बेबस, लाचार, असहाय...! सुबह-सुबह CM नीतीश और PM मोदी पर फायर हो गए तेजस्वी यादव
Bihar Flood: तेजस्वी ने सवाल उठाया है कि नीतीश कुमार बिहार की बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित कराने एवं सहायता राशि की मांग को लेकर प्रधानमंत्री से क्यों नहीं मिलते? मिलने में क्यों हिचकते हैं?
Tejashwi Yadav: बिहार में बाढ़ से मची तबाही के बीच नेता प्रतिपक्ष और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने केंद्र की मोदी सरकार और सीएम नीतीश कुमार को आड़े हाथों लिया है. बुधवार (02 अक्टूबर) को उन्होंने एक्स (X) पर पोस्ट किया और सुबह-सुबह पीएम मोदी और नीतीश कुमार पर फायर हो गए. बिहार में 2008 में आई बाढ़ में कैसे केंद्र की यूपीए सरकार ने मदद की थी तेजस्वी ने अपने पोस्ट में इसका जिक्र किया है.
तेजस्वी ने एक्स पर अपने पोस्ट में लिखा, "मुख्यमंत्री जी, क्या आपको 2008 याद है? प्रधानमंत्री जी, क्या आपको ज्ञात है कि बिहार भारत में है? 2008 में बिहार में आई बाढ़ को याद कीजिए. तब केंद्र में UPA की सरकार थी. कांग्रेस के बाद केंद्र में दूसरी सबसे बड़ी और शक्तिशाली पार्टी राजद और उनके नेता केंद्रीय रेल मंत्री आदरणीय लालू प्रसाद जी के आग्रह पर प्रधानमंत्री सरदार मनमोहन सिंह जी और यूपीए चेयरपर्सन आदरणीय श्रीमती सोनिया गांधी जी बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों के सर्वेक्षण पर बिहार आए थे."
विशेष सहायता के तौर पर मिले थे 1000 करोड़
बाढ़ में करीब 15 साल पहले कैसे मदद की गई थी उसको लेकर तेजस्वी ने लिखा, "लालू जी ने सकारात्मक राजनीति का अकल्पनीय व अविस्मरणीय उदाहरण प्रस्तुत करते हुए प्रधानमंत्री जी को बाढ़ की भयावह स्थिति से अवगत करा इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित कराया तथा उस दौर में यानि आज से 15 साल पूर्व केंद्र से तत्काल 1000 करोड़ की विशेष सहायता राशि बिहार को दिलाई. हां जी केवल बाढ़ के लिए 1000 करोड़."
तेजस्वी यादव ने यह भी लिखा, "NDA की नीतीश सरकार ने केंद्र की UPA सरकार से एक लाख टन अनाज की मांग की थी लेकिन केंद्र की UPA सरकार ने प्रभावित लोगों की मदद एवं राहत के लिए एक लाख 25 हजार टन अनाज बिहार को दिया. जितना नीतीश सरकार ने मांगा उससे अधिक बिहार को दिया."
'बार-बार क्यों टूटते हैं तटबंध और बांध?'
आगे तेजस्वी ने कहा, "नीतीश सरकार ने उसी अनाज को बचाकर रखा और 2010 के चुनावों से पूर्व गरीब जनता में यूपीए सरकार का दिया हुआ अनाज यह कर बांटा कि नीतीश सरकार यह अनाज दे रही है और चुनावों में इसका फायदा उठाया. केंद्र और बिहार की एनडीए सरकारें उत्तर बिहार के लोगों की जान और माल की कीमत बस चंद किलो अनाज से आंकती हैं. बारंबार तटबंध और बांध क्यों टूटते हैं इसका कारण भी सरकार को बताना होगा."
लालू यादव ने कैसे की थी मदद इसकी याद दिलाई
तेजस्वी यादव ने पोस्ट के जरिए कहा कि उस वक्त तत्कालीन रेल मंत्री लालू यादव ने बाढ़ पीड़ितों के लिए मुफ्त रेल चलाई और साथ ही 90 करोड़ की सहायता राशि भी रेल मंत्रालय से दिलाई. उन्होंने एक लाख साड़ी-धोती बंटवाई. कोसी क्षेत्र में रेलवे प्लेटफॉर्म पर रेल के डिब्बों में बाढ़ राहत शिविर लगवाए. उन्होंने अपने एक महीने की सैलरी, केबीसी में जीते हुए एक करोड़ रुपये, रेल मंत्रालय के सभी कर्मचारियों की एक दिन की सैलरी, आईआरसीटीसी, रेलवे ईस्ट जोन, वेस्ट जोन इत्यादि से भी सहायता राशि बिहार को दी. 2004 से 2009 क लालू यादव में बिहार को एक लाख 44 हजार करोड़ की वित्तीय पैकेज दिलाया था, लेकिन उससे चेहरा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चमकाया.
'बेबस, लाचार और असहाय...'
तेजस्वी ने कहा कि उस वक्त यूपीए के बिहार से 29 सांसद थे जबकि अब एनडीए के 30 सांसद हैं. एनडीए के 30 सांसद, बिहार के मुख्यमंत्री और केंद्र में बिहार से एनडीए के सात केंद्रीय मंत्री कितने बेबस, लाचार और असहाय हैं कि इनके सहारे चल रही केंद्र सरकार से बिहार की विनाशकारी बाढ़ को ना आपदा घोषित करा सकते हैं ना ही विशेष सहायता राशि की मांग सकते हैं. आज बीजेपी के किसी भी केंद्रीय मंत्री और प्रधानमंत्री को बिहार नजर नहीं आ रहा है? नीतीश कुमार बिहार की बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित कराने एवं सहायता राशि की मांग को लेकर प्रधानमंत्री मोदी से क्यों नहीं मिलते? नीतीश कुमार प्रधानमंत्री से मिलने में क्यों हिचकते हैं?
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