बिहारः जिस कैदी की जिंदा रहते कोरोना की रिपोर्ट निगेटिव आई मरने के बाद हुआ पॉजिटिव
एनएमएमसीएच के अधीक्षक ने बताया कि दोनों अलग-अलग रिपोर्ट में कहां से क्या गड़बड़ी हुई है इसकी भी जांच होगी. इलाज के पहले भी कोरोना की जांच कराई गई थी और नियमतः मरने के बाद भी सैंपल लिया गया था.

गयाः अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एएनएमएमसीएच) से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. यहां इलाज के लिए जिस कैदी को भर्ती किया गया था उसकी जिंदा रहते कोरोना की रिपोर्ट निगेटिव आई, वहीं मरने के बाद दोबोरा जारी रिपोर्ट में उसे पॉजिटिव बता दिया गया है. इस मामले में सवाल उठने लगे हैं कि आखिर यह सामान्य बात है या फिर कहीं से गलती हुई है.
दरअसल, दो जुलाई की देर रात गया सेंट्रल जेल के एक विचाराधीन कैदी और टिकारी थाना क्षेत्र के रहने वाले 75 वर्षीय रामचंद्र पासवान को एएनएमएमसीएच में भर्ती कराया गया था. तीन जुलाई की सुबह इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. मरीज को सांस लेने में समस्या थी जिसको देखते हुए कोरोना की जांच कराई गई. एंटीजन और आरटीपीसीआर की रिपोर्ट में उसे निगेटिव बताया गया. वहीं, मरने के 9 घंटे बाद जो दोबोरा रिपोर्ट आई उसमें उसे पॉजिटिव बताया गया है.
अधीक्षक ने कहा- जांच कराई जाएगी कहां से गड़बड़ी हुई
इस मामले में एनएमएमसीएच के अधीक्षक डॉ. हरिश्चंद्र हरि ने बताया कि कैदी की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. इसलिए मरीज के संपर्क में रहने वाले सभी लोगों को कोरोना की जांच करानी होगी. उन्होंने कहा कि दोनों अलग-अलग रिपोर्ट में कहां से क्या गड़बड़ी हुई है इसकी भी जांच होगी. क्योंकि इलाज के पहले भी कोरोना की जांच कराई गई थी और नियमतः मरने के बाद भी सैंपल लिया गया था.
कैदी की मौत के बाद नियमानुसार शव का पोस्टमार्टम कराकर उसे परिजनों को सौंप दिया गया. दोनों ही रिपोर्ट एएनएमएमसीएच के लैब से ही निर्गत है. अब कौन रिपोर्ट को सही माना जाए इसे लेकर संशय की स्थिति है. मृतक कैदी की पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद जेल प्रसाशन ने सुरक्षा के दृष्टिकोण से उसके साथ संपर्क में रहे बंदियों को अलग कर दिया है.
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