Chhattisgarh: नक्सलियों के वार्ता की पेशकश पर सीएम भूपेश बघेल दिया जवाब, एक्सपर्ट से जानिए क्या है रणनीति
Naxalites News: नक्सली अब सरकार से बात करने के लिया तैयार है. कई शर्तों के साथ PLGA पर लगाए प्रतिबंध को हटाने की मांग कर रहे है लेकिन राज्य सरकार ने नक्सलियों की मांग को ठुकरा दिया है.

Raipur: छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने इन दिनों का नया पैंतरा आजमाया है. नक्सली अब सरकार से बात करने के लिया तैयार है. कई शर्तों के साथ PLGA पर लगाए प्रतिबंध को हटाने की मांग कर रहे है लेकिन राज्य सरकार ने नक्सलियों की मांग को ठुकरा दिया है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सीधे कहा कि संविधान पर विश्वास कर लेंगे किसी भी मंच में कहीं भी बात करने के लिए तैयार.
सीएम भूपेश बघेल बोले नक्सली संविधान पर करें विश्वास
दरअसल, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सोमवार की रात दिल्ली से लौटने के बाद रायपुर एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत की है. इस दौरान उन्होंने नक्सलियों से बातचीत के सवाल पर कहा कि भारत के संविधान पर विश्वास व्यक्त करें, एक लाइन की बात है. जिस दिन विश्वास व्यक्त कर लेंगे किसी भी मंच में, कहीं भी बात करने को तैयार है.
नक्सलियों की वार्ता की पीछे क्या है रणनीति
नक्सल मामले की जानकार डॉ वर्णिका शर्मा ने नक्सलियों की रणनीति को बेपर्दा कर दिया है. शर्तों के साथ बातचीत करने के पीछे नक्सलियों की असली रणनीति उन्होंने बताई है. वर्णिका शर्मा ने एबीपी न्यूज को बताया कि हमें लगता है की नक्सली कमजोर पड़ रहे है लेकिन ये सही नहीं है. इतिहास गवाह युद्ध विराम तक किसी को कमजोर नहीं समझना चाहिए. हालांकि इनके अंदर अंदरूनी कलेश है लेकिन जहां पुलिस फोर्स का ऑपरेशन एरिया है वहां माओवादी ऑपरेशन एरिया को शेल्टर एरिया में कन्वर्ट कर देते है. नक्सली वहां कार्रवाई नहीं करते है.
क्या होता है माओवादियों का पुनर?
डॉ वर्णिका शर्मा ने आगे बताया कि इनकी शर्तो का अध्ययन करने पर पता चलता है कि इसमें भी एक रणनीति है. वार्ता के लिए पैरामीटर तय किए जाते है. दोनों पक्ष हथियार रखे तब बातचीत होगी. नक्सली मान भी जाएंगे हथियार रखने के लिए लेकिन हमारी फोर्स बंदूक क्यों रखें. उनको तो लॉ एंड ऑर्डर मेंटेन करके रखना है. घने जंगलों में नियमित रूप से सुरक्षा बल की सर्चिंग होती रहती है. इसके बाद आगे माओवादी 2 या 3 दौर की वार्ता करते है. नक्सलियों की एक भी शर्त हम नहीं मानते है तो शर्त के लिए दबाव बनाते है. इतने समय में वैसे अपनी रणनीति को अंजाम देने के लिए तैयार हो जाते है.
नक्सलियों ने सरकार के सामने रखी वार्ता की पेशकश
गौरतलब है कि हाल ही में नक्सलियों के DKSZC प्रवक्ता विकल्प ने प्रेस नोट जारी कर सरकार के सामने वार्ता की पेशकश की है. लेकिन कई शर्त उन्होंने सरकार के सामने रखी है. विकल्प ने कहा है कि PLGA पर लगाए गए प्रतिबंध को हटाने, नक्सल को खुलेआम काम करने के अवसर दिए जाने, हवाई हमले बंद करने, संघर्षरत इलाकों में सशस्त्र बलों के कैम्पों को हटाने, जेलों में कैद नक्सल नेताओं को रिहा करने के शर्त है.
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Source: IOCL





















