सत्यपाल मलिक के खिलाफ CBI की चार्जशीट पर संजय सिंह बोले, 'जिंदगी और मौत से जूझ रहे...'
Satyapal Malik News: तीन साल की जांच के बाद सीबीआई ने स्पेशल कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया. सत्यपाल मलिक अस्पताल में भर्ती हैं.

CBI ने किरू जलविद्युत परियोजना में 2,200 करोड़ रुपये के सिविल कार्यों के ठेके में कथित भ्रष्टाचार के सिलसिले में जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक और सात अन्य लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया. सत्यपाल मलिक पर चार्जशीट दाखिल किए जाने पर आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा है.
अपने एक्स पोस्ट में संजय सिंह ने लिखा, "मोदी सरकार निर्दयी है एक तरफ़ सत्यपाल मलिक जी अस्पताल में भर्ती हैं. ज़िंदगी मौत से जूझ रहे हैं और CBI ने आज उनके ख़िलाफ़ चार्जशीट दाखिल कर दी गई है."
मोदी सरकार निर्दयी है एक तरफ़ @SatyapalMalik6 जी अस्पताल में भर्ती हैं।
— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) May 22, 2025
ज़िंदगी मौत से जूझ रहे हैं और CBI ने आज उनके ख़िलाफ़ चार्जशीट दाखिल कर दी गई है।https://t.co/8bRyfpapcK pic.twitter.com/G5BxNGaZme
तीन साल की जांच के बाद चार्जशीट दाखिल
बता दें कि सीबीआई ने तीन साल की जांच के बाद सत्यपाल मलिक और उनके दो सहयोगियों वीरेंद्र राणा और कंवर सिंह राणा को आरोपी बनाते हुए स्पेशल कोर्ट के सामने चार्जशीट दाखिल किया.
चार्जशीट में किनके नाम?
अधिकारियों ने बताया कि चार्जशीट में जिन अन्य लोगों के नाम हैं उनमें ‘चेनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड’ (सीवीपीपीपीएल) के तत्कालीन प्रबंध निदेशक एमएस बाबू, कंपनी के निदेशकों अरुण कुमार मिश्रा व एम.के. मित्तल, निर्माण कंपनी ‘पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड’ के प्रबंध निदेशक रूपेन पटेल और कंवलजीत सिंह दुग्गल नाम का व्यक्ति शामिल है.
सत्यपाल मलिक ने क्या कहा?
सत्यपाल मलिक ने गुरुवार (22 मई) को ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि वह अस्पताल में भर्ती हैं और किसी से बात करने की स्थिति में नहीं हैं. पूर्व राज्यपाल ने कहा कि उन्हें कई शुभचिंतकों के फोन आ रहे हैं, लेकिन वह बात करने में असमर्थ हैं.
पिछले साल फरवरी में की थी छापेरमारी
सीबीआई ने पिछले साल फरवरी में मामले के सिलसिले में सत्यपाल मलिक और अन्य लोगों के परिसरों पर छापेमारी की थी. सीबीआई ने 2022 में प्राथमिकी दर्ज करने के बाद एक बयान में कहा था कि यह मामला 2019 में ‘किरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर’ (एचईपी) परियोजना के सिविल कार्यों के लगभग 2,200 करोड़ रुपये के ठेके एक निजी कंपनी को देने में कथित गड़बड़ी से संबंधित है.
सत्यपाल मलिक ने रिश्वत की पेशकश का किया था दावा
सत्यपाल मलिक 23 अगस्त, 2018 से 30 अक्टूबर, 2019 तक जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल रहे थे. मलिक ने दावा किया था कि उन्हें परियोजना से संबंधित एक फाइल सहित दो फाइलों को मंजूरी देने के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी.
एजेंसी द्वारा पिछले वर्ष छापेमारी किये जाने के बाद मलिक ने उनके ऊपर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों से इनकार किया था. मलिक ने कहा था कि जिन लोगों के बारे में उन्होंने शिकायत की थी और जो भ्रष्टाचार में शामिल थे, उनकी जांच करने के बजाय सीबीआई ने उनके आवास पर छापा मारा.
पूर्व राज्यपाल ने पोस्ट में कहा था, “उन्हें (सीबीआई अधिकारियों को) चार से पांच कुर्ते और पायजामा के अलावा कुछ नहीं मिलेगा. तानाशाह सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग कर मुझे डराने की कोशिश कर रहा है. मैं एक किसान का बेटा हूं, मैं न तो डरूंगा और न ही झुकूंगा.”
केंद्रीय एजेंसी ने सीवीपीपीपीएल के तत्कालीन अध्यक्ष नवीन कुमार चौधरी और बाबू, मित्तल और मिश्रा के अलावा निर्माण कंपनी पटेल इंजीनियरिंग सहित अन्य अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी.
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Source: IOCL























