एक्सप्लोरर

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के वनवासियों का देसी जुगाड़! इस तकनीक से बनाते हैं अपने घरों के बाउंड्रीवॉल, जानिए खासियत

Bastar News: गर्मी के दिनों में जब कई जगहों में गर्मी से त्राहि त्राहि मची रहती हैं, वहीं ऐसे समय में पेड़ों के नीचे छांव में बने घरों की छतें पत्थर की होती है और अंदर पूरी तरह से ठंडक पहुंचाती हैं.

Bastar Tribes News: आधुनिकता के दौर में भी छत्तीसगढ़ के बस्तर में रहने वाले आदिवासी ग्रामीण अपने कल्चर को नहीं भूले हैं. आदिवासियों की अपनी परंपरा आज भी कायम है, और उनका रहन-सहन भी सबसे अलग है, खास बात यह कि इस क्षेत्र के वनवासी आज भी 'जल ,जंगल, जमीन' को ही अपनी सबसे बड़ी पूंजी मानने के साथ इनकी रक्षा करते हैं, और इनसे ही अपने जीवन से जुड़ी सभी जरूरतों को पूरा करते है, इन वनवासी क्षेत्रो में आपको  कुछ ऐसे यूनिक तस्वीरें भी देखने को मिलेंगे जो पूरे देश मे और कहीं नही दिखाई देंगे, और उनमे से एक है आदिवासियों के घरों की बाउंड्री, जिन्हें आदिवासी पेड़ की लकड़ी (खूंटे) से बनाते है और जिसे ग्रामीण बेड़ा घेरा कहते है.

दरअसल बस्तर के वनवासी क्षेत्रों में आज भी ग्रामीण अंचलों के घरों में पेड़ के लकड़ियों की ही चार दीवारी होती है घर हो या खेत इसके चारों और लकड़ी के खूंटे गाढ़कर बाउंड्री बनाई जाती हैं, ग्रामीण अंचलों में आपको दूर-दूर तक सीमेंट या ईट की दीवारें  नहीं दिखाई देंगी, यहां आदिवासी लकड़ी के खूंटो को ज्यादा महत्व देते हैं और इन खूंटो से ही अपनी पूरी बाउंड्री को घेरते हैं, यह खूंटे 100 सालों तक टिकाऊ रहते हैं, बस्तर जिले के नेतानार गांव में भी करीब 150  से अधिक घर हैं और इन सभी घरों में खूंटे के ही बाउंड्री हैं, ग्रामीणों का कहना है कि वे सालों से बाउंड्री के लिए इसी खूंटे का इस्तेमाल करते आ रहे हैं.

टिकाऊ होते है खूंटे की बनी बाउंड्री वॉल
यही नहीं उनके घरों की छतें भी पत्थर के होते हैं जो गर्मी बरसात और ठंड भी झेल लेते हैं, गर्मी के दिनों में जब देश के कई जगहों में गर्मी से त्राहि त्राहि मची रहती हैं, वहीं ऐसे समय में पेड़ों के नीचे छांव में बने घरों की छतें पत्थर की होती है और अंदर पूरी तरह से ठंडक पहुंचाती हैं. भारी बरसात में भी पत्थर टिकाऊ होते हैं, और घर के अंदर  पानी का रिसाव भी नहीं हो पाता है, इसके अलावा पेड़ो के बल्ली और खूंटो से ही बाउंड्री और घर बनाते है. घर हो या खेत चारो ओर लकड़ी के खूंटे गाढ़कर बाउंड्री बनाई जाती है.

पर्यावरण को बचाये रखने ग्रामीण करते हैं पौधा रोपण
यहां के ग्रामीणों ने य भी बताया कि जब गांव बसे तब लकड़ी के ही खूंटे गाढ़कर लोग घर बनाते थे, गांव में कई घर आज भी लकड़ीयों के खूंटे के बने हुए है, समय के साथ साथ आज जब संसाधन बढ़ गए है लेकिन ग्रामीण अपनी सभ्यता को बचाये रखे हुए है, ग्रामीणों का यह भी कहना है कि बाउंड्री बनाने के लिए जंगलो से लकड़ी जरूर काटी जाती है, लेकिन पर्यावरण  को बनाये रखने ग्रामीण पौधे भी उसी संख्या में लगाते है और उसे देवता या परिवार का सदस्य मानकर उसकी पूरी देखभाल करते है. ग्रामीण अपनी आवश्यकता को जंगल से जरूर पूरा करते है लेकिन उसे बचाये रखने के लिए पौधे भी उसी संख्या में लगाते है.

आधुनिकता के दौर में भी नहीं भूले हैं अपनी सभ्यता
इधर जानकारों का मानना है कि बस्तर चारो और घने जंगलों से घिरा हुआ है, यहां के आदिवासियों के जीवन का जंगल मुख्य स्रोत भी है, वनोपज के साथ साथ पेड़ के लकड़ियों से ग्रामीण अपने घरों में इस्तेमाल करने के लिए वस्तुओं के साथ बाउंड्री से लेकर घर भी बनाते है, ग्रामीणों को मिट्टी और जगंल आसानी से उपलब्ध होते है इसलिए ग्रामीण इसका अपने जीवन के लिए उपयोग में लाते  है, आधुनिकता के दौर में भी बस्तर के आदिवासी आज भी पुरानी सभ्यता को नही भूले है, और उनकी सदियों से चली आ रही परम्परा आज भी कायम है.

ये भी पढ़ें: Chhattisgarh News: नारायणपुर में मानवता हुई शर्मसार, एंबुलेंस की मदद नहीं मिल पाने से गई 9 महीने के मासूम की जान

और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola

टॉप हेडलाइंस

Bangladesh Violence: 'हिंदू अल्पसंख्यकों को बनाया जा रहा निशाना...', बांग्लादेश के पूर्व मंत्री मोहिबुल हसन चौधरी का बड़ा बयान
'हिंदू अल्पसंख्यकों को बनाया जा रहा निशाना...', बांग्लादेश के पूर्व मंत्री मोहिबुल हसन चौधरी का बड़ा बयान
लखनऊ के कई जिलों के लिए रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी, यूपी में कैसा रहेगा अगले 24 घंटे का मौसम?
लखनऊ के कई जिलों के लिए रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी, यूपी में कैसा रहेगा अगले 24 घंटे का मौसम?
मधुबाला से होती थी खूबसूरती की तुलना, फिल्मों में सुपरस्टार, लेकिन असल जिंदगी में मिली गुमनामी
मधुबाला से होती थी खूबसूरती की तुलना, फिल्मों में सुपरस्टार, लेकिन असल जिंदगी में मिली गुमनामी
सूर्यकुमार यादव के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं रही दक्षिण अफ्रीका टी20 सीरीज, आंकड़े देख सिर पकड़ लेंगे आप
सूर्यकुमार यादव के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं रही दक्षिण अफ्रीका टी20 सीरीज, आंकड़े देख सिर पकड़ लेंगे आप

वीडियोज

बाजार में बेची जा रही बाबरी मस्जिद-हुमायूं कबीर वाली टी-शर्ट
अपने कारनामे पर अब भी क्यों खामोश है Nitish?
Renault Triber Drive Review | Auto Live #renault #triber
यूपी में BJP-SP के बीच कुर्मी वोट की लड़ाई शुरू
Maruti Suzuki e Vitara Review : क्या यह आपकी पहली EV है? | Auto Live #evitara

फोटो गैलरी

Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Bangladesh Violence: 'हिंदू अल्पसंख्यकों को बनाया जा रहा निशाना...', बांग्लादेश के पूर्व मंत्री मोहिबुल हसन चौधरी का बड़ा बयान
'हिंदू अल्पसंख्यकों को बनाया जा रहा निशाना...', बांग्लादेश के पूर्व मंत्री मोहिबुल हसन चौधरी का बड़ा बयान
लखनऊ के कई जिलों के लिए रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी, यूपी में कैसा रहेगा अगले 24 घंटे का मौसम?
लखनऊ के कई जिलों के लिए रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी, यूपी में कैसा रहेगा अगले 24 घंटे का मौसम?
मधुबाला से होती थी खूबसूरती की तुलना, फिल्मों में सुपरस्टार, लेकिन असल जिंदगी में मिली गुमनामी
मधुबाला से होती थी खूबसूरती की तुलना, फिल्मों में सुपरस्टार, लेकिन असल जिंदगी में मिली गुमनामी
सूर्यकुमार यादव के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं रही दक्षिण अफ्रीका टी20 सीरीज, आंकड़े देख सिर पकड़ लेंगे आप
सूर्यकुमार यादव के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं रही दक्षिण अफ्रीका टी20 सीरीज, आंकड़े देख सिर पकड़ लेंगे आप
ओमान में पीएम मोदी का वेलकम देखकर हिल गया मुस्लिम वर्ल्ड? पाक एक्सपर्ट चिढ़कर बोले- भारत को इतनी तवज्जो और पाकिस्तान...
ओमान में पीएम मोदी का वेलकम देखकर हिल गया मुस्लिम वर्ल्ड? पाक एक्सपर्ट चिढ़कर बोले- भारत को इतनी तवज्जो और पाकिस्तान...
चलती ट्रेन में कैसे बुला सकते हैं मदद, नोट कर लें ये नंबर
चलती ट्रेन में कैसे बुला सकते हैं मदद, नोट कर लें ये नंबर
ऑनलाइन शॉपिंग से पहले जरूर याद रखें ये 3 जरूरी बातें, नहीं तो पलभर में खाली हो सकता है आपका बैंक अकाउंट
ऑनलाइन शॉपिंग से पहले जरूर याद रखें ये 3 जरूरी बातें, नहीं तो पलभर में खाली हो सकता है आपका बैंक अकाउंट
अजरबैजान में सैलरी 50 हजार तो भारत में हो जाएगी इतनी? जानें पूरी डिटेल्स
अजरबैजान में सैलरी 50 हजार तो भारत में हो जाएगी इतनी? जानें पूरी डिटेल्स
Embed widget