कांकेर: आदिवासी नेता जीवन ठाकुर की जेल में मौत के बाद माहौल गर्माया, हत्या के आरोप में बस्तर बंद
Kanker News: छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के आदिवासी नेता जीवन ठाकुर की जेल में मौत के बाद सर्व आदिवासी समाज ने बस्तर संभाग में बंद बुलाया. समाज ने जेल प्रशासन पर लापरवाही और हत्या का आरोप लगाया है.

छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के चारामा जनपद पंचायत के पूर्व अध्यक्ष और सर्व आदिवासी समाज के पूर्व जिला अध्यक्ष जीवन ठाकुर की जेल प्रशासन की लापरवाही से हुई मौत का आरोप लगाकर सर्व आदिवासी समाज और पीड़ित परिजनों ने मंगलवार 9 दिसंबर को संपूर्ण बस्तर संभाग बंद बुलाया , इस बंद का व्यापक असर पूरे संभाग के 7 जिलों में देखने को मिला, बस्तर चेंबर ऑफ कॉमर्स के साथ-साथ कांग्रेस ने भी बस्तर बंद का समर्थन किया.
पीड़ित परिजनों और सर्व आदिवासी समाज के पदाधिकारियो ने स्वर्गीय जीवन ठाकुर की मौत पर संदेह जताते हुए न्यायिक जांच की मांग की है और जेल विभाग के दोषी अधिकारी और कर्मचारियों पर कड़ी कार्यवाही करने की मांग की है, सर्व आदिवासी समाज ने 15 दिनों के अंदर मांग पूरी नही होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.
आदिवासी समाज ने जेल विभाग पर लगाया हत्या का आरोप
सर्व आदिवासी समाज के जिला अध्यक्ष गंगाधर नाग ने बताया कि चारामा जनपद पंचायत के पूर्व अध्यक्ष और कांकेर जिला के आदिवासी समाज के पूर्व जिला अध्यक्ष जीवन ठाकुर पर फर्जी वन पट्टा बनाने की शिकायत पर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया, और बीते 12 अक्टूबर को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेजा गया, कांकेर जेल विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रशासनिक कारणों से बीते 2 दिसंबर को उन्हें कांकेर जिला जेल से रायपुर सेंट्रल जेल में शिफ्ट किया गया, जिसके बाद 4 दिसंबर को सुबह उनकी अचानक तबीयत बिगड़ने की बात कहते हुए रायपुर के अम्बेडकर अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उनकी मौत हो गई.
दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की की है मांग
समाज के पदाधिकारी और परिजनों का आरोप है कि जेल विभाग के अधिकारियों द्वारा पूरी घटनाक्रम की कोई जानकारी नहीं दी गई, ना हीं उनकी तबीयत बिगड़ने की और ना ही अस्पताल में भर्ती कराये जाने की कोई सूचना परिजनों को दी गई, जबकि परिजनों के मुताबिक जीवन ठाकुर को कोई बीमारी नहीं थी, समाज के पदाधिकारियो और परिजनों ने जेल प्रशासन पर गंभीर लापरवाही और जानकारी छुपाने और हत्या का आरोप लगाते हुए इस पूरे मामले की न्यायिक जांच की मांग की है साथ ही दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग की है.
इधर सर्व आदिवासी समाज द्वारा बुलाए गए बंद का असर समूचे बस्तर संभाग में देखने को मिला, सुबह से ही सारी व्यापारिक संस्थाने बंद दिखी, वहीं कांग्रेस ने भी आदिवासी समाज के इस बंद का समर्थन करते हुए जीवन ठाकुर के मौत के मामले में उनके परिजनों को न्याय दिलाने की मांग सरकार से की है,और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है.
जीवन ठाकुर की अचानक बिगड़ी तबीयत
इधर इस मामले में कांकेर सहायक जेल अधीक्षक रेणु ध्रुव का कहना है कि प्रशासनिक कारणों से कांकेर जिला जेल से जीवन ठाकुर को सेंट्रल जेल रायपुर शिफ्ट किया गया था, और 4 दिसंबर 2025 की सुबह उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई, जेल मेडिकल अधिकारी के सलाह पर उन्हें 4 दिसंबर की तड़के सुबह रायपुर अंबेडकर अस्पताल ले जाया गया और इलाज के दौरान सुबह 7:45 बजे उनकी मौत हो गई, इसकी सूचना उनके परिजनों को दी गई थी.
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL























