बिहार चुनाव के नतीजों में बड़ी 'बेईमानी' का दावा! RJD ने ये आंकड़े दिखाकर मचाई सियासी हलचल
Tejashwi Yadav RJD: बिहार चुनाव नतीजों से निराश RJD ने धांधली का आरोप लगाया है. पार्टी का दावा है कि कुछ विधानसभा सीटों पर पोस्टल बैलेट जानबूझकर रद्द किए गए, जिससे महागठबंधन के उम्मीदवार हार गए.

बिहार चुनाव के नतीजों से विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) मायूस है. इसी के साथ तेजस्वी यादव की पार्टी की ओर से लगातार यह आरोप भी लगाए जा रहे हैं कि नतीजों में 'घपला' किया गया है. इसी क्रम में आरजेडी के एक्स पोस्ट में तीन विधानसभा सीटों पर बैलेट पेपर के आंकड़े जारी कर यह दावा किया गया है कि विपक्ष को हराने की साजिश के तहत बैलेट पेपर रिजेक्ट किए गए.
दरअसल, इस बार के बिहार विधानसभा चुनाव में कई सीटें ऐसी रहीं, जहां उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर हुई. संदेश में केवल 27 वोट से तो अगिआंव में 95 वोट से महागठबंधन के उम्मीदवार हारे. इसी को लेकर तेजस्वी यादव की आरजेडी दावा कर रही है कि यहां पर पोस्टल बैलेट को जान बूझकर रिजेक्ट किया गया. अगर सभी बैलेट की गिनती की जाती, तो इन सीटों पर महागठबंधन के उम्मीदवार का कब्जा होता.
RJD के एक्स पोस्ट में क्या?
राष्ट्रीय जनता दल के एक्स पोस्ट में यह दावा किया गया है कि महागठबंधन को 'जबरन बेईमानी' से कई सीटें हराई गई हैं. पोस्ट में लिखा है, "जबरन बेईमानी से हरायी गयी सीटों के झकझोरने वाले आंकडे!
नबीनगर विधानसभा : 𝟏𝟏𝟐 वोटों से 𝐑𝐉𝐃 हारी, 𝟏𝟑𝟐 पोस्टल वोट रिजेक्ट हुए
अगिआंव विधानसभा: 𝟗𝟓 वोटों से 𝐂𝐌𝐏𝐈𝐋 हारी, 𝟏𝟕𝟓 पोस्टल वोट रिजेक्ट हुए
संदेश विधानसभा: 𝟐𝟕 वोटों से 𝐑𝐉𝐃 हारी, 𝟑𝟔𝟎 पोस्टल वोट रिजेक्ट हुए."
जबरन बेईमानी से हरायी गयी सीटों के झकझोरने वाले आंकडे!
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) November 20, 2025
नबीनगर विधानसभा : 𝟏𝟏𝟐 वोटों से 𝐑𝐉𝐃 हारी, 𝟏𝟑𝟐 पोस्टल वोट रिजेक्ट हुए
अगिआंव विधानसभा: 𝟗𝟓 वोटों से 𝐂𝐌𝐏𝐈𝐋 हारी, 𝟏𝟕𝟓 पोस्टल वोट रिजेक्ट हुए
संदेश विधानसभा: 𝟐𝟕 वोटों से 𝐑𝐉𝐃 हारी, 𝟑𝟔𝟎 पोस्टल वोट…
चुनाव आयोग पहले ही खारिज कर चुका है आरोप
यह पहली बार नहीं है जब विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग के काम पर सवाल उठाया हो. कांग्रेस समेत इंडिया गठबंधन के अन्य विपक्षी दल लगातार 'वोट चोरी' के आरोप लगाते आए हैं. वहीं, एक राजद नेता ने यह तक कह दिया था कि बिहार चुनाव में वोटिंग के दौरान ईवीएम में पहले से ही 25 हजार वोट पड़े थे.
चुनाव आयोग ने इन सभी आरोपों को खारिज करते हुए यह जानकारी दी थी कि ईवीएम में पहले से ही वोट पड़े होना असंभव है. वहीं, इलेक्शन कमीशन की तरफ से यह स्पष्ट रूप से कहा जा चुका है कि लोकसभा हो या विधानसभा का चुनाव, ECI पारदर्शिता के साथ, सभी राजनीतिक दलों को जरूरी जानकारी देते हुए ही काम करता है.
Source: IOCL
























