DUSU चुनाव: बिहार की दीपिका झा पर ABVP ने जताया भरोसा, कौन-कौन हैं उम्मीदवार?
DUSU Election 2025: दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में NSUI और ABVP के बीच कड़ी टक्कर है. NSUI महिला नेतृत्व के साथ बदलाव का वादा कर रही है. वहीं ABVP मजबूत पैनल के साथ मैदान में है.

दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डीयूएसयू) चुनाव इस बार खास होने जा रहे हैं. एक ओर एनएसयूआई 17 साल बाद महिला नेतृत्व की वापसी कराते हुए ‘बदलाव’ के नारे के साथ मैदान में है, तो दूसरी ओर एबीवीपी ने मजबूत और संतुलित पैनल उतार कर अपनी जीत को लेकर आत्मविश्वास जताया है. दोनों संगठनों के उम्मीदवार न केवल अपने घोषणापत्रों से बल्कि छात्रों की रोजमर्रा की समस्याओं और सपनों को सुलझाने के वादों से आमने-सामने हैं. इस बार मुकाबला सिर्फ सीटों का नहीं, बल्कि छात्र राजनीति की दिशा और भविष्य तय करने का है.
एबीवीपी पैनल में अध्यक्ष पद के लिए आर्यन मान, उपाध्यक्ष पद के लिए गोविंद तंवर, सचिव पद के लिए कुणाल चौधरी और संयुक्त सचिव पद के लिए दीपिका झा को उम्मीदवार बनाया गया है. इनके नामों की घोषणा के बाद उम्मीदवारों का दिल्ली विश्वविद्यालय के आर्ट्स फैकल्टी में छात्रों ने जोरदार स्वागत किया.
आर्यन मान: फीस वृद्धि के विरोध से छात्र नेतृत्व तक
अध्यक्ष – आर्यन मान: हरियाणा के बहादुरगढ़ से ताल्लुक रखने वाले आर्यन मान प्रतिष्ठित हंसराज कॉलेज से स्नातक हैं और फिलहाल दिल्ली विश्वविद्यालय से लाइब्रेरी साइंस की पढ़ाई कर रहे हैं. सक्रिय फुटबॉल खिलाड़ी होने के साथ-साथ वे एबीवीपी द्वारा आयोजित कई अहम छात्र आंदोलनों में अग्रिम पंक्ति में रहे हैं, खासकर फीस वृद्धि के विरोध और विश्वविद्यालय की आधारभूत संरचना में सुधार की मांग को लेकर. आर्यन का कहना है कि अध्यक्ष पद के उम्मीदवार के रूप में वे छात्रों के असली मुद्दों को चुनावी अभियान के केंद्र में रखेंगे.
गोविंद तंवर: साधारण कार्यकर्ता से उपाध्यक्ष पद तक
उपाध्यक्ष – गोविंद तंवर: मूल रूप से हरियाणा के रहने वाले गोविंद तंवर ने दयाल सिंह कॉलेज से बी.ए. प्रोग्राम की डिग्री हासिल की है और वर्तमान में बौद्ध अध्ययन विभाग में प्रथम वर्ष के छात्र हैं. पिछले चार वर्षों में उन्होंने कैंपस में एबीवीपी की कई गतिविधियों और अभियानों में सक्रिय भागीदारी की है और नेतृत्व की भूमिका निभाई है. उनका कहना है कि वे हॉस्टल आवंटन की निष्पक्ष व्यवस्था और अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए सप्लीमेंट्री परीक्षा सुनिश्चित कराने जैसे मुद्दों पर काम करेंगे.
कुणाल चौधरी: 'वन करिकुलम, वन फी' के पक्षधर
सचिव – कुणाल चौधरी: दिल्ली के निवासी कुणाल चौधरी पीजीडीएवी कॉलेज से स्नातक हैं. छात्र राजनीति में उनका अनुभव उल्लेखनीय है—वे 2023 में पीजीडीएवी कॉलेज छात्र संघ के अध्यक्ष रह चुके हैं। वर्तमान में वे बौद्ध अध्ययन विभाग से परास्नातक कर रहे हैं. कई वर्षों से कुणाल छात्र आंदोलनों में मुखर आवाज़ रहे हैं और लगातार छात्र हितों के मुद्दे उठाते रहे हैं. कुणाल ने कहा कि विश्वविद्यालय में कई चुनौतियां हैं—‘वन करिकुलम, वन फी’ को लागू करना, खेल उपकरणों की कमी को दूर करना, कैंटीन में शुद्ध व पौष्टिक भोजन सुनिश्चित करना और बाहर से आने वाले छात्रों के लिए आवास संबंधी समिति का गठन करना उनकी प्राथमिकताएं होंगी.
दीपिका झा: महिला छात्रों की सुरक्षा और सशक्तिकरण पर फोकस
संयुक्त सचिव – दीपिका झा: बिहार की रहने वाली दीपिका झा लक्ष्मीबाई कॉलेज से स्नातक हैं और इस समय बौद्ध अध्ययन विभाग की छात्रा हैं. वे एबीवीपी की ‘स्टूडेंट्स फॉर सेवा’ पहल से गहराई से जुड़ी रही हैं और छात्र-नेतृत्व वाले सामाजिक बदलाव अभियानों में सक्रिय योगदान देती रही हैं, जिनमें सामुदायिक विद्यालय और मासिक धर्म स्वच्छता जागरूकता के लिए ‘ऋतुमती अभियान’ प्रमुख हैं. एनसीसी अवसर सभी छात्राओं तक पहुँचाना, सैनिटरी पैड वेंडिंग मशीनें लगवाना और कैंपस में सुरक्षित माहौल बनाना उनकी प्रमुख प्राथमिकताएं हैं.
मजबूत और समर्पित पैनल – एबीवीपी
एबीवीपी दिल्ली प्रदेश सचिव सार्थक शर्मा ने कहा, “अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने चारों केंद्रीय पदों के लिए मजबूत और समर्पित पैनल उतारा है. जल्द ही हम छात्रों से प्राप्त फीडबैक को शामिल करते हुए अपना घोषणा पत्र जारी करेंगे. हमें पूरा विश्वास है कि दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र हमारे प्रत्याशियों को अपना बहुमूल्य समर्थन देंगे और सभी सीटों पर एबीवीपी की जीत सुनिश्चित करेंगे.”
Source: IOCL





















