Omicron Variant: क्या बिहार में दिखने लगा थर्ड वेव? NMCH के डॉक्टर ने बताया कब तक रहेगा ओमिक्रोन का असर
एनएमसीएच के एमएस डॉक्टर विनोद कुमार ने कहा कि एमसीएच बिल्डिंग में 106 बेड का वार्ड है. कोविड के मरीजों के लिए यह टोटल डेडिकेटेड बिल्डिंग है. ऑक्सीजन की सुविधा भी है.
पटनाः कोविड के नए वैरिएंट ओमिक्रोन (Omicron Variant) को लेकर देश में मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. हालांकि बिहार में अभी तक एक भी केस नहीं हैं, लेकिन एक्टिव मरीजों की संख्या पर अगर नजर डालें तो यह 215 हो चुका है. अब बढ़ते केस और ओमिक्रोन वैरिएंट को देखते हुए इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से तैयारी की जा रही है. पटना के एनएमसीएच (NMCH) में 106 बेड तैयार किए गए हैं. अभी सभी बेड खाली हैं.
एनएमसीएच में बनाए गए ओमिक्रोन वैरिएंट वार्ड में खास सुविधाओं का पूरा ख्याल रखा गया है. यहां हर बेड पर ऑक्सीजन की सुविधा उपलब्ध है. बुधवार तक यहां एक कोरोना का एक संक्रमित मरीज भर्ती है जिसका दूसरे वार्ड में इलाज चल रहा है. एनएमसीएच के एमएस डॉक्टर विनोद कुमार ने कहा कि एमसीएच बिल्डिंग में 106 बेड का वार्ड बनाया गया है. कोविड के मरीजों के लिए यह टोटल डेडिकेटेड बिल्डिंग है. ऑक्सीजन पाइपलाइन से हर बेड जुड़ा हुआ है.
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— ABP BIHAR (@abpbihar) December 29, 2021
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मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी
डॉक्टर विनोद कुमार ने कहा कि हमलोग पूरी तरह से तैयार हैं. अस्पताल के जो डॉक्टर हैं या फिर कर्मी सभी तैयार हैं. सबकी रोस्टर के हिसाब से ड्यूटी लगा दी गई है. हमलोगों ने जो दो लहर देखी उसका ध्यान रखा जा रहा है. इस दौरान डॉक्टर विनोद कुमार ने मास्क लगाने की भी अपील की. उन्होंने कहा कि आम लोग कोविड से बचें. इसके लिए मास्क बेहद जरूरी है और इसे लगाना चाहिए. साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखना चाहिए. कहा कि ओमिक्रोन की लहर फरवरी या मार्च के अंत तक रहेगी.
नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार बिहार में स्वास्थ्य की स्थिति ठीक नहीं है इसको लेकर कहा कि एनएमसीच में डॉक्टरों की कमी नहीं हैं. यहां 80 फीसद से अधिक पद भरे हुए हैं. यहां प्रधानमंत्री योजना के अंतर्गत एक दुकान है जहां दवाइयां मिलती हैं. दो जन औषधि केंद्र हैं जहां जेनरिक दवाइयां मिलती हैं. बहुत कम ही दवाइयां बाहर से लानी पड़ती है. यहां आयुष्मान भारत योजना से भी इलाज की सुविधा है.
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