Chattisgarh: डेढ़ करोड़ रुपये के इनामी नक्सली की हार्ट अटैक से मौत, 76 CRPF जवानों की हत्या का था मास्टरमाइंड
Naxalite Death News: नक्सली संगठन के सेंट्रल कमिटी मेंबरआनंद उर्फ कटकम सुदर्शन की हार्टअटैक से मौत हो गई है, उस पर डेढ़ करोड़ रुपए क इनाम घोषित था, वह नक्सली संगठन में40 सालो से सक्रिय था.

Naxalite News: नक्सली संगठन के सेंट्रल कमिटी मेंबर आनंद उर्फ कटकम सुदर्शन की 69 वर्ष में हार्ट अटैक से मौत हो गई है. इसकी सूचना नक्सलियों ने प्रेस नोट जारी कर दी है, माओवादी संगठन के नक्सली प्रवक्ता अभय ने अपने प्रेस नोट जारी कर लिखा है कि 31 मई को दोपहर कामरेड कटकम सुदर्शन की हार्ट अटैक से मौत हो गई है. करीब 40 सालों से नक्सली संगठन में शामिल रहे सुदर्शन पर डेढ़ करोड़ रुपए का इनाम घोषित था. 6 अप्रैल 2010 को सुकमा जिले में हुए ताड़मेटला नक्सली हमले में 76 जवानों की मौत का यह मास्टरमाइंड था.
इसके अलावा झीरम घाटी नक्सली हमले के साथ-साथ कई बड़ी नक्सली वारदातों को अंजाम देने में आनंद उर्फ कटकम सुदर्शन शामिल रहा है. इधर नक्सलियों ने उनकी मौत को यादगार बनाने के लिए 5 जून से 3 अगस्त तक पूरे देश में कॉमरेड आनंद संस्मरण सभाओं का आयोजन करने का ऐलान किया है.
लंबे समय से बीमार होने के चलते हार्ट अटैक से हुई मौत
नक्सली प्रवक्ता अभय ने प्रेस नोट जारी कर बताया कि पिछले कई महीनों से कटकम सुदर्शन शुगर, बीपी सहित कई बीमारियों से जूझ रहा था. इलाज के अभाव में उसकी बस्तर में मौत हो गई. नक्सलियों ने जंगल में ही उसका अंतिम संस्कार किया. पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक सुदर्शन पर सुकमा जिले में सीआरपीएफ के जवानों पर हमला करने का आरोप था. इस बड़े नक्सली हमले में सीआरपीएफ के 76 जवान शहीद हो गए थे.
इसके अलावा सुदर्शन ने ही 25 मई 2013 को झीरम घाटी में कांग्रेस नेताओं पर हमले की साजिश रची थी. उसकी मौत को लेकर बताया जाता है कि बीते 31 मई को दिल का दौरा पड़ने से उसका निधन हो गया. इस संबंध में नक्सलियों ने प्रेस नोट जारी कर इसकी घोषणा की है.
इसके अलावा यह भी लिखा है कि आनंद उर्फ कटकम सुदर्शन तेलंगाना के आदिलाबाद में जन्मे सुदर्शन ने वारंगल में पॉलिटेक्निक की पढ़ाई की थी. साम्यवादी विचारधारा की ओर आकर्षित होकर वह सन 1980 के दशक में नक्सली आंदोलन में शामिल हो गया था. उसके बाद से ही वह छुपकर नक्सली गतिविधियों को अंजाम देते रहा.
वह नक्सली संगठन में केंद्रीय समिति का सदस्य था. पार्टी में उसे आनंद मोहन, वीरेंद्र जी, कटकम के नाम से भी जाना जाता है. अक्सर नक्सली इन्हीं नामों से उसे बुलाते थे. मंचीरयाला जिले के कटकम सुदर्शन 1980 में कोंडपल्ली सीतारामय्या के नेतृत्व वाले पीपुल्स वॉर ग्रुप में शामिल हुआ. आंध्र प्रदेश, उड़ीसा, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में नक्सली आंदोलन और संगठन के विस्तार में सुदर्शन की अहम भूमिका रही.
चारो राज्यो के पुलिस कर रही थी तलाश
केंद्रीय कमेटी सदस्य आनंद उर्फ कटकम सुदर्शन को गुरिल्ला युद्ध का रणनीतिकार भी कहा जाता है. उसकी पत्नी साधना भी नक्सली थी और इस पर भी लाखों रुपए का इनाम घोषित था. कुछ साल पहले पुलिस -नक्सली मुठभेड़ में पुलिस के जवानों ने साधना को मार गिराया था. बस्तर के आईजी सुंदरराज पी बताते हैं कि लंबे समय से चारों राज्यों की पुलिस केंद्रीय कमेटी मेंबर सुदर्शन की तलाश कर रही थी. कई बार उसके सक्रिय होने की जानकारी भी मिली और ऑपरेशन भी लॉन्च किया गया, लेकिन वह हर बार मुठभेड़ से भाग निकलने में कामयाब रहा. नक्सली संगठन ने प्रेस नोट जारी कर आज हार्ट अटैक से उसकी मौत की पुष्टि की है.
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Source: IOCL





















