Delhi: AIIMS के डॉक्टरों का प्रदर्शन, 'रोटेटरी हेडशिप' की मांग पर संसद मार्च
AIIMS Delhi: नई दिल्ली एम्स के डॉक्टरों ने रोटेटरी हेडशिप (विभागाध्यक्ष का नियमित रोटेशन) लागू करने की मांग को लेकर संसद तक मार्च करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया.

नई दिल्ली स्थित एम्स (AIIMS) गेट नंबर 1 पर गुरुवार (1 अगस्त) को बड़ी संख्या में डॉक्टर इकट्ठा हुए और संसद तक मार्च की तैयारी में थे, लेकिन दिल्ली पुलिस ने उन्हें वहीं रोक दिया. पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 163 का हवाला देते हुए डॉक्टरों को आगे बढ़ने से रोक दिया, जिसके बाद डॉक्टर वहीं जमीन पर बैठकर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने लगे.
डॉक्टरों की मुख्य मांग है कि एम्स नई दिल्ली और पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ जैसे संस्थानों में “रोटेटरी हेडशिप” (विभागाध्यक्ष का नियमित रोटेशन) लागू किया जाए. उनका कहना है कि यह एक प्रशासनिक सुधार है, जिसे स्वास्थ्य मंत्रालय ने जुलाई 2023 में औपचारिक रूप से अनिवार्य कर दिया था, लेकिन अभी तक इसे लागू नहीं किया गया है.
क्या कहा डॉक्टरों ने?
•डॉ.संजीवकुमार(एम्सडॉक्टर):-“डॉ. वीके पॉल के नेतृत्व में नीति आयोग ने रोटेशन ऑफ हेडशिप की कमेटी बनाई थी और उन्होंने कहा था कि यह सुधार जरूरी है. अब डेढ़ साल से ज़्यादा हो गया, लेकिन सरकार ने इसे लागू नहीं किया. हमने संसद की स्टैंडिंग कमेटी के सामने भी अपनी बात रखी थी, लेकिन कोई हल नहीं निकला.”
•डॉ. अमरिंदर: “सरकार ने जून 2024 में इसे लागू करने की बात कही थी. हमने पीएमओ, हेल्थ मिनिस्टर को लेटर लिखे, लेकिन कोई जवाब नहीं आया. इसी कारण से एम्स के कई योग्य लोग संस्थान छोड़कर जा रहे हैं.”
•डॉ. शमीम: “हम बस अपनी बात कहना चाहते हैं, इसलिए शांतिपूर्ण मार्च कर रहे हैं.”
•डॉ. अवधेश: “हम कोई राजनीतिक विरोध नहीं कर रहे. हमें सिर्फ अपनी मांग प्रधानमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री तक पहुंचानी है.”
अन्य संस्थानों में रोटेटरी हेडशिप लागू
डॉ. संजीव के अनुसार, रोटेटरी हेडशिप पहले से ही तीन अन्य राष्ट्रीय संस्थानों में लागू है:
1. NIHMANS बेंगलुरु
2. SCTIMST त्रिवेंद्रम
3. JIPMER पुडुचेरी
लेकिन एम्स नई दिल्ली और पीजीआई चंडीगढ़ जैसे संस्थानों में यह अब तक लागू नहीं हो पाया है.
सरकार से अपील
डॉक्टरों ने कहा कि यह कोई व्यक्तिगत लाभ के लिए नहीं बल्कि व्यवस्थागत सुधार की मांग है. उनका मानना है कि जब इसे एम्स दिल्ली में लागू किया जाएगा, तो यह देशभर के अन्य एम्स संस्थानों में भी स्वतः लागू होगा.
डॉक्टरों ने सरकार से अपील की है कि वह पहले से तय नीति को लागू करे और योग्य डॉक्टरों को नेतृत्व का मौका दे. यह प्रदर्शन पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा और सिर्फ ऑफ ड्यूटी डॉक्टरों ने इसमें हिस्सा लिया.
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Source: IOCL
























