उपेंद्र कुशवाहा का महागठबंधन पर करारा वार, कहा- 'लालू के समय में दलितों को यह अनुमति भी नहीं थी कि...'
Bihar Election : उपेंद्र कुशवाहा ने महागठबंधन और लालू प्रसाद पर हमला किया. उन्होंने SIR को मुद्दा बनाने का आरोप लगाया और दलित-पिछड़े वर्ग के प्रतिनिधित्व और NDA सरकार की उपलब्धियों को रेखांकित किया.

राष्ट्रीय लोक समाज पार्टी (RLM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने महागठबंधन और उसके प्रमुख नेताओं पर तीखा हमला किया है. कुशवाहा ने कहा कि महागठबंधन ने SIR (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) को लेकर बहुत शोर मचाया, लेकिन जनता के बीच इस पर कोई चर्चा नहीं है. उनका कहना है कि यह केवल मुद्दा बनाने की कोशिश थी, जिसे जनता पहले ही नकार चुकी है.
उपेंद्र कुशवाहा ने लालू प्रसाद यादव के 15 साल के शासनकाल का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय दलितों और पिछड़े समुदायों को वार्ड सदस्य बनने तक की अनुमति नहीं थी. उन्होंने बताया कि सिर्फ महिलाओं ही नहीं, बल्कि पुरुषों को भी सदस्य बनने से रोका गया. कुशवाहा ने कहा कि जब नीतीश कुमार ने सत्ता संभाली और NDA सरकार बनी, तो उन्होंने मौजूदा प्रावधानों में बदलाव किया. इसका परिणाम यह हुआ कि अब दलित और पिछड़े समुदाय का प्रतिनिधित्व बढ़ा है और उन्हें सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है.
SIR पर उठाया गया शोर केवल दिखावा- उपेंद्र कुशवाहा
RLM अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि लालू प्रसाद यादव अब सत्ता हाथ से जाने के बाद फिर से प्रलोभन का सहारा ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने सत्ता का आनंद लिया, वे अब मुद्दे उठाकर जनता को गुमराह करना चाहते हैं. जनता उनकी असली पहचान जान चुकी है. SIR पर उठाया गया शोर केवल दिखावा है, असल मुद्दा जनता के कल्याण और उनके अधिकारों का है.
पुराने समय की भूलों को जनता के सामने बना रहे मुद्दा- कुशवाहा
कुशवाहा ने यह भी कहा कि पिछले प्रशासन में दलित और पिछड़े समुदायों के लोगों को राजनीतिक मंच पर बराबरी का अवसर नहीं मिला. NDA सरकार ने ऐसा करके समाज के इन वर्गों को सशक्त बनाने की दिशा में कदम उठाए. अब वे लोग जो सत्ता में नहीं हैं, केवल राजनीति का इस्तेमाल कर रहे हैं और पुराने समय की भूलों को जनता के सामने मुद्दा बना रहे हैं.
पार्टी दलित वर्ग के लोगों के लिए करती है काम
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, उपेंद्र कुशवाहा का यह बयान महागठबंधन के खिलाफ सत्तारूढ़ NDA की वैचारिक लड़ाई को और तेज करता है. RLM अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी पिछड़े और दलित वर्ग के लोगों के अधिकारों और सम्मान के लिए सतत काम करती रहेगी और ऐसे मुद्दों पर राजनीति नहीं होने देगी.
कुशवाहा के इस बयान से साफ है कि 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में दलित और पिछड़े समुदाय के वोटर पर NDA और महागठबंधन के बीच सियासी टकराव और बढ़ने वाला है. उपेंद्र कुशवाहा ने यह भी संकेत दिए कि उनका फोकस केवल जनता के कल्याण और अधिकारों पर रहेगा, न कि दिखावे की राजनीति पर रहेगा.
Source: IOCL























