Chhattisgarh News: कोरबा में पहली बार दिखा दुर्लभ प्रजाति का Keelback Snake, इंटरनेशनल मार्केट में लाखों है कीमत
छत्तीसगढ़ के कोरबा में पहली बार दुर्लभ प्रजाति का कीलबैक सांप देखा गया है. इस सांप को देखने के लिए लोगों की भीड़ जुट गई और लोग इसकी फोटो खींचने लगे.

जहरीले सांप को देख कर हर किसी के रोंगटे खड़े हो जाते हैं. सांसे थम सी जाती हैं, लेकिन कुछ सांप जहीरेल नहीं होते है फिर भी हम डर जाते है और कई ऐसे सांप होते है जिसके रंग रूप देखकर हम दंग रह जाते है. ऐसे ही एक सांप छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में दिखा है. जिसका रंग हरा है और इसका नाम ग्रीन कीलबैक सांप है. यह दुर्लभ प्रजाति का सांप है. इंटरनेशनल मार्केट में इसकी कीमत लाखों रुपए है. दरअसल कोरबा जिले के झोरा इलाके में यह दुर्लभ प्रजाति का सांप दिखा है. इसे देखकर आस पास के लिए हैरान हो गए. क्योंकि इससे पहले लोगों हरे रंग का सांप नहीं देखा था.
इसका रंग पूरी तरह से हरा और चिकना है. इस सांप को देखने के देखते ही देखते भीड़ जुट गई और लोग फोटो खींचने लगे. ये मामला 22 नवंबर की रात का है. कोरबा शहर से 35 किलोमीटर दूर झोरा पास सिरकी गांव में ये सांप देखा गया है.
ऐसे पकड़ा गया ग्रीन कीलबैक स्नेक (keelback snake)
जिले का सिरकी गांव नदी और पहाड़ों keelback snakeसे घिरा हुआ है. इसी गांव में रहने वाले कैलाश के घर सांप दिखा है. कैलाश ने जब सांप देखा तो तुरंत इसकी जानकारी आरसीआरएस संस्था को दी गई. इसके बाद एनटीपीसी रेस्क्यू टीम के सदस्य रघुराज सिंह की टीम मौके पर पहुंच गई. मौके पर पहुंचे सदस्यों ने देखा कि ये सांप एक ग्रीन कीलबैक सांप है. फिर रेस्क्यू टीम ने आसानी से सांप को पकड़ लिया और टीम ने सांप को कटघोरा वन मंडल में सौप दिया गया. इसके बाद वन विभाग ने सांप को सुरक्षित जगह पर छोड़ दिया.
कीलबैक स्नेक की खासियत
हरे रंग का सांप एशिया में पाया जाता है. भारत के जंगल में पहाड़ों के बीच पाया जाता है. इसका रंग हरा और भूरा रंग होता है और शरीर पर काले रंग की धारियां भी होती है. मुंह बड़ा होता है चूहे मेंढक खाता है. ये सांप बहुत सक्रिय होता है पलक झपकते ही हरी घास झाड़ियों में गायब हो जाते है. वहीं छत्तीसगढ़ का कोरबा जिला भी पहाड़ियों से घिरा जिला है. कीलबैक स्नेक के रहने के लिए अनुकूल वातावरण है.
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Source: IOCL























