(Source: ECI / CVoter)
Bihar News: बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव का नया फरमान बढ़ा सकता है टीचर्स की टेंशन, जानें क्या है आदेश
अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने पहले सरकारी स्कूलों में शिक्षकों का वॉट्सऐप पर अवकाश का आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा. इससे शिक्षकों में खलबली मची थी. अब एक नया फरमान और बढ़ा सकता है टेंशन.
Bihar News: बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के एक फरमान से सरकारी स्कूलों के टीचर बेचैन नजर आ रहे है. दरअसल, केके पाठक एक सरकारी स्कूल की शिक्षक से कह रहे है कि अगर बच्चे शाम 5 बजे तक भी अगर पढ़ना चाहते है तो आप उन्हें पढ़ाइए. इसके साथ ही बच्चों से कह रहे है कि आप पढ़े चाहे नहीं पढ़े लेकिन आपको स्कूल में 3:30 बजे तक रहना है भागना नहीं है. उनका ये बयान कैमरे में कैद हो गया है, जिससे बेचैन शिक्षक सोच में पड़ गए है कि क्या 5 बजे तक पढ़ाने का फरमान जारी होने वाला है.
स्कूलों में निरीक्षण के लिए पहुंचे थे केके पाठक
बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक शुक्रवार को वैशाली जिले के दौरे पर रहे. यहां उन्होंने सरकारी स्कूलों का जायजा लिया कि स्कूलों को लेकर जो गाइडलाइन जारी की गई है उसका पालन हो रहा है या नहीं. बच्चें स्कूलों में आ रहे या नहीं, शिक्षक समय पर आते है या नहीं, स्कूलों में पढ़ाई हो रही है या नहीं. निरक्षण के दौरान केके पाठक हाजीपुर के हंसतारगंज मध्य विद्यालय भी पहुंचे यहां उन्होंने बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने के निर्देश दिए.
इसके बाद उन्होंने चंद्रलेखा मध्य विद्यालय अस्तीपुर, मध्य विद्यालय मीनापुर व अन्य स्कूलों में छापेमारी की. जिसके बाद केके पाठक लालगंज के घटारो मध्य विद्यालय में पहुंचे, जहां उन्होंने एक शिक्षका को कहा कि आप 3:30 से लेकर 5:00 बजे तक स्कूल में रहे. इसके साथ ही उन्होंने बच्चों से कहा कि आप पढ़े चाहे नहीं पढ़े लेकिन 3:30 बजे तक आपके स्कूल में रहना है भागना नहीं.
शिक्षकों के लिए खड़ी हो सकती है परेशानी
जैसा अपर मुख्य सचिव केके पाठक की तरफ से कहा गया है ऐसा आदेश जारी होता है तो शिक्षकों की टेंशन बढ़ने वाली है. वहीं बच्चों के रूटीन की अगर बात करें तो उन्हें सुबह 9 बजे स्कूल पहुंचना होता है, इसके बाद अगर शाम 5 बजे तक स्कूलों में रहना होगा तो बच्चों को भी परेशानी होगी. आपको बता दें कि इससे पहले शिक्षा विभाग की तरफ से फरमान जारी किया गया था कि जिस स्कूल में शिक्षक पढ़ाते है उन्हें स्कूल के 15 किलोमीटर के दायरे में ही रहना होगा चाहे वो ड्यूटी पर हो या छुट्टी पर. इसके अलावा तबीयत खराब होने पर भी खुद स्कूल आकर छुट्टी लेनी पड़ेगी.
व्हाट्सएप पर छुट्टी का आवेदन स्वीकार नहीं होगा. इसके अलावा कोई शिक्षक मीडिया में बयान नहीं दे सकते और ना ही शिक्षा विभाग को लेकर सोशल मीडिया पर कोई पोस्ट कर सकते है. इन आदेशों का पालन करने के चक्कर में शिक्षक परेशानियों से जूझ रहे है ऐसे में शाम 5 बजे तक पढ़ाने का फरमान अगर होगा तो शिक्षकों की मुश्किल और बढ़ेगी.
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