दिल्ली में PUC और BS-6 नहीं, गाड़ियों के लिए ये नियम भी लागू, ट्रैफिक और प्रदूषण होगा कम
Delhi Pollution: दिल्ली सरकार प्रदूषण से निपटने के लिए तकनीक और संसाधनों का उपयोग करेगी. कार पूलिंग ऐप, सख्त PUC नियम, सड़क सफाई के लिए निवेश, गड्ढों पर निगरानी, और स्मार्ट ट्रैफिक सिस्टम लागू होंगे.

दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण और यातायात जाम की समस्या से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने व्यापक कार्ययोजना तैयार की है. सरकार तकनीक, निगरानी और संसाधनों के बेहतर उपयोग के जरिए सड़कों पर वाहनों का दबाव कम करने और हवा की गुणवत्ता सुधारने पर फोकस कर रही है. इसी कड़ी में कार पूलिंग, ट्रैफिक मैनेजमेंट और सड़क रखरखाव से जुड़े कई अहम कदमों की घोषणा की गई है.
दिल्ली सरकार जल्द ही एक विशेष कार पूलिंग ऐप विकसित करने जा रही है, जिससे लोग एक ही दिशा में जाने के लिए साझा वाहन का इस्तेमाल कर सकें. पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि इस पहल का मकसद निजी गाड़ियों की संख्या घटाना और ईंधन की खपत के साथ-साथ प्रदूषण पर भी नियंत्रण पाना है.
पीयूसी व्यवस्था होगी ज्यादा सख्त और प्रभावी
वाहनों से होने वाले प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र प्रणाली में बदलाव की योजना है. सरकार चाहती है कि यह व्यवस्था केवल औपचारिकता न रह जाए, बल्कि वास्तविक रूप से प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर नजर रखी जा सके.
सड़क सफाई के लिए करोड़ों का निवेश
शहर को साफ रखने और धूल से होने वाले प्रदूषण को घटाने के लिए दिल्ली नगर निगम को अगले दस वर्षों में करीब 2,700 करोड़ रुपये की सहायता दी जाएगी. इस राशि से आधुनिक मशीनें खरीदी जाएंगी, जिससे सड़कों की सफाई और कचरा उठाने की प्रक्रिया अधिक कारगर हो सकेगी.
गड्डों पर रहेगी बाहरी एजेंसी की निगरानी
दिल्ली की सड़कों पर बनने वाले गड्डों की समस्या से निपटने के लिए एक स्वतंत्र एजेंसी को जिम्मेदारी दी जाएगी. यह एजेंसी साल भर सर्वे कर सड़कों की स्थिति का आकलन करेगी, तस्वीरों के साथ रिपोर्ट तैयार करेगी और संबंधित विभागों को समय पर जानकारी देगी.
स्मार्ट सिस्टम से बदलेगा ट्रैफिक का हाल
सरकार एकीकृत यातायात प्रबंधन प्रणाली विकसित कर रही है, जिससे ट्रैफिक सिग्नल जाम की स्थिति के अनुसार नियंत्रित किए जा सकेंगे. इससे लाल बत्ती पर वाहनों को अनावश्यक रूप से रुकना नहीं पड़ेगा और प्रदूषण में भी कमी आएगी. प्रदूषण प्रभावित इलाकों की पहचान के लिए गूगल मैप्स के साथ भी सहयोग किया जाएगा.
पड़ोसी राज्यों से भी सहयोग की पहल
दिल्ली सरकार वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए आसपास के राज्यों के साथ लगातार बातचीत कर रही है. साथ ही, धुएं को कम करने वाली विशेष सतहों के विकास के लिए आईआईटी मद्रास के साथ समझौता किया गया है. मंत्री ने यह भी कहा कि प्रदूषण के मुद्दे पर राजनीति से ऊपर उठकर काम करने की जरूरत है.
बढ़ते प्रदूषण केंद्र सरकार के लिए चुनौती
सरकार के अनुसार, पहले जहां प्रदूषण के 13 प्रमुख केंद्र चिन्हित थे, उनकी संख्या अब बढ़कर 62 हो गई है. प्रशासन वाहनों, औद्योगिक गतिविधियों और धूल से होने वाले प्रदूषण पर एक साथ कार्रवाई करने की रणनीति पर काम कर रहा है, ताकि राजधानी को साफ और सुगम बनाया जा सके.
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