और दुर्घटनायें हो रही हैं. ये सब प्राधिकरण की उदासीनता के कारण हो रहा है. बारिश के 3 दिन बाद भी सड़कों पर जलभराव है. जलभराव के कारण सड़कें खेत की स्थिति में दिख रही हैं इसलिए ध्यान लगाकर विरोध किया गया.
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Source: IOCL






















