Delhi Doctor Suicide: सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टर की खुदकुशी पर उठ रहे सवाल, चादर का फंदा बनाकर लगाई थी फांसी
Safdarjung Hospital Doctor Suicide Case: दिल्ली पुलिस को 8 दिसंबर को तकरीबन 4 बजे गौतम नगर के रहने वाले एक मकान मालिक की ओर से उनके किरायेदार डॉ. जय दिपेश सावला के खुदकुशी की सूचना मिली थी.
Delhi News: दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल (Safdarjung Hospital) से एक डॉक्टर की खुदकुशी का मामला सामने आया है. मृतक डॉक्टर ने गौतम नगर स्थित अपने किराए के आवास में पंखे में चादर के बने फंदे से लटककर अपनी जान दे दी. मृतक डॉक्टर की पहचान, 25 साल के डॉ. जय दिपेश सावला के तौर पर हुई है. वे मूलतः महाराष्ट्र (Maharashtra) के मुंबई के रहने वाले थे. बताया जा रहा है कि वे मानसिक तनाव में थे और इसी वजह से उन्होंने आत्महत्या कर ली.
साउथ दिल्ली की डीसीपी चंदन चौधरी ने बताया कि हौज खास पुलिस को 8 दिसंबर को तकरीबन 4 बजे गौतम नगर के रहने वाले एक मकान मालिक की ओर से उनके किरायेदार डॉ. जय दिपेश सावला के खुदकुशी की सूचना मिली थी. घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस गौतम नगर स्थित हरदेव पूरी के मकान नम्बर 499 के सेकेंड फ्लोर पर पहुंची. जहां उन्होंने पाया कि मुंबई के कांदिवली के रहने वाले डॉक्टर जय ने पंखे में चादर से फंदा लटकाकर अपनी जान दे दी.
शव को परिजनों के हवाले किया गया
पुलिस ने क्राइम टीम को मौके पर बुला कर घटनास्थल की जांच करवाई और डॉ. जय दिपेश सावला को एम्स हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. पुलिस ने मृत डॉक्टर के शव को पोस्टमार्टम के बाद उनके परिजनों के हवाले कर दिया और आगे की कार्रवाई में जुट गई है.
15 दिनों में डॉक्टरों के आत्महत्या की चौथी घटना
बताया जा रहा है कि वे सफदरजंग अस्पताल में पीजी मेडिसिन में थर्ड ईयर के स्टूडेंट थे. यही नहीं वे एक शीर्ष स्तर के ब्लैक बेल्ट मार्शल आर्टिस्ट और एक अंतर्राष्ट्रीय रेटेड शतरंज खिलाड़ी होने के साथ-साथ सभी सामाजिक मुद्दों पर सक्रिय उपस्थिति रखते थे और शारीरिक के साथ मानसिक रूप से भी काफी मजबूत व्यक्तित्व वाले थे. इसके बावजूद उनकी ओर से आत्महत्या जैसा कदम उठाना कई गंभीर सवालों को उठता है. बीते 15 दिनों में देश के अलग-अलग मेडिकल कॉलेज में चार रेजिडेंट डॉक्टरों ने आत्महत्या कर ली है.
एक डॉक्टर ने उठाये गंभीर सवाल
जय दिपेश सावला के इस तरह से आत्महत्या करने पर एक डॉक्टर ध्रुव चौहान ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा है,"आश्चर्य की बात यह है कि वह मानसिक या शारीरिक रूप से कोई सामान्य डॉक्टर नहीं था. वह एक शीर्ष स्तर के ब्लैक बेल्ट मार्शल आर्टिस्ट और एक अंतर्राष्ट्रीय रेटेड शतरंज खिलाड़ी होने के साथ-साथ सभी सामाजिक मुद्दों पर सक्रिय उपस्थिति रखते थे. यह उनलोगों के लिए उल्लेख है, जो सोचते हैं कि केवल कमजोर लोग ही आत्महत्या करते हैं. इस देश में और विशेष रूप से डॉक्टरों के बीच अवसाद अब केवल एक बीमारी नहीं है, बल्कि यह अब एक महामारी है. इसके और भी ज्यादा गंभीर रूप लेने से पहले सरकार और अधिकारियों को इसका एहसास होना चाहिए. पिछले 1-2 सप्ताह के भीतर डॉक्टरों की ओर से की गई यह चौथी आत्महत्या है."
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