NDA या महागठबंधन? बिहार में चुनाव से पहले पशुपति पारस की RLJP ने फाइनल कर लिया सब कुछ!
Bihar Assembly Election 2025: पारस की पार्टी के नेता राबड़ी आवास का दरवाजा खटखटाना लगे हैं. आरएलजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रवण अग्रवाल ने लालू यादव से मुलाकात की है.

Bihar Assembly Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए और महागठबंधन में शामिल सभी दलों की ओर से तैयारी शुरू हो चुकी है. एनडीए से अलग-थलग हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस की पार्टी (राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी) भी अब एक्शन मोड में आ गई है. उनका गठबंधन किससे होगा यह अभी घोषणा नहीं की गई है, लेकिन इसकी तस्वीर लगभग अब साफ हो गई है. पारस की पार्टी के नेता राबड़ी आवास का दरवाजा खटखटाना लगे हैं. उम्मीद की जा रही है कि बहुत जल्द गठबंधन की घोषणा भी हो जाएगी.
बीते सोमवार (10 मार्च, 2025) की शाम आरएलजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रवण अग्रवाल ने राबड़ी आवास जाकर आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव से मुलाकात की. मुलाकात के बाद श्रवण अग्रवाल ने एबीपी न्यूज़ से एक लाइन में कहा कि वे होली की शुभकामना देने के लिए गए थे क्योंकि लालू उनके आदर्श रहे हैं. श्रवण अग्रवाल ने कहा कि वे खगड़िया में पहले भी उनकी (लालू) पार्टी के सिपाही रह चुके हैं, इसलिए उनका आशीर्वाद लेने के लिए गए थे.
'एनडीए में जाने का सवाल ही पैदा नहीं होता'
श्रवण अग्रवाल से जब पूछा गया कि 2025 में गठबंधन किससे होगा तो उन्होंने कहा कि इसकी घोषणा पार्टी अप्रैल महीने में करेगी. होली के बाद राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होगी. उसमें निर्णय लिया जाएगा. अकेले चुनाव लड़ेंगे या गठबंधन के साथ इस पर उन्होंने साफ कहा कि निश्चित तौर पर उनकी पार्टी गठबंधन के साथ चुनाव लड़ेगी. एक सवाल के जवाब में कहा कि एनडीए में तो जाने का सवाल ही पैदा नहीं होता है.
श्रवण अग्रवाल ने कहा कि नीतीश सरकार से अब जनता को निजात दिलाना है. एक सवाल के जवाब में कहा, "बीजेपी सबसे बड़का झूठा पार्टी है. हमारे नेता को बरगला कर रखा, लेकिन अब हमारी पार्टी उनके झांसे में नहीं आने वाली है. हम लोग 2025 में सभी 243 सीटों पर तैयारी कर रहे हैं." अंत में कहा कि गठबंधन में जितनी भी सीट मिलेगी उसके बाद अन्य सभी सीटों पर हम गठबंधन के प्रत्याशियों को जिताने का काम करेंगे.
चिराग पासवान पर हमला करते हुए कहा, "पासवान टाइटल लगाने से कोई दलित का नेता नहीं होता है. अगर लोकसभा चुनाव में हमारी पार्टी को पांच सीट एनडीए से मिलती तो सभी 40 सीटों पर जीत होती. हम अगर अकेले लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी खड़ा करते तो एनडीए को सभी सीटों पर हार का सामना करना पड़ता. अब बिहार विधानसभा चुनाव में हम लोग अपनी ताकत दिखा देंगे. बता देंगे कि दलित के नेता चिराग पासवान हैं या पशुपति पारस हैं.
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Source: IOCL





















