नेपाल में अब आगे क्या होगा, राजतंत्र की वापसी होगी? एक्सपर्ट ने पड़ोसी देश पर कही ये बड़ी बात
Nepal Gen Z Protest: नेपाल में संसद भवन, पीएम आवास और राष्ट्रपति भवन तक को फूंक दिया गया. सरकार गठन को लेकर बालेन शाह (Balen Shah) और रवि रवि लामिछाने (Rabi Lamichhane) के बीच बातचीत हुई.

नेपाल Gen-Z प्रदर्शनकारियों की फैलाई आग में जल रहा है. वहां अब तख्तापलट हो चुका है. प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली (KP Sharma Oli) के इस्तीफे के बाद सरकार गिर चुकी है. नई सरकार के गठन पर चर्चा भी शुरू हो गई है. इस बीच सवाल है कि क्या नेपाल में फिर से राजतंत्र (Monarchy) की वापसी होगी? इस पर जेएनयू में इंटरनेशनल रिलेशन्स के प्रोफेसर स्वर्ण सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया दी.
फिलहाल नेपाल में राजतंत्र की वापसी नहीं- प्रोफेसर
प्रोफेसर स्वर्ण सिंह ने कहा, "मुझे तो फिलहाल नहीं लगता है कि नेपाल में राजतंत्र फिर वापस आएगा. संविधान के अंतर्गत वहां प्रजातंत्र का जो ढांचा बनाया गया है, वो काफी जड़ें पकड़ चुका है. वहां की राजनीति अब संविधान के अनुसार चलती है. वो आज गणराज्य नेपाल है. वहां चुने हुए राष्ट्रपति हैं. ये बात अलग है कि कुछ इस तरह का रुझान रखते हैं कि राजतंत्र वापस आना चाहिए. कुछ राजनीतिक दल जो ऐसा सोचते हैं उनका प्रभाव बढ़ सकता है."

सभी दल फायदा ढूढ़ने की कोशिश करते हैं- प्रोफेसर
प्रोफेसर ने आगे कहा, "इस तरह की जब उथल पुथल होती है तो सभी तरह के दल उसमें अपना फायदा ढूंढ़ना की कोशिश करते हैं. वहां एक राष्ट्रीय स्वंतत्रता दल भी है जो हाल ही में बढ़कर चौथा सबसे बड़ा राजनीतिक दल बन गया है. वो भी अभी प्रदर्शनकारियों से जुड़ा हुआ है. वो भी ओली के इस्तीफे की मांग कर रहा था."
Delhi: On the Gen Z protest in Nepal, Professor of International Relations at JNU, Swaran Singh says, "For now, I don’t think monarchy will return to Nepal. Democracy and the federal structure created under the constitution have taken strong roots. Politics there now runs… pic.twitter.com/W71JnanQp7
— IANS (@ians_india) September 9, 2025
आने वाले दिनों में शांति के संकेत दिखेंगे- प्रोफेसर
इसके आगे उन्होंने कहा, "अलग-अलग जो घटक हैं जो मांग करते हैं किस तरह से व्यवस्था को सामान्य बनाया जाए, उनमें आपस में तालमेल बनेगा ऐसा मुझे लगता है. किस तरह से शांति को स्थापित किया जाए, उसका संकेत आने वाले दिनों में हमें दिखेगा."

मौत का आंकड़ा बढ़कर 24 हुआ
प्रधानमंत्री ओली के इस्तीफे के बाद भी नेपाल में बवाल जारी है. मौत का आंकड़ा बढ़कर 24 हो गया. मंत्रियों को प्रदर्शनकारियों ने दौड़ा-दौड़ा कर पीटा. फायरिंग का आदेश देने वाले DSP की पीट पीटकर हत्या कर दी गई. ओली के इस्तीफे के बाद नेपाल में नई सरकार के गठन के लिए हलचल तेज हो गई है. आंदोलन की अगुवाई करने वाले बालेन शाह और रवि लामिछाने के बीच बातचीत हुई.

सोमवार को जब प्रदर्शनकारी सड़क पर उतरे तो किसी को इस बात का अंदाजा नहीं था कि अगले 24 घंटे में हालात बद से बदतर हो जाएंगे. देर रात ओपी शर्मा ओली की सरकार ने सोशल मीडिया से बैन हटाकर डैमेज कंट्रोल की कोशिश जरूर की. लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ा. बल्कि सुबह होते ही विद्रोह की आग और ज्यादा भड़क गई.

केपी शर्मा ओली की निजी संपत्ति को भी फूंका गया
प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री की निजी संपत्ति को भी नहीं छोड़ा. काठमांडू में मौजूद केपी शर्मा ओली की निजी संपत्ति से कई फीट ऊंचा धुआं उठता दिखाई दिया. वहीं काठमांडू के महाराजगंज में स्थिति राष्ट्रपति भवन भी प्रदर्शनकारियों के गुस्से का शिकार बना. सैकड़ों प्रदर्शनकारी एक साथ राष्ट्रपति भवन में घुस गए. आक्रोशित प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने राष्ट्रपति भवन में जमकर तोड़-फोड़ की और फिर राष्ट्रपति भवन में आग लगा दी. नेपाल सरकार ने फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब, वॉट्सऐप जैसे 26 सोशल मीडिया ऐप्स पर लगाए गए बैन को वापस ले लिया लेकिन बवाल नहीं थमा. नौबत तख्तापलट की आ गई.
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Source: IOCL























