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Sitamarhi: सीतामढ़ी-शिवहर तक बनेगी रेल लाइन, मोदी सरकार ने 566 करोड़ रुपये की राशि को दी मंजूरी
Sitamarhi-Motihari Rail Route: सीतामढ़ी-मोतिहारी रेल मार्ग के निर्माण के लिए राशि की स्वीकृति मिलने पर इलाके के लोगों में जश्न का माहौल है. शिवहर बिहार का ऐसा जिला है, जहां एक इंच भी रेल लाइन नहीं है.
![Sitamarhi: सीतामढ़ी-शिवहर तक बनेगी रेल लाइन, मोदी सरकार ने 566 करोड़ रुपये की राशि को दी मंजूरी Railway Ministry has approved Rs 566.83 crore for the construction of Sitamarhi and Motihari rail line in the first phase ANN Sitamarhi: सीतामढ़ी-शिवहर तक बनेगी रेल लाइन, मोदी सरकार ने 566 करोड़ रुपये की राशि को दी मंजूरी](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/03/29/661c49e422d5de790113d693f00450a01680082241144649_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
सीतामढ़ी. शिवहर, सीतामढ़ी और मोतिहारी जिले के लोगों को रेलवे ने एक बड़ी खुशखबरी दी है. यानी रेलवे ने पूर्व में स्वीकृत सीतामढ़ी-मोतिहारी रेल मार्ग (Sitamarhi-Motihari Rail Route) के निर्माण के लिए राशि की स्वीकृत दे दी है. प्रथम फेज में सीतामढ़ी-शिवहर तक रेल लाइन (Sitamarhi-Sheohar Rail line) का निर्माण होगा. इसके लिए रेल मंत्रालय की (Railway Ministry )ओर से 566.83 करोड़ रुपये की राशि की स्वीकृति दी
दरअसल, यह शिवहर के लोगों के लिए ऐतिहासिक क्षण है. यहां के लोगों का वर्षों का सपना साकार होने जा रहा है. भले ही इस परियोजना को पूरा होने में वर्षों लगेंगे, लेकिन प्रथम फेज के काम के लिए राशि की स्वीकृति से ही लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई है.
प्रथम फेज में 28 किमी का होगा निर्माण
सीतामढ़ी-मोतिहारी रेल मार्ग के निर्माण के लिए राशि की स्वीकृति मिलने पर सांसद रमा देवी ने पीएम का आभार जताया. इसके साथ ही उन्होंने इसकी जानकारी रेलवे बोर्ड के सदस्य (वित्त) अभिषेक जगावत ( ईस्ट सेंट्रल रेलवे) हाजीपुर के महाप्रबंधक समेत अन्य अधिकारियों को दी. उन्होंने बताया कि प्रथम फेज में सीतामढ़ी से शिवहर 28 किमी तक रेल लाइन बनेगा. उन्होंने कहा कि इसके साथ ही शिवहर जिले के लोगों का वर्षों का पुराना सपना अब साकार होने जा रहा है. शिवहर देश का यह एकमात्र है, जहां रेल लाइन एक इंच भी नहीं है. उन्होंने कहा कि इससे पहले की केंद्र की कांग्रेस सरकार ने एक इंच भी लाइन के निर्माण के लिए राशि स्वीकृत नहीं की. अब मोदी सरकार में शिवहर जिला के लोगों का वर्षों का सपना पूरा होने जा रहा है.
वर्ष 2006-07 में मिली थी स्वीकृति
सांसद ने बताया है कि वर्ष 2006-07 में कांग्रेस की सरकार में सीतामढ़ी-मोतिहारी रेल लाइन की स्वीकृति मिली थी. हालांकि, तब से ही इस परियोजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था. अक्टूबर 2007 में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद ने शिवहर समाहरणालय के पास इस परियोजना के सर्वे कार्य का शुभारंभ किया था. सर्वे पर 24.16 करोड़ रुपये खर्च हुए थे. उस दौरान 78.92 किमी की इस परियोजना की लागत 221 करोड़ रुपये आंकी गई थी. अब लागत बढ़ कर 926.09 करोड़ रुपये हो गई है. राशि के अभाव में भूमि का अधिग्रहण नहीं होने के कारण परियोजना कागज के पन्नों तक सिमट कर रह गई थी.
चर्चा में है शिवहर के मुकुंद मिश्रा
यह परियोजना भले ही ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था और सब के सब खामोश हो गये थे, लेकिन शिवहर के सामाजिक कार्यकर्ता मुकुंद कुमार मिश्रा चुप नहीं बैठे थे. वे लगातार इस परियोजना की ओर रेलवे, रेल मंत्री व इससे जुड़े वरीय अधिकारियों का पत्राचार के जरिए ध्यान आकृष्ट कराते रहे. उन्होंने आरटीआई के जरिए रेलवे से इस रेल परियोजना के लंबित रहने को लेकर सवाल किया. तब जवाब मिला था कि परियोजना को स्वीकृति ही नहीं मिली है. इस जवाब से श्री मिश्रा एक रत्ती भी संतुष्ट नहीं थे. तब उन्होंने 21 दिसंबर 2021 को पटना हाईकोर्ट में इसको लेकर एक याचिका दायर की. मामले में सुनवाई करने के बाद हाईकोर्ट ने रेलवे और राज्य सरकार से जवाब मांगा था. मामला अब भी कोर्ट में चल रहा है. इधर, शिवहर सांसद रमा देवी ने भी इस रेल परियोजना का मामला संसद में उठाया था. बहरहाल, रेल लाइन के निर्माण के लिए राशि की स्वीकृति मिश्रा के ही प्रयास का परिणाम बताया जा रहा है.
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