Kapil Sibal News: कपिल सिब्बल का शाह पर पलटवार, पूछा- 'लाल डायरी कहां है, उसे...'
Kapil Sibal Attack on Amit Shah: राजस्थान मंत्रिमंडल से बर्खास्त होते ही राजेंद्र गुढ़ा ने 24 जुलाई को विधानसभा में कथित ‘लाल डायरी’ का मुद्दा उठाने की कोशिश की थी, जिसे बीजेपी ने लपक लिया है.
Delhi News: राज्यसभा सदस्य और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल (Kapil sibal) ने रविवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) पर पलटवार किया है. बता दें कि गृह मंत्री ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) पर 'लाल डायरी' (Lal diary) को लेकर निशाना साधा था. कपिल सिब्बल ने शाह से कहा था कि यदि उन्हें पता है कि डायरी कहां है, तो वह उसे पेश करें. केन्द्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा था कि सीएम अशोक गहलोत को कथित ‘लाल डायरी’ के मुद्दे पर इस्तीफा देने के बाद चुनाव मैदान में उतरना चाहिए.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दावा किया था कि डायरी में ‘करोड़ों, अरबों रुपये के भ्रष्टाचार का कच्चा-चिट्ठा है.’ अमित शाह ने राजस्थान के गंगापुर शहर में ‘सहकार किसान सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए कहा था, ‘आजकल गहलोत साहब लाल डायरी से बहुत डर रहे हैं. क्यों डर रहे हैं भला... जरा बताओ तो राजस्थान वालों? ...डायरी का आगे का कलर लाल है, अंदर काले कारनामे छिपे हुए हैं. अरबों, करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार का कच्चा-चिट्ठा... उस लाल डायरी के अंदर है.’
अमित जी बताएं- कहां हैं लाल डायरी?
उनके इस बयान को लेकर अब कपिल सिब्बल ने सोशल मीडिया मंच ट्विटर पर एक पोस्ट में लिखा है कि ‘लाल डायरी' कहां है अमित जी? पेश करें.’ सिब्बल ने आगे लिखा- ‘क्या आप 'बिड़ला-सहारा डायरी' के बारे में भूल गए हैं, जिसमें काले कारनामे 'लिखे' गए थे, छुपे नहीं थे?’
राजेंद्र गुढ़ा ने किया था ये दावा
राजस्थान मंत्रिमंडल से बर्खास्त राजेंद्र गुढ़ा ने 24 जुलाई को विधानसभा में कथित ‘लाल डायरी’ का मुद्दा उठाने की कोशिश की थी. गुढ़ा ने दावा किया था कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर उन्होंने यह डायरी जुलाई 2020 में आयकर छापे के दौरान कांग्रेस नेता धर्मेंद्र राठौड़ के आवास से प्राप्त की थी. इसमें गहलोत सहित अन्य लोगों के नाम से वित्तीय लेनदेन दर्ज हैं. यह मामला ऐसे समय में सामने आया है, जब राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. बता दें कि कपिल सिब्बल संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन एक और दो सरकार में केंद्रीय मंत्री थे. उन्होंने पिछले साल मई में कांग्रेस छोड़ दी थी और समाजवादी पार्टी के समर्थन से निर्दलीय सदस्य के रूप में राज्यसभा के लिए चुने गए थे. उन्होंने एक गैर-चुनावी मंच 'इंसाफ' बनाया है. विपक्षी एकता को लेकर वह सक्रिय भी हैं.
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