दिल्ली में मुठभेड़ के बाद नीरज बवानिया गैंग का शार्पशूटर गिरफ्तार, अंधेरे का फायदा उठाकर साथी फरार
Encounter In Delhi: नीरज बवानिया गिरोह का सदस्य एहसान अल ने खुलासा किया कि उसने अपनी दैनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए अपराध की दुनिया में कदम रखा था. वह इससे पहले भी जेल जा चुका है.

Delhi News: राष्ट्रीय राजधानी का कुख्यात नीरज बवानिया गिरोह के एक शार्पशूटर को दिल्ली के कर्णी सिंह शूटिंग रेंज इलाके से गिरफ्तार करने में दिल्ली पुलिस ने सफलता हासिल की है. आरोपी की पहचान अंबेडकर नगर निवासी एहसान अली उर्फ उस्मान उर्फ लाल सिंह के रूप में हुई. दूसरी तरफ एहसान अली का साथी पुल प्रहलादपुर इलाके का निवासी नीरज उर्फ प्रह्लादपुरिया मौके से भागने में सफल रहा.
साउथ ईस्ट दिल्ली के डीसीपी राजेश देव ने कहा कि 2 फरवरी को शाम 6 बजे सूचना मिली कि नीरज बवानिया गिरोह के दो शार्पशूटर हथियार लेकर बाइक पर फरीदाबाद से कर्णी सिंह शूटिंग रेंज रोड से एमबी रोड होते हुए किसी अपराध को अंजाम देने के लिए दक्षिण-पूर्व जिले में आएंगे. सूचना पर कार्रवाई करने के लिए एक टीम तैयार की गई, जिन्होंने कर्णी सिंह शूटिंग रेंज के पास रात करीब साढ़े आठ बजे एक मोटरसाइकिल पर सवार दो अपराधियों को रोका.
भागने की कोशिश में रहा विफल
डीसीपी ने कहा, ''जब पुलिस टीम ने उन्हें रुकने का इशारा किया तो उन्होंने भागने का प्रयास किया. उन्हें भागने से रोकने के लिए एक कार का इस्तेमाल कर सड़क को अवरुद्ध कर दिया गया. इसके बाद अपराधियों ने बाइक मोड़ने की कोशिश की लेकिन नियंत्रण खो दिया, जिससे दोनों सड़क पर गिर पड़े.'' अंधेरे की आड़ में पीछे बैठा व्यक्ति पास के जंगल में चला गया और भाग निकला. हालांकि, उसने अपनी बंदूक सड़क पर ही छोड़ दी. डीसीपी ने कहा, ''जब पुलिस ने दूसरे अपराधी को चेतावनी दी, तो उसने अपना हथियार लहराया और पुलिस पर गोलीबारी शुरू कर दी. गोली स्पेशल स्टाफ के हेड कांस्टेबल अवधेश की बुलेटप्रूफ जैकेट पर लगी, जिन्होंने बड़े साहस के साथ अपराधी को रोकने के लिए हवा में चेतावनी देते हुए गोली चलाई.''
बिना डरे, जब अपराधी ने एक और गोली चलाने का प्रयास किया, तो हेड कांस्टेबल अवधेश ने उसके पैर को निशाने पर लेते हुए गोली चला दी. इस कार्रवाई के चलते अपराधी का संतुलन बिगड़ गया और वह गिर गया. डीसीपी ने कहा, ''पुलिस टीम ने तेजी से उसपर काबू कर लिया और उसकी पहचान एहसान अली के रूप में सामने आई है.''
ऐसे बना नीरज बवानिया गिरोह का सदस्य
पूछताछ के दौरान एहसान ने खुलासा किया कि उसने अपनी दैनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए अपराध की दुनिया में कदम रखा, जिसके चलते उसे कई बार जेल जाना पड़ा. एक मामले में जेल की सजा मिलने के दौरान नीरज बवानिया के गिरोह के साथ जुड़ गया. वादों के मुताबिक एहसान गिरोह में शामिल हो गया और 2 फरवरी को अपने सहयोगी नीरज के साथ गिरोह के एक अन्य सदस्य से मिलने जा रहा था, जब पुलिस ने उसे रोक लिया और पकड़ लिया.''
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Source: IOCL





















